नई दिल्ली: देश के अलग-अलग हिस्सों से वाइस चांसलर और शिक्षाविदों ने एक खुला पत्र लिखकर वाइस चांसलर की चयन प्रक्रिया पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी की टिप्पणियों का विरोध किया है. कुलपतियों और शिक्षाविदों ने मांग की है कि इसके खिलाफ कानून के अनुसार तुरंत उचित कार्रवाई की जाए. बता दें कि राहुल गांधी ने देश के विश्वविद्यालयों में नियुक्ति को लेकर आरएसएस (RSS) से जुड़े लोगों की भर्ती का आरोप लगाया था.
वाइस चांसलर और शिक्षाविदों ने पत्र में लिखा, 'जिस प्रक्रिया से वाइस चांसलर का चयन किया जाता है, वह योग्यता, विद्वतापूर्ण विशिष्टता और अखंडता के मूल्यों पर आधारित पारदर्शी प्रक्रिया की विशेषता है. चयन पूरी तरह से शैक्षणिक और प्रशासनिक कौशल पर आधारित होता और विश्वविद्यालयों को आगे ले जाने की दृष्टि से किया गया है.'
पत्र में कहा गया,'कांग्रेस नेता राहुल गांधी के ट्वीट और खुले स्रोतों से यह हमारे संज्ञान में आया है कि वाइस चांसलर की नियुक्ति योग्यता के बजाय पूरी तरह से किसी संगठन से संबद्धता के आधार पर की जाती है, जिससे योग्यता पर सवाल उठाया जाता है. हम स्पष्ट रूप से और ऐसे दावों को खारिज करते हैं.' पत्र में देश भर से 181 हस्ताक्षरकर्ता शामिल हैं.
पत्र में आगे कहा गया,'हमारे बीच शैक्षणिक विषयों और पेशेवर अनुभवों की श्रृंखला चयन प्रक्रिया की निष्पक्ष और समावेशी प्रकृति के प्रमाण के रूप में खड़ी है. यह एक ऐसा माहौल तैयार करने के प्रति हमारे समर्पण को दर्शाता है जो विविधता को महत्व देता है और बढ़ावा देता है. यह स्वतंत्र सोच को प्रोत्साहित करता है और शैक्षिक उपलब्धि का समर्थन करता है.'
पत्र के माध्यम से आग्रह किया,'हम इसमें शामिल सभी व्यक्तियों से दृढ़तापूर्वक आग्रह करते हैं कि वे कल्पना से तथ्य को अलग करने में विवेक का प्रयोग करें, निराधार अफवाहें फैलाने से बचें, और एक गतिशील और समावेशी शैक्षिक वातावरण बनाने के हमारे साझा लक्ष्य के लिए अच्छी तरह से सूचित, रचनात्मक और सहायक संवाद में भाग लें.'
पत्र में आगे कहा गया है कि भारत में विश्वविद्यालयों में महत्वपूर्ण बदलाव आया है. विश्वविद्यालयों के वैश्विक रैंकिंग में सुधार हुआ है. विश्व स्तरीय अनुसंधान और नवाचारों में वृद्धि हुआ है. पाठ्यक्रम में बदलाव आया है. पाठ्यक्रम में उद्योग-अकादमिक अंतर को कम करने का प्रयास किया गया है जिससे प्रोफेशनलिज्म को बढ़ावा मिला है.
ये सभी अकादमिक गुणवत्ता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है. इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि राहुल गांधी ने झूठ का सहारा लिया है और इससे राजनीतिक लाभ प्राप्त करने के इरादे से कुलपतियों के कार्यालय को बड़े पैमाने पर बदनाम किया है. इसलिए, शिक्षाविदों ने ईमानदारी से मांग की है कि उनके खिलाफ कानून के अनुसार तुरंत उचित कार्रवाई की जाए.
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