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तरसेम सिंह हत्याकांड में पुलिस ने दो मुख्य आरोपियों समेत 5 पर मुकदमा दर्ज किया, गुरुदारे में ही रुके हुए थे हमलावर - Tarsem Singh murder case

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Mar 29, 2024, 2:14 PM IST

Updated : Mar 29, 2024, 3:03 PM IST

Tarsem Singh Murder Case नानकमत्ता तरसेम सिंह हत्याकांड में पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है. पुलिस ने गोली चलाने वाले आरोपियों की पहचान कर रही ली है. पुलिस ने इस मामले में दो मुख्य आरोपी समेत पांच लोगों पर मुकदमा दर्ज किया है.

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खटीमा/हल्द्वानी: नानकमत्ता गुरुद्वारे के कार सेवा डेरा प्रमुख बाबा तरसेम सिंह हत्याकांड में पुलिस ने पांच लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया है. तरसेम सिंह हत्याकांड में पुलिस ने सर्वजीत सिंह निवासी ग्राम मियाविंड जिला तरन तारण पंजाब और बाइक पर पीछे बैठा अमरजीत सिंह उर्फ बिट्टा निवासी ग्राम सिहोरा बिलासपुर यूपी को मुख्य आरोपी बनाया है.

इसके अलावा पुलिस ने संदेह के आधार पर तीन और लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है, जिसमें से एक पूर्व आईएएस भी बताया जा रहा है. पुलिस ने गुरुवार 28 मार्च देर रात को ही पांच आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. हालांकि, अभीतक पुलिस ने किसी को भी गिरफ्तार नहीं किया है.

पुलिस का कहना है कि जल्द ही मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर पूरे मामले का खुलासा कर दिया जाएगा. पुलिस ने कल गुरुवार को ही इस मामले में एसआईटी गठित कर दी थी. डीजीपी ने उत्तराखंड एसटीएफ के साथ पुलिस की आठ टीमें बनाकर मामले के खुलासा का दावा किया है. पुलिस कई टीमें मुख्य आरोपियों की तलाश में इधर-उधर हाथ पैर मार रही है.

वहीं इस मामले में पुलिस को जो तहरीर मिली है, उसके आधार पर बताया गया है कि दोनों हमलावर 19 मार्च को गुरुद्वारा परिसर के ही भाई मरदाना यात्री निवास नानकमत्ता के कमरा नंबर 23 में ठहरे हुए थे. प्रार्थी जसवीर सिंह व निरवैर सिंह ने इन दोनों हमलावरों को डेरा कार सेवा परिसर में दो दिन पहले भी घूमते हुए देखा था. इन दोनों हमलावरों में से एक ने यात्री निवास के यात्री रजिस्टर में अपना आधार कार्ड भी दिया था. आधार कार्ड पर आरोपी का नाम सर्वजीत सिंह पुत्र स्वरूप सिंह निवासी ग्राम मियाविंड जिला तरनतारण (पंजाब) है.

तहरीर में बताया है कि आरोपी बिना किसी निजी वाहन आए थे और उनके पास सराय में रहने के दौरान कोई हथियार भी नहीं देखा गया था. घटना के समय इस्तेमाल मोटरसाइकिल व हथियार किसी स्थानीय व्यक्ति ने साजिश के तहत उन्हें उपलब्ध करायी थी. वारदात के समय दूसरा व्यक्ति जो मोटरसाइकिल के पीछ बैठा था ज्ञात हुआ है कि उसका नाम अमरजीत सिंह उफ बिट्टू उर्फ गंडा पुत्र सुरेन्दर सिंह ग्राम सिहौरा थाना बिलासपुर जिला रामपुर है.

तहरीर में बताया गया कि बावा तरसेम सिंह डेरा कार सेवा गुरुद्वारा साहिब की संपत्ति को खुर्द-बुर्द होने से रोकते थे, इसलिए कुछ अन्य लोग भी उनकी हत्या में शामिल हो सकते हैं. कुछ दिनों पहले सोशल मीडिया पर एक पोस्ट की गई थी, जिसके बाद से संदेह जताया गया था कि तरसेम सिंह की हत्या हो सकती है.

क्या कहते हैं डीजीपी: वहीं, इस मामले में उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार का बयान भी सामने आया है. घटना स्थल का निरीक्षण व डेरा के प्रमुख लोगों से बात करने के बाद डीजीपी ने बताया कि, ये एक बहुत बड़ी और दुर्भाग्यपूर्ण घटना है. जांच के लिए सर्वश्रेष्ठ टीम तैनात की गई है. आरोपियों की धरपकड़ के लिए पड़ोसी राज्यों की पुलिस से भी संपर्क किया गया है. एक एसआईटी का गठन किया गया है. ये पता लगाया जा रहा है कि क्या इसके पीछे कोई बड़ी साजिश है. इसको लेकर पुलिस को लगातार नई जानकारी मिल रही है और उसको सत्यापित करना सबसे बड़ी चुनौती है.

बता दें कि कल गुरुवार 28 मार्च को सुबह तरसेम सिंह सुबह करीब 6 बजे नानकमत्ता गुरुद्वारे में कुर्सी पर बैठे हुए थे, तभी बाइक सवार दो बदमाश आए और 10 सेकंड में तरसेम सिंह पर गोली बरसा कर चले गए. इस गोली कांड में तरसेम सिंह की मौत हो गई थी. इस घटना के बाद इलाके के लोगों में काफी आक्रोश है.

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Last Updated :Mar 29, 2024, 3:03 PM IST
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