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क्या मणिपुर में चलेगा 'ब्रांड मोदी'? पीएम के असम, त्रिपुरा दौरे पर विपक्ष का तंज! - Will Brand Modi work in Manipur

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Apr 16, 2024, 8:29 PM IST

पीएम मोदी चुनाव प्रचार करने के लिए असम और त्रिपुरा के दौरे पर हैं. विपक्ष का सवाल है कि क्या पीएम मणिपुर का भी दौरा करेंगे? इस सवाल पर ऑपोजिशन के नेता बीजेपी पर तंज कसते नजर आ रहे हैं. उनका कहना है कि, पीएम मणिपुर के प्रति उदासीन रवैया अपना रहे हैं. इस विषय पर ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता गौतम देबरॉय की एक रिपोर्ट....

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नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) धूुंआधार चुनाव प्रचार करने में जुटी हुई है. इसी क्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार और बुधवार को दो दिवसीय चुनाव प्रचार के लिए असम और त्रिपुरा के दौरे पर हैं. वैसे पीएम मोदी मणिपुर में भाजपा के स्टार प्रचारकों में से एक हैं, लेकिन पीएम के इस राज्य का दौरा करने की संभावना नहीं है. बता दें कि मणिपुर पिछले एक साल से जातीय हिंसक झड़पों का गवाह रही है. वहीं विपक्ष का आरोप है कि पीएम मोदी मणिपुर के प्रति उदासीन रवैया अपना रहे हैं. इसको लेकर ऑपोजिशन पीएम की आलोचना करते नहीं थक रहे हैं. अब ऐसे में सवाल है कि क्या मणिपुर में 'मोदी ब्रांड' काम करेगा? वैसे देखा जाए तो पूरे देश में लोकसभा चुनाव को लेकर मोदी लहर है. हालांकि, मणिपुर को लेकर बीजेपी की क्या रणनीति हो सकती है इसको लेकर विपक्ष बीजेपी पर हमलावर है. बता दें कि पीएम मोदी ने मंगलवार को असम के गुवाहाटी में विशाल रोड शो किया.

पीएम मोदी को मणिपुर जाना चाहिए, सुहास बोले
वहीं मणिपुर दौरे को लेकर गैर-सरकारी संगठन राइट एंड रिस्ट एनालिसिस ग्रुप के निदेशक सुहास चकमा ने कहा कि, पीएम मोदी मोदी को मणिपुर का दौरा करना चाहिए. राज्य के लोग बड़ी बेसब्री से पीएम मोदी का इंतजार कर रहे थे. उन्होंने कहा कि, पीएम मोदी को कम से कम जब चुनाव नजदीक है तो मणिपुर का दौरा करना चाहिए. बता दें कि, सुहास चकमा का संगठन मानवाधिकार समेत अन्य विषयों पर काम करता है. चकमा ने आगे कहा कि, मणिपुर के लोग पीएम मोदी की उदासीनता से काफी आहत हैं.जिसकी वजह से राज्य में आगामी चुनाव में इसकी उपेक्षा की जा सकती है. पिछले साल 3 मई को राज्य के बहुसंख्यक मैतेई और आदिवासी कुकी समुदाय के बीच हिंसा भड़क उठी थी. तब से राज्य में दोनों समुदाय के लोगों के बीच उपजे संघर्ष ने जातीय विभाजन पैदा कर दिया. इसके बाद भी पीएम मोदी ने पिछले एक में एक बार भी मणिपुर का दौरा नहीं किया.

कांग्रेस का बीजेपी पर तंज
मणिपुर के मैतेई बहुल इलाके में 19 अप्रैल को मतदान होगा. वहीं एसटी आरक्षित बाहरी मणिपुर निर्वाचन क्षेत्र में सुरक्षा कारणों से 19 और 26 अप्रैल को मतदान होंगे. वहीं दूसरी तरफ मणिपुर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मेघचंद्र सिंह ने कहा कि, यह बड़े आश्चर्य की बात है कि, भाजपा नीत केंद्र सरकार जिस तरह से मणिपुर को देख रही है उससे यहां के लोग उपेक्षित महसूस कर रहे हैं. उन्होंने सवाल किया, जब पीएम मोदी चुनाव प्रचार के लिए असम और त्रिपुरा का दौरा कर रहे हैं, तो वे मणिपुर क्यों नहीं आ रहे हैं. दरअसल, मणिपुर में विपक्षी कांग्रेस राज्य में चुनाव प्रचार के दौरान इस मुद्दे को लेकर बीजेपी पर हमलावर है. जब इसी विषय पर संवाददाता ने बीजेपी नेताओं से बात की तो उन्होंने कहा कि, उन लोगों को भी पीएम मोदी के मणिपुर दौरे के बारे में कोई जानकारी नहीं है.

क्या बोले बीजेपी और कांग्रेस के नेता?
वहीं, असम के भाजपा महासचिव फणींद्रनाथ सरमा ने कहा कि, उन्हें यह तो मालूम है कि पीएम असम और त्रिपुरा का दौरा कर रहे हैं. मोदी बुधवार को बारपेटा लोकसभा सीट से उम्मीदवार के लिए चुनाव प्रचार करेंगे. इसके बाद पीएम एक और चुनाव अभियान में शामिल होने के लिए त्रिपुरा जाएंगे. लेकिन उन्हें पीएम मोदी के मणिपुर दौरे के बारे में कोई जानकारी नहीं है. वहीं बीजेपी नेता राजू बिस्ता ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि मणिपुर यात्रा पीएम मोदी की पूर्वोत्तर यात्रा के कार्यक्रम में शामिल नहीं है. पीएम असम, त्रिपुरा का दौरा करेंगे. वहीं विपक्ष इसको लेकर बीजेपी पर हमलावर है. मेघचंद्र ने मोदी की गारंटी की घोषणा करने वाले कुछ होर्डिंग का जिक्र करते हुए कहा कि, 'बीजेपी के एजेंडे में मणिपुर के लिए कोई गारंटी नहीं है.'

बीजेपी के स्टार प्रचारक
दिलचस्प बात यह है कि, पीएम मोदी का नाम मणिपुर में पार्टी के स्टार प्रचारकों में से एक हैं. गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा, केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल मणिपुर में भाजपा के अन्य स्टार प्रचारकों में से हैं. गृह मंत्री शाह, जो सोमवार को मणिपुर में थे, ने दावा किया कि मणिपुर में लोकसभा चुनाव राज्य को तोड़ने की कोशिश करने वाली और इसे एकजुट रखने वाली ताकतों के बीच है. शाह ने कहा, 'घुसपैठ के माध्यम से मणिपुर की जनसांख्यिकी को बदलने का प्रयास किया गया.' उन्होंने कहा, 'सभी समुदायों को साथ लेकर और राज्य को तोड़े बिना मणिपुर में शांति स्थापित करना मोदी सरकार की प्राथमिकता है.'

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