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पार्टी गठन के बाद बाजपेयी ने उत्तराखंड से की थी प्रवास की शुरुआत, राज्य गठन में भी निभाई थी बड़ी जिम्मेदारी - BJP Foundation Day

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Apr 6, 2024, 3:39 PM IST

Updated : Apr 6, 2024, 5:25 PM IST

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फोटो-ईटीवी भारत

BJP Foundation Day आज भाजपा का स्थापना दिवस है. 6 अप्रैल 1980 को गठन हुआ भाजपा आज अपना 44वां स्थापना दिवस मना रही है. 2 सांसदों से शुरू हुई पार्टी आज देश की सबसे बड़ी पार्टी बन गई है.

भाजपा का स्थापना दिवस.

देहरादूनः देशभर में भाजपा का एक बड़ा वर्चस्व देखा जा रहा है. मौजूदा स्थिति ये है कि पिछले 10 सालों से केंद्र की सत्ता पर काबिज भाजपा एक बार फिर भारी बहुमत के साथ सत्ता पर काबिज होने का दावा कर रही है. इसमें कोई दो राय नहीं है कि भाजपा वर्तमान समय में देश की सबसे बड़ी पार्टी बन चुकी है. लेकिन एक वो दौर था, जब 1980 में भाजपा के गठन के बाद हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा सिर्फ दो सीटें ही जीत पाई थी. लेकिन आज भाजपा लोकसभा चुनाव में 400 पार का दावा कर रही है.

भारतीय जनता पार्टी का गठन 6 अप्रैल 1980 को हुआ था. उसके बाद से ही एक लंबी जद्दोजहद के बाद बीजेपी ने एक बड़ा मुकाम हासिल किया. उत्तराखंड राज्य गठन के बाद शुरुआती दौर में ही भाजपा को बड़ा झटका लगा था. जबकि उत्तराखंड राज्य गठन के दौरान केंद्र और राज्य में भाजपा की ही सरकार थी. दरअसल, 9 नवंबर 2000 को उत्तराखंड राज्य गठन के बाद करीब 18 महीने भाजपा की अंतरिम सरकार बनी थी. इसके बाद 2002 में हुई पहली विधानसभा चुनाव में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा. साल 2007 में पहली बार भाजपा की निर्वाचित सरकार चुनी गई. इसके बाद कांग्रेस और फिर भाजपा का सिलसिला जारी रहा. लेकिन 2022 में इस पैटर्न को तोड़ते हुए भाजपा दोबारा से सत्ता पर काबिज हुई.

वाजपेयी ने किया था देशभर में प्रवास: भारतीय जनता पार्टी के गठन के बाद पार्टी ने कई उतार-चढ़ाव देखे जिसके तहत 1984 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा. 1984 में भाजपा दो सीटें जीती थी. इसके बाद अटल बिहारी वाजपेयी उस दौरान देश भर के प्रवास पर निकले थे जिसकी शुरुआत उत्तराखंड (उस दौरान उत्तर प्रदेश) से हुई थी. बावजूद इसके 1989 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा को कोई खास सफलता नहीं मिली. लेकिन 1989 के चुनाव में भाजपा 86 सीटें जीती थी. इसी के साथ ही भाजपा के बुलंदी पर जाने का सिलसिला शुरू हुआ. फिर 1991 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा 119 सीटें जीती थी.

1999 में भाजपा को मिली बड़ी जीत: इसके बाद 1996 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा देश की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. इस चुनाव में भाजपा को 161 सीटों पर जीत हासिल हुई. साथ ही अटल बिहारी के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनी जो सिर्फ 13 दिन चली. फिर 1998 में लोकसभा का चुनाव हुए जिसमें भाजपा पहले से अधिक 182 सीटों पर काबिज हुई. भाजपा की सरकार बनी जो 18 महीने चली. फिर 1999 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा को फिर 182 सीटें मिली और भाजपा की सरकार बनी. भाजपा के स्थापना के बाद यह पहली भाजपा की सरकार रही जो पूरे पांच साल चली.

2004 और 2009 के चुनाव में लगा झटका: इसके बाद फिर भाजपा 10 सालों के लिए सत्ता से बाहर हो गई जिसके तहत साल 2004 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस 145 सीटों के साथ सत्ता पर काबिज हुई. फिर 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस 206 सीटों के साथ सत्ता पर काबिज रही. लेकिन साल 2014 में भाजपा का एक बड़ा वर्चस्व देखने को मिला. क्योंकि साल 2014 में भाजपा 282 सीटें हासिल कर सत्ता पर काबिज हुई. यह सिलसिला 2019 में भी देखने को मिला. हालांकि, 2019 लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रचंड बहुमत के साथ 303 सीटें जीतकर सत्ता पर काबिज हुई. ऐसे में भाजपा एक बार फिर अब दावा कर रही है कि 2024 लोकसभा चुनाव में भाजपा 400 से अधिक सीटें जीतेगी.

भाजपा अपने स्थापना दिवस के अवसर को बड़े ही धूमधाम से मना रही है. देश भर में स्थापना दिवस के अवसर पर कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है. इसी क्रम में राज्य में भी भाजपा बूथ स्तर पर स्थापना दिवस को लेकर कार्यक्रमों का आयोजन किया. जिसमें पार्टी के पदाधिकारी, कार्यकर्ताओं और समर्थकों को पार्टी की विचारधारा और संघर्षों की जानकारी दे रहे हैं. साथ ही इस बात पर भी जोर दे रहे हैं कि इस लोकसभा चुनाव में भाजपा ने जो 400 पार का लक्ष्य रखा है, उस लक्ष्य को पूरा करने के लिए जी जान से मेहनत करें.

दरअसल, भाजपा के इस विचारधारा की उत्पत्ति देश की आजादी के बाद ही हो गई थी जिसके बाद अलग-अलग नाम से पार्टियों का गठन किया गया. इसके बाद 6 अप्रैल 1980 को आरएसएस विचारधारा के नेताओं ने मुंबई में भारतीय जनता पार्टी का गठन किया.

ज्यादा जानकारी देते हुए वरिष्ठ पत्रकार जय सिंह रावत ने कहा कि भाजपा सिर्फ एक पार्टी नहीं बल्कि एक विचारधारा है. जिसकी उत्पत्ति देश की आजादी के बाद पार्टी के रूप में की गई थी. समय के साथ पार्टी के नाम पर बदलाव होते रहे. लेकिन उनकी विचारधारा नहीं बदली. इसी क्रम में आरएसएस विचारधारा को ध्यान में रखते हुए 6 अप्रैल 1980 को भारतीय जनता पार्टी का गठन किया गया. हालांकि, गठन के बाद पार्टी को एक लंबा संघर्ष भी करना पड़ा.

विश्व की अनुशासित पार्टी: कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने पार्टी स्थापना दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भाजपा विश्व की सबसे बड़ी अनुशासित पार्टी है. यही वजह है कि भाजपा पर देश की जनता के साथ ही विश्व की भी निगाहें है. विश्व का जब कोई बड़ा नेता देश में आता है तो वह भाजपा कार्यालय में जाकर भाजपा की रीति नीति को जानने की कोशिश करता है. 1951 में जनसंघ के रूप में सफर शुरू हुआ था. 1975 तक ये यात्रा चाली. इमरजेंसी लगने के बाद 1977 में जनता पार्टी का गठन किया गया और जनसंघ का जनता पार्टी में विलय हो गई. इसके बाद 6 अप्रैल 1980 को मुंबई में भाजपा का गठन किया गया. लिहाजा आज भाजपा 400 पार की बात कर रही है.

कांग्रेस का निशाना: कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष मथुरा दत्त जोशी ने कहा कि भाजपा नाम बदलने और मुखौटा बदलने वाले लोग हैं. साल 1937 में जब प्रांतों में सरकार बनी थी, उस दौरान हिंदू सभा ने मुस्लिम लीग के साथ मिलकर सरकार बनाई थी. फिर इन लोगों ने जनसंघ बनाया और साल 1980 में भाजपा बनाया. हालांकि, भाजपा का जन्म बहुत पहले ही हो गया था. लेकिन भाजपा के नेता सिर्फ मुखौटा और नाम बदलने वाले लोग हैं, जिनकी कोई नीति और नीयत नही है. साथ ही कहा कि जब जनता पार्टी चरम पर थी तो उसे दौरान जनता पार्टी का कोई सांसद नहीं था. लिहाजा, एक फेज है जब पार्टी बुलंदी पर पहुंचती है. लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि घमंड किया जाए. क्योंकि राजनीति में घमंड नहीं होना चाहिए. क्योंकि सरकार किसकी होगी यह निर्णय जनता ही करती है. लिहाजा, आने वाले समय में भाजपा को जनता के निर्णय को भुगतना पड़ेगा.

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Last Updated :Apr 6, 2024, 5:25 PM IST
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