ETV Bharat / bharat

लुप्तप्राय प्रजाति दिवस : जानें प्रमुख तथ्य - Endangered Species Day

author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : May 17, 2024, 2:56 PM IST

Endangered Species Day: प्रदूषण, वन्यजीवों के मूल आवासीय इलाके में इंसानों का अतिक्रमण, अवैध शिकार व विभिन्न आपदाओं के कारण दुनिया भर में कई जीवों का अस्तित्व समाप्त हो चुका है. कई समाप्त होने के कगार पर हैं. पढ़ें पूरी खबर...

Endangered Species Day
लुप्तप्राय प्रजाति दिवस (प्रतीकात्मक तस्वीर) (Getty Images)

हैदराबाद : हर साल मई के तीसरे शुक्रवार को लुप्तप्राय प्रजाति दिवस मनाया जाता है. इस दिन दुनिया भर में हजारों लोग लुप्तप्राय के बारे में सीखते हैं. संकटग्रस्त और लुप्तप्राय प्रजातियों की रक्षा के लिए कार्रवाई करते हैं. यह वैश्विक दिवस डेविड रॉबिन्सन और लुप्तप्राय प्रजाति गठबंधन द्वारा 2006 में बनाया और स्थापित किया गया था और तब से यह जारी है.

लुप्तप्राय प्रजाति दिवस 2024 पर वन्यजीव शरणस्थल, उद्यान, स्कूल, पुस्तकालय, संग्रहालय, सामुदायिक समूह, गैर-लाभकारी संस्थाएं और व्यक्ति विशेष कार्यक्रम या कार्यक्रम आयोजित करेंगे. दुनिया भर के लोग इन जागरूकता गतिविधियों में भाग लेते हैं.

राष्ट्रीय लुप्तप्राय प्रजाति दिवस का इतिहास
दुनिया से लगातार कई जीवों की प्रजातियां लुप्तप्राय रही हैं. शायद इतिहास में विलुप्त होने के बारे में सबसे पहले और सबसे अधिक ज्ञात विलुप्तियों में से एक डायनासोर की विलुप्ति है. लुप्तप्राय प्रजाति वह है जो आज भी दुनिया में है, लेकिन अगर सही कदम नहीं उठाए गए तो यह अधिक समय तक नहीं रहेगी.

अंतरर्राष्ट्रीय संघ प्रकृति के संरक्षण के लिए 'लुप्तप्राय' की स्थिति तय करता है. IUCN के अनुसार दुनिया भर में कम से कम 40 फीसदी जानवर, कीड़े और पौधे विलुप्त होने के खतरे में हैं. पहला राष्ट्रीय लुप्तप्राय प्रजाति दिवस 2006 में आयोजित किया गया था, लेकिन इस मुद्दे की आधिकारिक मान्यता उससे कहीं अधिक समय से है. प्रजातियों की रक्षा के लिए बनाए गए कानून चालीस से अधिक वर्षों से किताबों में हैं.

मूल रूप से राष्ट्रीय लुप्तप्राय प्रजाति दिवस लोगों को उन पर्यावरणीय मुद्दों के बारे में अधिक जानने में मदद करने के लिए डिजाइन किया गया है जिनका ग्रह आज सामना कर रहा है. यह लोगों के सामने आने या सक्रियता के बारे में भी नहीं है. इसके बजाय हमारे पास मौजूद पर्यावरणीय समस्याओं को हल करने और प्राकृतिक दुनिया की रक्षा के लिए रचनात्मक, जीत-जीत के तरीके खोजने के लिए एक साथ आना है. आखिरकार हम सभी को इसमें रहना चाहिए.

एक लुप्तप्राय प्रजाति: एक लुप्तप्राय प्रजाति एक प्रकार का जीव है जिसे विलुप्त होने का खतरा है. प्रजातियां दो मुख्य कारणों से लुप्तप्राय हो जाती हैं. निवास स्थान का नुकसान और आनुवंशिक विविधता का नुकसान.

घर का खोनाः निवास स्थान का नुकसान स्वाभाविक रूप से हो सकता है. मानव गतिविधि भी निवास स्थान के नुकसान में योगदान कर सकती है. आवास, उद्योग और कृषि के विकास से देशी जीवों का आवास कम हो जाता है. यह कई अलग-अलग तरीकों से हो सकता है.

आनुवंशिक भिन्नता का नुकसान: आनुवंशिक भिन्नता एक प्रजाति के भीतर पाई जाने वाली विविधता है. यही कारण है कि मनुष्य के बाल सुनहरे, लाल, भूरे या काले हो सकते हैं. आनुवंशिक भिन्नता प्रजातियों को पर्यावरण में होने वाले परिवर्तनों के अनुकूल ढलने की अनुमति देती है. आमतौर पर, किसी प्रजाति की जनसंख्या जितनी अधिक होगी, उसकी आनुवंशिक विविधता उतनी ही अधिक होगी.

दुनिया के 10 सबसे लुप्तप्राय जानवर

  1. जावन गैंडे
  2. अफ्रीकी वन हाथी
  3. अमूर तेंदुआ
  4. सुंडा द्वीप बाघ
  5. माउंटेन गोरिल्ला
  6. अपानुली ओरंगुटान
  7. सुमात्राण ओरंगुटान
  8. यांग्त्जी फिनलेस पोरपोइज
  9. हॉक्सबिल कछुए
  10. काले गैंडे

भारत में लुप्तप्राय हो रही 10 प्रमुख प्रजातियां

  1. हिम तेंदुआ
  2. काला हिरण
  3. एशियाई शेर
  4. बंगाल टाइगर
  5. नीलगिरि तहर
  6. कश्मीरी रेड स्टैग
  7. एक सींग वाला गैंडा
  8. शेर-पूंछ वाला मकाक
  9. देदीप्यमान वृक्ष मेंढक
  10. भारतीय बाइसन (गौर)

ये भी पढ़ें

Green Sea Turtle Body Found: गुजरात के द्वारका तट पर मिला दुर्लभ ग्रीन समुद्री कछुए का शव

तमिलनाडु में इस अजीब जीव को बचाने के लिए बनी सेंचुरी, 11,806 हेक्टेयर क्षेत्र होगा कवर

लुप्तप्राय पक्षियों की संख्या में लगातार आ रही गिरावट, SC ने केंद्र से मांगा जवाब

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.