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विश्व मृदा दिवस: कृषि में बेहिसाब रसायनों के इस्तेमाल से घट रही मिट्टी की उर्वरता

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Published : Dec 5, 2020, 10:33 PM IST

विश्व मिट्टी दिवस संयुक्त राष्ट्र द्वारा हर साल 5 दसंबर को मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उदेश्य किसानो और आम लोगों को मिट्टी की महत्ता के बारे में जागरूक करना है.

Kashipur
काशीपुर

काशीपुर: विश्व मृदा दिवस के मौके पर शनिवार को कृषि विज्ञान केंद्र (केविके) में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. कार्यक्रम में किसानों को मिट्टी की गुणवत्ता के संबंध में जानकारी दी गई. किसानों को सूक्ष्म व गौण तत्वों का खेती के महत्व पर जानकारी दी गई.

पंतनगर विश्वविद्यालय के निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ.अनिल कुमार शर्मा ने कहा कि आज की खेती में जीवाश्म की कमी देखी जा रही है. वहीं खेतों में कार्बनिक खादों का प्रयोग लगभग नगण्य हो गया है. आज के दौर में खेती में जैविक खादों का उपयोग ही मृदा की उर्वरता को बढ़ाया जा सकता है.

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केवीके प्रभारी डॉ. जितेंद्र क्वात्रा ने मृदा परीक्षण के प्रति जागरूक किया. उन्होंने कहा कि कृषक को यह जानना चाहिए कि उसकी भूमि में किस तत्व की कमी और किस की अधिकता है. मिट्टी अम्लीय है और क्षारीय है. फसल से अधिकतम उत्पादन प्राप्त करने के लिए उर्वरकों का समेकित उपयोग कैसे करें.

भूमि संरक्षण अधिकारी डॉ. शशिकांत ने बताया ने किसानों को कृषि एवं भूमि संरक्षण की विभिन्न योजनाएं जैसे फसल बीमा योजना, नमसा, पंजीकरण और मृदा कार्ड के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा गेंहू, सरसों, मटर आदि फसलों की जानकारी प्राप्त कर किसान कृषि विभाग से छूट के आधार पर रसायनों का क्रय कर सकते हैं.

क्यों मनाया जाता है विश्व मिट्टी दिवस

विश्व मृदा दिवस संयुक्त राष्ट्र द्वारा हर साल 5 दसंबर को मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उदेश्य किसानो और आम लोगों को मिट्टी की महत्ता के बारे में जागरूक करना है. किसानों के द्वारा रसायनिक खादों और कीड़ेमार दवाइयों को ज्यादा उपयोग करने से उपजाऊ मिट्टी भी बंजर होती जा रही है. रसायनिक खादों का ज्यादा प्रयोग होने से मिट्टी के जैविक गुणों में कमी आने के कारण इसकी उपजाऊ क्षमता में गिरावट आ रही है. इसलिए किसानों और आम जनता को इसकी सुरक्षा के लिए जागरूक करने की जरूरत है. 20 दिसंबर 2013 को हर साल 5 दसंबर को विश्व मृदा दिवस मनाने का फैसला लिया गया था.

उल्लेखनीय हैं कि हमारे भोजन का 95 प्रतिशत भाग मृदा से ही आता है. वर्तमान में 815 मिलियन लोगों का भोजन असुरक्षित हैं और 2 अरब लोग पोषक रूप से असुरक्षित हैं, लेकिन हम इसे मृदा के माध्यम से कम कर सकते हैं. इस दिवस का उद्देश्य मृदा स्वास्थ्य के प्रति और जीवन में मृदा के योगदान के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाना है.

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