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टिहरी ट्रेजरी गबन मामला: पुलिस ने सात आरोपियों को किया गिरफ्तार, पढ़ें पूरी खबर

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Published : Jan 7, 2022, 7:57 PM IST

Updated : Jan 7, 2022, 8:04 PM IST

नई टिहरी कोषागार में करोड़ों रुपयों का गबन करने वाले आरोपियों को टिहरी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वो लोग ज्यादातर उन पेंशन फाइलों को छांटते थे, जिन पेंशनर्स की मृत्यु हो चुकी है. फिर ई-पोर्टल में उनके जीआरडी नंबर पर उन्हें जीवित दर्शा कर उनके खातों और नाम पर अपने परिचितों का खाता नंबर व नाम आदि डाल देते थे.

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टिहरीःनई टिहरी कोषागार में करोड़ों रुपयों का गबन करने वाले सात आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. 29 दिसंबर 2021 को नई टिहरी के सहायक कोषाधिकारी अरविंद चौहान ने नई टिहरी कोतवाली में लेखाकार कोषागार जयप्रकाश शाह, यशपाल सिंह नेगी, पीआरडी जवान सुरेंद्र सिंह पंवार, खाताधारक मनोज कुमार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था.

मामले के तहत आरोप है कि नई टिहरी कोषागार में कार्यरत लेखाकार कोषागार जयप्रकाश शाह, यशपाल सिंह नेगी ने खाता धारकों के साथ मिलकर पिछले कुछ सालों से कोषागार के ई-कोष पोर्टल पर लॉगिन कर पेंशनर्स के डाटा में छेड़छाड़ कर पेंशनर्स के बैंक खातों के स्थान पर स्वयं अपने तथा अपने परिचितों के खातों में फर्जी तरीके से पेंशन व एरियर का भुगतान कर सरकारी धन का गबन किया.

टिहरी ट्रेजरी गबन मामला.

इस मामले पर कोतवाली नई टिहरी में मुकदमा दर्ज किया गया था. प्रथम जांच में घोटाला 2 करोड़ 21 लाख 23 हजार 150 रुपये का पाया गया. जांच के दौरान सोम प्रकाश पुत्र पदम लाल, सागर पुत्र राजकुमार, दीपक पुत्र सूरज सैनी के नाम सबसे पहले प्रकाश में आए. आरोप है कि कोषागार के कर्मचारियों ने इन तीनों खाताधारकों के खाते में रुपये डालकर गबन किया.

ये भी पढ़ेंः नरेंद्रनगर ट्रेजरी से ₹2.48 करोड़ गबन के पांचों आरोपी 24 घंटे में गिरफ्तार, ऐसे हड़पते थे मृतक पेंशनर्स के पैसे

ऐसे करते थे गबनःपूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वो लोग ज्यादातर उन पेंशन फाइलों को छांटते थे, जिन पेंशनर्स की मृत्यु हो चुकी है. फिर ई-पोर्टल में उनके जीआरडी नंबर पर उन्हें जीवित दर्शा कर उनके खातों और नाम पर अपने परिचितों का खाता नंबर व नाम आदि डाल देते थे. जिसके बाद पेंशनर्स का रुपया उनके परिचितों के खाते में आ जाता था. इसके बाद वो अपने परिचितों को कमीशन के रूप में कुछ रुपये देकर बाकी सारे रुपये वापस ले लेते थे. इस प्रकार धोखाधड़ी के कार्य को अंजाम देते थे.

DIG-SSP ने दिया नकद इनामः टीम द्वारा किए गए अथक प्रयास के फलस्वरूप टिहरी SSP द्वारा टीम को 2500 रुपये नकद इनाम दिए जाने की घोषणा की. इसके अलावा DIG गढ़वाल रेंज द्वारा भी टीम को 5 हजार रुपये का नकद इनाम देने की घोषणा की है.

गिरफ्तार किए गए आरोपियों में लेखाकार कोषागार जयप्रकाश शाह (गबन की गई धनराशि 1 करोड़ 35 लाख 46 हजार 687 रुपये), लेखाकार कोषागार यशपाल सिंह नेगी (गबन की गई धनराशि 33 लाख 3 हजार 45 रुपये), मनोज कुमार (गबन की गई धनराशि 41 लाख 95 हजार 500रुपये), सुरेंद्र सिंह पंवार (गबन की गई धनराशि 10 लाख 77 हजार 918 रुपये) सोम प्रकाश पुत्र पदम लाल, सागर पुत्र राजकुमार, दीपक पुत्र सूरज सैनी शामिल हैं.

कैसे हुआ खुलासा: नैनीताल ट्रेजरी में घपला सामने आने पर उत्तराखंड पेंशन एवं हकदारी निदेशालय देहरादून ने टिहरी कोषागार में भी जांच कराने के निर्देश जारी किए थे. पेंशन प्रकरण देख रहे कैशियर जयप्रकाश शाह और यशपाल सिंह नेगी 25 दिसंबर से अचानक गायब हो गए. परिजनों ने उनकी गुमशुदगी कोतवाली में दर्ज कराई. गड़बड़ी का मामला सामने आने पर सहायक कोषाधिकारी अरविंद सिंह चौहान ने 29 दिसंबर की रात को कोतवाली में लापता दोनों कर्मचारियों के खिलाफ 2 करोड़ 21 लाख 23 हजार 150 रुपये के गबन की तहरीर दी थी.

क्या चल रहा था खेल: कोषागार में पेंशन प्रकरण देख रहे दोनों आरोपी मृतक पेंशनरों के मृत्यु प्रमाण पत्र हटाकर पेंशन की धनराशि अपने खातों में क्रेडिट कराते थे और इस पैसे से अपना शौक पूरा करते थे. दो कैशियर के खातों में 1 करोड़ 68 लाख 46 हजार रुपये जमा हुए हैं. जांच में पता चला है कि कैशियर जयप्रकाश शाह के बैंक खाते में 1 करोड़ 35 लाख 46 हजार रुपये और कैशियर यशपाल सिंह नेगी के खाते में 33 लाख 3 हजार रुपये क्रेडिट हुए हैं.

आरोपियों ने पेंशन का पैसा हड़प कर सुरेंद्र सिंह पंवार के बैंक खाते में 10.77 लाख और मनोज कुमार पता नामालूम के खाते में 42 लाख रुपये अलग-अलग समय पर क्रेडिट करवाए. जांच में यह भी पता चला है कि आरोपियों ने अंतिम बार ऋषिकेश के एक एटीएम से 30 हजार रुपये निकाले थे. उसके बाद से दोनों के मोबाइल फोन बंद हैं जबकि एटीएम का भी उन्होंने इस्तेमाल नहीं किया है.

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नरेंद्र नगर ट्रेजरी घोटाले में भी सफलता:बीती 6 जनवरी को वरिष्ठ कोषाधिकारी नमिता सिंह ने थाना नरेंद्रनगर में तहरीर दी थी, जिसमें उन्होंने बताया था कि नरेंद्रनगर कोषागार से 2 करोड़ 48 लाख 46 हजार 829 रुपये का गबन किया गया है. उन्होंने आरोप लगाया कि कोषाधिकारी जगदीश चंद्र, लेखाकार विनय कुमार चौधरी और पीआरडी सोहबत सिंह पडियार बीते कुछ वर्षों से कोषागार के ई-पोर्टल पर लॉगिन कर पेंशनर्स के डाटा में छेड़छाड़ कर पेंशनर्स के बैंक खातों की जगह स्वयं और अपने परिचितों के बैंक खातों में पेंशन व एरियर का भुगतान कर रहे हैं. उन्होंने सरकारी धन का गबन किया है.

Last Updated :Jan 7, 2022, 8:04 PM IST

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