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गढ़वाल विवि में मत्स्य पालन केंद्र की स्थापना, रिसर्च के साथ छात्रों को किया जाएगा स्किल्ड

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Published : May 20, 2023, 8:04 PM IST

Updated : May 20, 2023, 9:18 PM IST

HNB गढ़वाल केंद्रीय यूनिवर्सिटी में अब एक नया प्रयोग किया जा रहा है. छात्रों को एजुकेट करने के साथ ही उनको एंटरप्रेन्योरशिप के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के मकसद से मत्स्य पालन केंद्र की स्थापना की गई है. इस केंद्र के जरिए शोध कार्यों में भी काफी मदद मिलेगी.

fisheries center in hnb university
fisheries center in hnb university

गढ़वाल विवि में मत्स्य पालन केंद्र की स्थापना

श्रीनगर: हेमवती नंदन गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय ने बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने व एजुकेट करने के मकसद से मत्स्य पालन केंद्र की स्थापना की है. विश्वविद्यालय के जंतु विज्ञान विभाग में स्थापित इस केंद्र में मछलियों पर शोध कार्य किए जाएंगे, साथ ही मछली पालन करने वाले कृषकों को स्किल्ड भी किया जाएगा.

दरअसल, नई शिक्षा नीति के तहत इस तरह के स्किल्ड प्रोग्राम के माध्यम से छात्रों को ट्रेन किया जा रहा है. इसके लिए विभाग के वैज्ञानिक और टेक्नीशियन कृषकों और छात्रों की मदद करेंगे. इसके लिए 5 तालाबों ओर दो दर्जन हैचरी केंद्र में स्थापित की गयी है, जहां 5 हजार मछलियों का संसार बसाया जा रहा है. इसकी शुरुआत प्रथम चरण में 2 हजार विदेशी मछलियों के उत्पादन से की जा चुकी है. इन तालाबों में मछली पालन के लिए पश्चिम बंगाल से पंगास प्रजाति की मछलियों के बीज लाये गए हैं. इसके साथ ही महाशीर मछलियों का भी केंद्र में उत्पादन किया जा रहा है.

दरअसल, श्रीनगर जल विद्युत परियोजना के निर्माण के वक्त परियोजना कंपनी जीवीके और गढ़वाल विवि में करार हुआ था कि परियोजना कंपनी विवि की मत्स्य उत्पादन और उन्हें इन्फ्राट्रक्चर व संसाधन जुटाने में मदद करेगा, जिसे अब मूर्त रूप दिया गया है.
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विवि के जंतु विज्ञान विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक दीपक भंडारी ने बताया कि पहले चरण में 2 हजार पंगास मछलियों को तालाबों में उत्पादित किया जा रहा है. इस मछली की ग्रोथ रेट बेहद फास्ट है. समय के साथ इन मछलियों के बीजों को किसानों और छात्रो को दिया जाएगा, जिससे ये सभी रोजगार से जुड़ सकें. साथ ही इनमें शोध कार्य भी जारी रहेंगे.

वहीं, मत्स्य केंद्र के सह संयोजक प्रो आरएस फर्त्याल ने बताया कि केंद्र की 24 हैचरी में रंगीन मछलियों का उत्पादन भी किया जाएगा. आगे एलिवेटर फिश का उत्पादन करने की कार्य योजना भी है. इसके पीछे सबसे बड़ी वजह छात्रों और बेरोजगार युवाओं को स्किल प्रदान करना है. केंद्र को तकनीकी सपोर्ट देने वाले इंजीनियरिंग नरेश खंडूड़ी ने बताया कि मछलियों को ऑक्सीजन की कमी न हो इसके लिए इयर अटैक लगाए गए हैं. मछलियों की पल-पल की गतिविधियों को देखने के लिए शुरुआत में 4 कैमरे लगाए जा रहे हैं. बाद में इन्हें 8 और फिर 16 किया जा सकता है. इस कैमरों की मदद से मछलियों की ग्रोथ पर शोध के समय वीडियो फुटेज का इस्तेमाल किया जा सकेगा.

गढ़वाल विवि की कुलपति अन्नपूर्णा नौटियाल ने बताया कि मत्स्य केंद्र को खोलने का मुख्य लक्ष्य मछलियों को लेकर जागरुकता उत्पन्न करना है. उन्होंने बताया कि ये केंद्र शोध कार्यों के लिए सबसे बड़ा केंद्र होगा, जहां युवाओं को रोजगार को स्किल्ड किया जाएगा.
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गौर हो कि, प्रदेश में पलायन ओर बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या के रूप में उभर कर आई है, जिसके निदान के लिए विवि स्तर पर छात्रों को स्किल्ड बनाया जा रहा है ताकि भविष्य में युवा एंटरप्रेन्योरशिप अपनाकर अपने खुद का कार्य कर सकें.

Last Updated :May 20, 2023, 9:18 PM IST

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