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श्रीनगर के इंजीनियर ने 40 देशों की करेंसी और सिक्कों को किया जमा, अब बनाएंगे संग्रहालय

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Published : Apr 11, 2023, 2:29 PM IST

Updated : Apr 11, 2023, 4:07 PM IST

कहते हैं शौक बड़ी चीज होती है, जिसके लिए इंसान कुछ भी कर सकता है. ऐसा ही कुछ श्रीनगर के इंजीनियर नरेश चंद्र खंडूरी ने किया है. उन्होंने सिक्कों और करेंसी का ऐसा संग्रह किया है. जो काफी चर्चाओं में है. अब उन्होंने सिक्कों और करेंसी का संग्रहालय बनाने की बात कही है.

Srinagar Engineer Naresh Chandra Khanduri
नरेश चंद्र खंडूरी का कलेक्शन

इंजीनियर ने 40 देशों की करेंसी और सिक्कों को किया जमा.

श्रीनगरः हेमवंती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विवि में विद्युत आपूर्ति का जिम्मा देखने वाले अपर अभियंता नरेश चंद खंडूरी का शौक चर्चाओं में रहता है. उन्हें पुराने सिक्के और करेंसी रखने का शौक है. जिस वजह से उनका घर एक संग्रहालय नजर आता है. उनके पास पुराने सिक्के भी मौजूद हैं. जो शायद ही किसी और के पास हो.

दरअसल, इंजीनियर नरेश खंडूरी को उनके एक दोस्त ने उनके जन्मदिन पर भगवान रामचंद्र के दरबार में ढला हुआ सिक्का दिया था. जिसके बाद उन्हें सिक्का जमा करने का ऐसा शौक चढ़ा कि अभी तक वे 40 देशों की कागजी मुद्रा और 5000 सिक्के जमा कर चुके हैं. इसके लिए वे अपने मित्रों परिजनों की मदद भी लेते हैं. जब भी उनका कोई परिजन या मित्र विदेश जाता है तो वे उनसे उस देशों की करेंसी ले लेते हैं. कई बार तो उन्हें पुराने सिक्कों की खोज में यात्राएं तक करनी पड़ जाती है.

इंजीनियर नरेश खंडूरी के मिनी संग्रहालय में अमेरिका, ब्रिटेन, चीन, रूस, नेपाल, बांग्लादेश, डेनमार्क, फ्रांस जैसे 40 देशों के सिक्के और कागजी मुद्राएं मौजूद हैं. इतना ही नहीं मुस्लिम धर्म के सबसे पवित्र नंबर 786 के भी कई भारतीय नोट भी उनके पास है. इसके अलावा उनके पास अंग्रेजों के गुलामी के दौरान 1800 से आजादी तक के कागजी मुद्रा भी मिल जाते हैं.
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नरेश खंडूरी बताते हैं कि उनके इस कलेक्शन में हाथों से ढाले गए मुगलकालीन सिक्के भी मौजूद हैं. अभी उन्होंने इस कलेक्शन को सही से एकीकृत नहीं किया है. समय की कमी और जॉब के प्रेशर के चलते वे इन्हें एकीकृत नहीं कर पा रहे है, लेकिन उन्होंने बताया कि रिटायर होने के बाद वे अपने घर पर ही इसका संग्रहालय बनाएंगे.

उन्होंने बताया कि वे बीते 33 साल से एचएनबी गढ़वाल विवि में विद्युत अभियांत्रिकी विभाग में अपर अभियंता के पद पर कार्य कर रहे हैं. उन्होंने राजकीय पॉलिटेक्निक से इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया. जबकि, हाईस्कूल और इंटर की पढ़ाई जीआईसी श्रीनगर से की. वहीं, आठवीं तक की पढ़ाई उन्होंने कैंट स्कूल लैंसडाउन से पूरी की.

Last Updated :Apr 11, 2023, 4:07 PM IST
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