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पौड़ी में बंदरों को भगाना पड़ा भारी, गिरने से बुजुर्ग महिला की गई जान

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Published : Aug 17, 2023, 10:05 PM IST

पौड़ी के तमलाग गांव में एक बुजुर्ग महिला को बंदरों को भगाना भारी पड़ गया. उत्पाती बंदरों को भगाने के चक्कर में महिला घर के आंगन से नीचे गिर पड़ी. जिसके चलते उसकी मौके पर ही मौत हो गई. वहीं, चार महीने के भीतर पौड़ी जिले में बंदर 60 लोगों पर हमला कर चुके हैं.

Elderly Woman Died During Chase Away Monkeys
पौड़ी में बंदरों को भगाना पड़ा भारी

पौड़ीःउत्तराखंड में वन्य जीव फसलों को चौपट तो कर ही रहे हैं, साथ ही इंसानों पर भी हमला कर रहे हैं. गुलदार, भालू, सूअर के बाद अब बंदरों का आतंक देखने को मिल रहे हैं. इन बंदरों से फसलों को बचाना भी बड़ी चुनौती बन गया है. पौड़ी के तमलाग गांव में बंदरों के उत्पात से ग्रामीण परेशान हैं. यहां इन उत्पाती बंदरों को भगाना एक बुजुर्ग महिला इतना भारी पड़ गया कि उसकी जान ही चली गई.

दरअसल, इन दिनों पौड़ी और आसपास के गांवों में बंदरों का आतंक इतना बढ़ गया है कि लोगों की दिनचर्या भी प्रभावित हो गई है. शुक्रवार की दोपहर को तमलाग गांव में बंदरों के झुंड ने बुजुर्ग के घर और खेत खलिहानों पर धावा बोला. उत्पाती बंदरों को भगाने के दौरान 80 साल की बुजुर्ग महिला अनियंत्रित होकर अपने ही घर के आंगन से नीचे गिर पड़ी. जिससे बुजुर्ग की मौत हो गई.

वहीं, इस घटना के बाद से ग्रामीणों में वन विभाग के प्रति रोष बना हुआ है. ग्रामीणों ने वन विभाग से बंदरों के आतंक से निजात दिलाने की मांग उठाई है. उधर, ग्रामीणों की सूचना पर वन महकमे के अधिकारी गांव पहुंचे और पीड़ित परिवार से मुलाकात की. साथ ही बंदरों को पकड़ने का आश्वासन दिया.
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पौड़ी रेंज के रेंजर ललित मोहन नेगी ने बताया कि बंदरों झुंड को भगाने के चलते बुजुर्ग आंगन से गिर गई. जिससे 80 साल की बसंती देवी पत्नी कुशाल सिंह की मौत हो गई. उन्होंने कहा कि जल्द ही गांव में पिंजरा लगाकर बंदरों को पकड़ा जाएगा. ताकि, ग्रामीणों को बंदरों के आतंक से निजात मिल सके.

बंदरों से निजात दिलाने की मांग को लेकर विद्यादत्त शर्मा ने दिया थाःबंदरों के आतंक से निजात दिलाने की मांग को लेकर कल्जीखाल ब्लॉक के सांगुड़ा निवासी 87 साल के बुजुर्ग किसान विद्यादत्त शर्मा ने बीती 3 अगस्त को डीएम कार्यालय के बाहर धरना दिया था.
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उनका कहना था कि बंदरों के आतंक से ग्रामीण खेती छोड़ने को मजबूर हैं. बंदरों को भगाने पर वो वापस लोगों पर ही हमला कर उन्हें घायल कर रहे हैं. विद्यादत्त शर्मा की मानें तो वो शासन से लेकर प्रशासन तक कई बार बंदरों के आतंक से निजात दिलाने की गुहार लगा चुके हैं, लेकिन इस पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है.

4 महीने में 60 पर किया हमलाःगुलदार के लिए प्रसिद्ध पौड़ी जिले में बंदरों के हमलों की संख्या भी कहीं अधिक बढ़ गई है. जिला अस्पताल के आंकड़ों पर गौर करें तो अकेले पौड़ी शहर में बीते मई से लेकर अब तक बंदरों ने 60 लोगों को घायल किया है. जिसमें मई में 9, जून में 27, जुलाई में 15 तो अगस्त में अभी तक 9 लोग शामिल हैं.

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