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कॉर्बेट के पाखरो रेंज में अवैध पातन मामले में निलंबित रेंजर गिरफ्तार, विजिलेंस ने असम से दबोचा

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Published : Oct 13, 2022, 7:57 PM IST

उत्तराखंड के कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के पाखरो रेंज में अवैध पातन के मामले निलंबित रेंजर बृज बिहारी शर्मा गिरफ्तार हो गया है. विजिलेंस की टीम ने रेंजर शर्मा को असम से गिरफ्तार किया है. अवैध पातन मामले में विजिलेंस की पहली गिरफ्तारी है.

Ranger Arrest from Assam
निलंबित रेंजर गिरफ्तार

हल्द्वानी: कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के कालागढ़ डिवीजन के पाखरो व सोना नदी रेंज में पेड़ों के अवैध कटान के मामले में आरोपी क्षेत्राधिकारी बृज बिहारी शर्मा को विजिलेंस ने असम के कामाख्या मंदिर के पास से गिरफ्तार किया है. पूछताछ के बाद विजिलेंस ने आरोपी को कोर्ट में पेश किया, जहां न्यायालय ने आरोपी को जेल भेज दिया गया है.

एसपी विजिलेंस कुमाऊं प्रहलाद मीणा ने बताया कि कॉर्बेट नेशनल पार्क के कालागढ़ डिवीजन में पाखरो एवं सोना नदी रेंज में बड़े पैमाने पर पेड़ों का अवैध कटान, अवैध निर्माण कार्यों एवं वित्तीय अनियमितता के मामले की जांच विजिलेंस को सौंपी गई थी. इस मामले की जांच में विजिलेंस को गड़बड़ी के पुख्ता सबूत मिले थे, जिसके बाद विजिलेंस हल्द्वानी में यह मामला दर्ज किया गया था. ऐसे में विजिलेंस ने इस मामले के आरोपी क्षेत्राधिकारी बृज बिहारी शर्मा को असम से गिरफ्तार (Brij Bihari Sharma Arrest) कर लिया है.

गौर हो कि राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) की जांच में आरोप की पुष्टि होने के बाद प्रमुख मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ) राजीव भरतरी ने 27 अक्टूबर 2021 को पाखरो रेंजर बृज बिहारी शर्मा के निलंबन के आदेश जारी किए थे. रेंजर शर्मा पर पाखरो वन सफारी परियोजना में निर्धारित से अधिक पेड़ कटवाने का आरोप है.
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वहीं, कुछ पर्यावरण प्रेमियों ने इसमें बिना वित्तीय और अन्य तरह की स्वीकृतियों के निर्माण और पेड़ों के कटान का आरोप लगाते हुए एनटीसीए में शिकायत की थी, जिसके बाद एनटीसीए की टीम ने वहां आकर निरीक्षण किया था और अपनी रिपोर्ट में आरोपों की विजिलेंस जांच व इसमें शामिल अफसरों पर कार्रवाई की सिफारिश की थी.

अपनी रिपोर्ट में एनटीसीए ने इसे प्रशासनिक नियंत्रण में गंभीर चूक का उदाहरण बताते हुए विभाग के बड़े जिम्मेदार अफसरों की भूमिका पर भी सवाल उठाए थे. इसके बाद वहां के रेंजर बृज बिहारी शर्मा को सस्पेंड कर दिया गया. जिसके बाद दो आईएफएस को अलग अलग जांच सौंपी गई, लेकिन दोनों ने जांच से हाथ खींच लिए इसके बाद शासन ने पूरे मामले की विजिलेंस जांच दी थी. इस पूरे मामले में विजिलेंस ने अभी पहली गिरफ्तारी की है और इसमें विजिलेंस आगे की जांच पर आरोपियों तक पहुंच सकती है.

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