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टिफिन टॉप की दरक रही पहाड़ी, खतरे में डोरोथी सीट का अस्तित्व

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Published : May 2, 2021, 11:29 AM IST

सरोवर नगरी नैनीताल में प्रसिद्ध टिफिन टॉप में हो रहे भूस्खलन के कारण वहां स्थित डोरोथी सीट (चबूतरे) के अस्तित्व पर खतरा पैदा हो गया है.वहीं समय रहते भूस्खलन को रोकने के उपाय नहीं हुए तो डोरोथी सीट का अस्तित्व खत्म हो जाएगा.

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नैनीताल

नैनीतालः पर्यटक स्थल नैनीताल की सबसे ऊंची पहाड़ी टिफिन टॉप पर हो रहे भूस्खलन से डोरोथी सीट का अस्तित्व संकट में आ गया है. दरअसल, नैनीताल आने वाले पर्यटक ट्रैकिंग करते हुए नैनीताल की पहाड़ियों का लुत्फ उठाने के लिए डोरोथी सीट पर्यटक स्थल तक आते हैं. लेकिन भूस्खलन के कारण अब पर्यटकों की पसंदीदा जगह डोरोथी सीट मात्र एक पत्थर पर टिका हुआ है. वहीं समय रहते भूस्खलन को रोकने के उपाय नहीं हुए तो डोरोथी सीट का अस्तित्व खत्म हो जाएगा.

बता दें कि नैनीताल के अयारपाटा की पहाड़ी पर स्थित पर्यटक स्थल समुद्र तल से लगभग 7500 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. यहां से न केवल नैनीताल बल्कि तराई क्षेत्र का भी सुंदर नजारा दिखने को मिलता है. लेकिन अब इस पहाड़ी पर हुए भूस्खलन से पर्यटक स्थल का अस्तित्व खतरे में दिख रहा है.

टिफिन टॉप की दरक रही पहाड़ी.

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क्षेत्र के पर्यटन कारोबारियों का कहना है कि टिफिन टॉप में भूस्खलन हो रहा है और बीती रात क्षेत्र की पहाड़ी से कई बोल्डर खाई में भी गिरे. जिससे खतरा और भी बढ़ गया है. लिहाजा सरकार को इस तरफ ध्यान देना चाहिए.

ब्रिटिश शासक में हुआ था डोरोथी सीट का निर्माण

बता दें कि नैनीताल के डोरोथी सीट पर्यटक स्थल का निर्माण ब्रिटिश शासकों द्वारा किया गया था. ब्रिटिश शासक अधिकांश रूप से नैनीताल आने के दौरान टिफिन टॉप की पहाड़ियों से नैनीताल का दीदार किया करते थे.

नैनीताल के एसडीएम प्रतीक जैन का कहना है कि टिफिन टॉप की पहाड़ी व डोरोथी सीट के भूस्खलन से क्षतिग्रस्त होने जानकारी मिली है. जल्द ही भूगर्भ वैज्ञानिकों की टीम के साथ क्षेत्र का निरीक्षण कर चबूतरे व पहाड़ी का ट्रीटमेंट किया जाएगा.

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