हल्द्वानी: उत्तराखंड सरकार ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट कराने की तैयारियों में जुटी हुई है. इन्वेस्टर समिट को लेकर सूबे में सियासत भी तेज हो गई है.बीते दिनों कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष, करन माहरा और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इंवेस्टर्स समिट को लेकर धामी सरकार पर जमकर निशाना साधा था. वहीं अब इसको लेकर विधायक सुमित हृदयेश और उत्तराखंड कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता दीपक बल्यूटिया ने भी सरकार पर सवाल खड़े किए हैं.
इन्वेस्टर्स समिट को लेकर हमलावर हुई कांग्रेस, सवाल खड़े कर बताया धन की बर्बादी
By ETV Bharat Uttarakhand Team
Published : Oct 24, 2023, 10:42 AM IST
|Updated : Oct 24, 2023, 12:35 PM IST
Uttarakhand Investors Summit उत्तराखंड में इन्वेस्टर्स समिट को लेकर कांग्रेस सरकार पर हमलावर है. साथ ही इन्वेस्टर्स समिट के बहाने लगातार सरकार को घेरने की कोशिश कर रही है. इसी कड़ी में हल्द्वानी विधायक, सुमित हृदयेश और कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता, दीपक बल्यूटिया ने सरकार से सवाल खड़े किए हैं.
हल्द्वानी विधायक, सुमित हृदयेश ने कहा कि इंवेस्टर्स समिट को लेकर सिर्फ लोगों को गुमराह किया जा रहा है. इससे पहले भी राज्य सरकार ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट कर चुकी है, उसका क्या हुआ यह सब जानते हैं.उन्होंने कहा कि इंवेस्टर्स समिट को लेकर जो माहौल बनाया जा रहा है वो सिर्फ प्रदेश की जनता को गुमराह करने का प्रयास है. सुमित हृदयेश ने कहा कि साल 2018 में तत्कालीन बीजेपी की सरकार और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जो बात कही थी, वहीं आज सीएम पुष्कर सिंह धामी भी बोल रहे हैं. इसमें कुछ भी नया नहीं है. इन्वेस्टर समिट के नाम पर केवल सरकारी धन का बर्बाद किया जा रहा है.
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कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता, दीपक बल्यूटिया ने भी इन्वेस्टर समिट पर चौतरफा घेरते हुए बीजेपी सरकार से कई सवाल किए है. दीपक बल्यूटिया ने कहा कि उत्तराखंड की बीजेपी सरकार खुद अपनी पीठ थपथपाने के लिए इस प्रकार के प्रोपेगेंडा कर रही है.जबकि जो कंपनी पहले से उत्तराखंड में कार्यरत है उसे किस बात का एमओयू साइन हुआ है, ये बड़ी अजीब बात है. पूर्व में हुए इन्वेस्टर समिट में कंपनियां नहीं आई और इन्वेस्टर के नाम पर केवल माहौल खड़ा किया गया. दीपक बल्यूटिया ने आगे कहा कि उत्तराखंड में इन्वेस्टर लाने के लिए राज्य के हालात बेहतर होने चाहिए, लेकिन वर्तमान में हालात बदहाल हैं. सरकार को सबसे पहले एक ठोस रणनीति के तहत इस ओर ध्यान देना चाहिए. बीजेपी सरकार के द्वारा जनता को भ्रमित करने के लिए सिर्फ नाम के लिए एमओयू साइन किए जा रहे हैं. जिसका उत्तराखंड के विकास में कोई फायदा नहीं होने वाला है.