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हल्द्वानी बाल संप्रेक्षण गृह की दो महिला कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज, किशोरी को बाहर ले जाकर दुष्कर्म करवाने का आरोप

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Dec 16, 2023, 11:43 AM IST

Updated : Dec 16, 2023, 2:27 PM IST

case registered against two female employees of Child Protection Home नैनीताल जिले के हल्द्वानी शहर में चल रहे बाल संप्रेषण गृह से एक किशोरी के शोषण की खबर आ रही है. आरोप है कि बाल संप्रेषण गृह की दो महिला कर्मचारी एक किशोरी को बाहर ले जाती थीं. इसके बाद बाहर इस किशोरी के साथ गलत काम किया जाता था. बाल कल्याण समिति के सदस्य रविंद्र रौतेला की तहरीर पर दोनों महिला कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.

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बाल संप्रेक्षण गृह की दो महिला कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा

हल्द्वानी: शहर में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां बाल संप्रेक्षण गृह की दो महिला कर्मचारी पर सर्वेक्षण गृह में रह रही नाबालिग किशोरी के साथ दुष्कर्म करवाने का आरोप लगा है. बताया जा रहा है कि महिला कर्मचारी किशोरी को बाहर ले जाती थीं.

इस मामले में बाल कल्याण समिति के सदस्य रविंद्र रौतेला की तहरीर पर हल्द्वानी कोतवाली पुलिस ने बाल संप्रेक्षण गृह हल्द्वानी की दो महिला कर्मचारियों के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज किया है. बाल कल्याण समिति के सदस्य रविंद्र रौतेला ने पुलिस में तहरीर देते हुए कहा है कि महिला कर्मचारी संप्रेक्षण गृह में रह रही एक किशोरी को बाहर लेकर जाती थीं. बाहर उसके साथ दुष्कर्म होता था. हल्द्वानी कोतवाली पुलिस ने दोनों महिला कर्मचारियों के विरुद्ध शुक्रवार देर रात दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट सहित विभिन्न गंभीर धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कर ली है.

बताया जा रहा है कि बाल कल्याण समिति के लोगों ने पीड़ित किशोरी से इस मामले में बातचीत की थी. बातचीत में किशोरी द्वारा अपने साथ हुई घटना को बताया गया. आरोप सही पाए जाने पर समिति के लोग दंग रह गए. हल्द्वानी कोतवाल हरेंद्र चौधरी ने बताया कि पूरे मामले की जांच की जा रही है. महिला आरोपियों के खिलाफ धारा 323/228/376 सहित पॉक्सो एक्ट की विभिन्न धाराओं में नामजद मुकदमा दर्ज किया गया है.

क्या है पॉक्सो एक्ट? बच्चों के साथ होने वाले अपराधों जैसे यौन शोषण पर लगाम लगाने के लिए पॉक्सो एक्ट लाया गया. ये सख्त अधिनियम महिला और बाल विकास मंत्रालय द्वारा साल 2012 में बनाकर लागू किया गया था. POCSO(Protection of Children Against SexualOffence) एक्ट भारत सरकार द्वारा 2020 में अधिसूचित किया गया. यह अधिनियम 18 वर्ष से कम उम्र के किसी भी व्यक्ति के रूप में बच्चे को परिभाषित करता है. पॉक्सो एक्ट में अपराध की गंभीरता के अनुसार सजा प्रदान की जाती है.
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Last Updated :Dec 16, 2023, 2:27 PM IST

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