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नैनीताल के आलूखेत में भूस्खलन से खतरा बढ़ा, लोगों ने लगाई विस्थापन की गुहार

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Published : Oct 12, 2022, 11:54 AM IST

Nainital Alukhet Landslide
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नैनीताल के आलूखेत क्षेत्र में भूस्खलन जारी है. साल 1971 में प्रशासन ने आलूखेत को अति संवेदनशील मानते हुए रेड जोन घोषित किया था. इसके बावजूद शासन प्रशासन ने भूस्खलन को रोकने के लिए कोई ठोस उपाय नहीं किए हैं. जिससे कई घरों को खतरा पैदा हो गया है. भूस्खलन प्रभावित लोगों ने विस्थापन की मांग की है.

नैनीतालःउत्तराखंड में बारिश का दौर जारी है. नैनीताल में भी लगातार हो रही बारिश से आलूखेत क्षेत्र में भूस्खलन (Nainital Alukhet Landslide) हो रहा है. जिससे स्थानीय लोग दहशत में हैं. भूस्खलन प्रभावित लोगों ने शासन प्रशासन से जल्द से जल्द विस्थापन करने की गुहार लगाई है. वहीं, कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने तहसील कार्यालय का औचक निरीक्षण किया और व्यवस्थाओं का जायजा लिया.

नैनीताल के आलूखेत निवासी अरुण कुमार बताते हैं कि यहां सत्तर के दशक से लगातार भूस्खलन हो रहा है. साल 1971 में प्रशासन ने आलूखेत को अति संवेदनशील मानते हुए रेड जोन घोषित किया था, लेकिन प्रशासन ने आज तक क्षेत्र में हो रहे भूस्खलन को रोकने के लिए किसी प्रकार के कार्य नहीं किए. जिसके चलते बरसात में बड़ा भूस्खलन हुआ है. जिससे क्षेत्रवासियों के ऊपर खतरा मंडरा रहा है.

नैनीताल के आलूखेत में भूस्खलन से खतरा बढ़ा

वहीं, स्थानीय निवासी किशन आर्य ने बताया कि कई बार भूस्खलन की समस्या से निजात पाने के लिए शासन प्रशासन को ज्ञापन दे चुके हैं, लेकिन आज तक भूस्खलन की समस्या से निपटने के लिए कोई उचित कदम नहीं उठाए गए. जिसके चलते भूस्खलन का खतरा और बढ़ गया है. अगर समय रहते सरकार ने आलूखेत भूस्खलन क्षेत्र का ध्यान नहीं दिया तो कई लोग इसकी चपेट में आ सकते हैं.
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भूस्खलन से अरुण कुमार, पितांबर, मनोहर लाल, उमेश चंद्र, राजू सोनकर, विक्की, विजय कुमार के घरों को खतरा बढ़ा है. मौके पर पहुंचे पटवारी अमित शाह ने बताया कि भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र में करीब आठ घरों को खतरा है. जिसकी रिपोर्ट बनाकर उच्च अधिकारियों को भेज दी है. क्षेत्रीय लोगों की समस्या के आधार पर उनको विस्थापन करने का कार्य किया जाएगा.

कुमाऊं कमिश्नर ने किया तहसील कार्यालयों का निरीक्षणःकुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत (Kumaon Commissioner Deepak Rawat) ने तहसील कार्यालय का निरीक्षण किया. आयुक्त ने तहसील में भूमि एवं अन्य मामलों से संबंधित विवादित फाइलें, विवादित फाइलें, निस्तारित फाइलें एवं दाखिल खारिज, सीलिंग, राजस्व वसूली, खनन, व्यापार कर समेत भूमि से जुड़े कोर्ट में लंबित मामलों की जानकारियों को गहनता से देखा.

कमिश्नर रावत ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि जो वाद लंबे समय से विचाराधीन हैं, उन्हें कम से कम अवधि की तारीख देकर तेजी से निस्तारित करें. ताकि लंबित मामलों का समय पर निस्तारण किया जा सके. साथ ही एडीएम अशोक कुमार जोशी को प्रत्येक तीन महीने के अंतराल पर तहसीलों के कार्यों का औचक निरीक्षण कर समीक्षा करने के निर्देश दिए. वहीं, भूमि पैमाइश के आवेदनों का व्यवस्थित रखरखाव एवं सही जानकारी न देने पर नाजिर रोहित पालीवाल को कारण बताओ नोटिस जारी करने को कहा.

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