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शंकराचार्य अभिनंदन समारोह का विरोध शुरू, अखाड़ा परिषद के बाद अब काली सेना ने खोला मोर्चा

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Published : Oct 13, 2022, 8:01 PM IST

Updated : Oct 13, 2022, 8:26 PM IST

17 अक्टूबर को जोशीमठ में आयोजित होने वाले शंकराचार्य अभिनंदन समारोह का विरोध शुरू हो गया है. अखाड़ा परिषद के बाद अब काली सेना ने जोशीमठ में होने वाले अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के अभिनंदन समारोह का विरोध शुरू कर दिया है.

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काली सेना ने खोला मोर्चा

हरिद्वार: आदि गुरु शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती (Adi Guru Shankaracharya Swaroopanand Saraswati) के ब्रह्मलीन होने के बाद उनके शिष्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती (Avimukteshwarananda Saraswati) को शंकराचार्य बनाने का विरोध जारी है. जहां एक ओर अखाड़ा परिषद द्वारा उनका विरोध किया जा रहा है. वहीं, अब काली सेना ने जोशीमठ में होने वाले अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के अभिनंदन समारोह का विरोध शुरू कर दिया है. काली सेना ने अभिनंदन समारोह में शंकराचार्य विधुशेखर भारती के आने पर उनके विरोध की घोषणा की है.

काली सेना ने खोला मोर्चा

आदि गुरु शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती के निधन के बाद उनके शिष्य स्वामी सदानंद सरस्वती और स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती द्वारा उनके उत्तराधिकारी के तौर पर द्वारिका और ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य बनने से शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. 17 अक्टूबर को जोशीमठ में आयोजित होने वाले अभिनंदन समारोह का भी विरोध शुरू हो गया है. जिसको लेकर काली सेना ने घोषणा कर दी है. काली सेना का कहना है कि स्वामी श्रद्धानंद सरस्वती और स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के अभिनंदन समारोह में पहुंच रहे जगतगुरु शंकराचार्य विधुशेखर भारती को उत्तराखंड में प्रवेश से रोका जाएगा.
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शांभवी आश्रम के माध्यक और काली सेना के संरक्षक आनंद स्वरूप ने कहा अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के शंकराचार्य बनने में शंकराचार्य बनने की प्रक्रिया को अनदेखा किया गया है. जिसका वह लगातार विरोध करते रहेंगे और 17 तारीख को होने वाले कार्यक्रम का बौद्धिक रूप से विरोध भी करते रहेंगे. काली सेना के जिला अध्यक्ष विनोद महाराज ने कहा जोशीमठ में आयोजित अभिनंदन समारोह में पहुंच रहे विधु शेखर भारती को हरिद्वार के बॉर्डर अथवा एयरपोर्ट पर काली सेना घेरने का काम करेगी और उनको अभिनंदन समारोह में जाने से रोकेगी.

Last Updated :Oct 13, 2022, 8:26 PM IST

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