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उत्तराखंड में धीमी हुई वैक्सीनेशन की रफ्तार, 26 हजार युवाओं को ही लग पाई है डबल वैक्सीन

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Published : Jun 19, 2021, 7:21 AM IST

प्रदेश में युवाओं को कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लगने में हुई देरी के कारण अभी तक दूसरी डोज नहीं लग पाई है. प्रदेश में बेहद कम संख्या में युवाओं को दोनों डोज लगी है.

Vaccination speed slows
Vaccination speed slows

देहरादून:उत्तराखंड में अभी भी कोरोना का कहर जारी है, कोरोना से बचाव के लिए प्रदेशवासियों को कोरोना वैक्सीन लगाई जा रही है. सभी वर्गों के लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही है. वहीं प्रदेश में युवाओं को कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लगने में हुई देरी के कारण अभी तक दूसरी डोज नहीं लग पाई है. प्रदेश में बेहद कम संख्या में युवाओं को दोनों डोज लगी है.

गौर हो कि, उत्तराखंड में महज 26,327 युवा ही है जिनको दोनों डोज लगी है. पहली डोज वाले युवा भी स्लॉट बुकिंग को लेकर काफी परेशान है. हालत यह है कि राज्य में 10 मई से शुरू किए गए इस अभियान में अभी तक 6,33,457 युवाओं को ही वैक्सीन लग पाई है.

इतने युवाओं ने ली कोरोना वैक्सीन की पहली डोज

उत्तराखंड में जून महीने में 3,57,835 युवाओं को वैक्सीन की पहली डोज लगाई गई थी. जबकि प्रदेश में करीब 5 लाख युवा है जिनको वैक्सीन लगाई जानी है. ऐसे में 18 दिनों के अंदर करीब 3.5 लाख युवाओं को वैक्सीन लगाए जाने की रफ्तार काफी धीमी दिखाई दे रही है. प्रदेश में 10 मई से शुरू हुए युवाओं के लिए वैक्सीनेशन अभियान के तहत करीब 22 दिनों में 3 लाख से भी कम युवाओं को वैक्सीन लगाई गई.

इतने युवाओं ने ली कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज

उत्तराखंड में अगर डबल डोज की स्थिति देखें तो 14 जून को 9,123 युवाओं को दोनों डोज लगाई जा चुकी थी, 1 दिन बाद यानी 15 जून को करीब 6,700 युवाओं को दूसरी डोज दी गई. जबकि 16 जून को 5 हजार से भी कम युवाओं को दूसरी डोज मिली. इसके बाद 17 जून को करीब 3,800 युवाओं को दूसरी डोज दी गई. 18 जून को करीब 2,500 युवाओं को दूसरी डोज दी गई.

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वहीं पहली डोज में भी वैक्सीन की कमी के चलते युवाओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. एक तरफ युवाओं को स्लॉट नहीं मिल पा रहा है तो दूसरी तरफ वैक्सीन खत्म होने के कारण कई बार युवाओं को बैरंग ही वापस लौटना पड़ रहा है.

स्लॉट बुक नहीं होने से युवा परेशान
18 से 44 साल की उम्र के लोगों को वैक्सीन लगाने के लिए जरूरी है कि वह कोविन ऐप पर स्लॉट बुक कराएं. स्लॉट बुक कराने से केंद्र और समय निर्धारित होता है, लेकिन वैक्सीन की कमी के चलते स्लॉट बुक नहीं हो रहा है, जिससे युवा परेशान हैं.

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