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ऋषभ पंत की कार एक्सीडेंट के बाद जागा पुलिस महकमा, पर्वतीय इलाकों में चलाया जाएगा विशेष अभियान

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Published : Jan 8, 2023, 11:43 AM IST

उत्तराखंड में हर साल सड़क हादसों में सैकड़ों लोगों की जान चली जाती है, लेकिन ट्रैफिक पुलिस चालानी कार्रवाई कर जिम्मेदारी से इतिश्री कर लेती है. ऋषभ पंत की कार हादसे के बाद अब पुलिस महकमा अलर्ट नजर आ रहा है. जिसे देखते हुए सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित सड़क सुरक्षा कमेटी 6 बिंदुओं पर उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों में विशेष अभियान चलाने जा रही है. जिससे सड़क हादसों पर लगाम लगाई जा सके.

Uttarakhand Traffic Directorate
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देहरादूनःक्रिकेटर ऋषभ पंत की कार एक्सीडेंट के बाद ओवर स्पीड और ओवरलोडिंग को लेकर उत्तराखंड ट्रैफिक निदेशालय की नींद टूटी है. यही वजह है कि अब उत्तराखंड में सड़क हादसों को रोकने के लिए ट्रैफिक निदेशालय विशेष अभियान चलाने जा रहा है. ताकि इन हादसों पर अंकुश लगाया जा सके. इस कड़ी में उत्तराखंड ट्रैफिक निदेशालय डीआईजी मुख्तार मोहसिन ने सभी जिलों के पुलिस अधीक्षक के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अभियान को लेकर जरुरी दिशा निर्देश दिए. वहीं, सभी जिलों के प्रवर्तन की कार्रवाई की समीक्षा कर जागरूकता कार्यक्रम को नए सिरे आगे बढ़ाने पर जोर दिया गया.

उत्तराखंड में हुए बड़े सड़क हादसेःबता दें कि साल 2022 में उत्तराखंड में कई बड़े सड़क हादसे हुए हैं. जिसमें 5 जून 2022 को यमुनोत्री हाईवे पर डामटा के पास मध्य प्रदेश के यात्रियों से भरी बस गहरी खाई में गिरी. इस हादसे में 26 लोगों की जान गई. इसके बाद 4 अक्टूबर 2022 को पौड़ी के सिमडी में बारातियों से भरी बस खाई में गिरी. जिसमें 33 लोगों की जान चली गई. वहीं, 18 नवंबर 2022 को चमोली के जोशीमठ के उर्गम पल्ला जखोला मार्ग पर सूमो खाई में गिरी. जिसमें 12 लोगों की मौत हुई. इसके अलावा रोजाना होने वाले हादसों का आंकड़े भी काफी ज्यादा हैं.

वहीं, सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर गठित सड़क सुरक्षा समिति अब मुख्यतः 6 बिंदुओं को लेकर उत्तराखंड में विशेष अभियान चलाने जा रहा है. ताकि इन हादसों पर अंकुश लगाया जा सके. सबसे पहले पर्वतीय जिलों में सड़क हादसों की रोकथाम को लेकर ओवरलोड और ओवरस्पीड पर चलने वाले चालकों के खिलाफ चेकिंग अभियान चलाया जाएगा. इसके लिए ट्रैफिक प्रवर्तन की कार्रवाई में क्वालिटी चालान पर विशेष ध्यान देने पर जोर दिया जाएगा.
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सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित सड़क सुरक्षा समिति के सुधार के लिए निर्धारित 6 बिंदुओं (रेड लाइट, तेज रफ्तार, ओवर लोडिंग, मालवाहक में सवारी ले जाना, वाहन चलाते समय मोबाइल का प्रयोग और नशे में वाहन चलाना) पर प्रभावी तरीके प्रवर्तन टीम कार्रवाई करेगी. क्योंकि, ट्रैफिक निदेशालय के मुताबिक, सबसे ज्यादा हादसे इन्हीं कारणों से होती हैं. वहीं, चालानी कार्रवाई की बात करें तो साल 2022 में जनवरी से नवंबर महीने तक 12,816 चालान किए गए. जिसमें 3,130 लोगों के डीएल निरस्तीकरण के लिए भेजे गए.

वहीं, राज्य के सभी 13 जिलों में गति सीमा का पुनः निर्धारण कर लिया जाएगा. ताकि इसे मैप और गूगल मैप (Google Map) पर अपडेट कराया जा सके. इससे आमजन को राज्य के समस्त सड़कों की गति सीमा और ट्रैफिक डायवर्जन की रियल टाइम जानकारी मिल सके. इसके अलावा हाईवे ट्रैफिक पेट्रोलिंग यूनिट (Highway Traffic Patrolling Unit) कार भी संचालित की जा रही है.

साल 2022 में जनवरी से नवंबर महीने तक हाईवे ट्रैफिक पेट्रोलिंग यूनिट ने 15,393 चालान किए. जबकि, 213 स्थानों पर दुर्घटना राहत बचाव कार्य भी किए. वहीं, 1172 स्थानों पर जाम/अतिक्रमण की समस्या का निराकरण करने के साथ 948 अपराध रोकथाम संबंधी कार्यों को भी अंजाम दिया. अभी की बात करें तो हाईवे यूनिट मौजूदा समय में 14 वाहनों का चालान कर चुकी है.

ट्रैफिक निदेशालय के अनुसार, वाहन टोइंग की कार्रवाई में पूर्व की अपेक्षा सुधार हुआ है. इसमें और बेहतर तरीके से कार्य किए जाने की आवश्यकता है. साल 2022 में जनवरी से नवंबर महीने तक 12,425 वाहनों को टो किया गया और 12,229 वाहनों का चालान किया गया. टोइंग की प्रभावी कार्रवाई करने से नो पार्किंग में वाहन लगाने वालों में कमी आएगी. वहीं, ई चालान के माध्यम से अब तक 16 लाख से ज्यादा का जुर्माना वसूला जा चुका है.

वहीं, उत्तराखंड पुलिस एप (Uttarakhand police App) में Traffic Eyes के माध्यम से जनवरी से नवंबर 2022 तक 57,627 शिकायतें मिली. जिसमें से स्पष्ट शिकायतें 25,395 हैं. ऐसे में इस संबंध में 23,396 लोगों को नोटिस भेजा जा चुका है. इस इंफोर्समेंट पर सभी जिलों को और प्रभावी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं.
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