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देहरादून पहुंचे नए राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह, बुधवार को लेंगे शपथ

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Published : Sep 14, 2021, 5:13 PM IST

Updated : Sep 14, 2021, 9:26 PM IST

उत्तराखंड के नए राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह देहरादून पहुंच गए हैं. जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया.

नए राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह
नए राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह

देहरादून/डोईवाला: उत्तराखंड के नवनियुक्त राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (रि) गुरमीत सिंह मंगलवार को जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंच गए हैं. जहां उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर देते हुए भव्य स्वागत किया गया है. इस दौरान प्रोटोकॉल मंत्री धन सिंह रावत ने नए राज्यपाल का स्वागत किया है. इस दौरान देहरादून डीएम आर राजेश और एसएसपी जन्मेजय खंडूरी भी मौजूद रहे.

राज्यपाल बेबी रानी मौर्य के इस्तीफे के बाद लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह को उत्तराखंड का राज्यपाल बनाया गया है. उन्हें चीन मामलों का विशेषज्ञ माना जाता है. वह करीब चार दशकों तक सैन्य सेवा के बाद फरवरी 2016 में सेवानिवृत्त हुए. बुधवार को राज्यपाल पद की शपथ लेंगे.

नए राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह.

लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह का सफर:कई पदकों से सम्मानिक लेफ्टिनेंट जनरल सिंह लगभग चार दशकों की सेवा के बाद फरवरी 2016 में सेना से सेवानिवृत्त हुए थे. लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने सेना में अपनी सेवा के दौरान सेना के उप प्रमुख, सहायक जनरल और कश्मीर में नियंत्रण रेखा की निगरानी करने वाली 15वीं कोर के कोर कमांडर के पद पर काम किया.

रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह डेप्‍युटी चीफ ऑफ आर्मी स्‍टाफ भी रह चुके हैं. उन्‍होंने दो विश्‍वविद्यालयों से एमफिल की डिग्री ली है. डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कोर्स और नेशनल डिफेंस कॉलेज से स्नातक, लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने चेन्नई और इंदौर विश्वविद्यालयों से दो एमफिल किए हैं.

नए राज्यपाल को दिया गया गार्ड ऑफ ऑर्नर.

पढ़ें: लेफ्टिनेंट जनरल (रि) गुरमीत सिंह उत्तराखंड के नए राज्यपाल नियुक्त

वह सैन्य संचालनों के अतिरिक्त महानिदेशक के रूप में चीन से जुड़े परिचालन और सैन्य रणनीतिक मुद्दों को भी संभाल रहे थे. लेफ्टिनेंट जनरल सिंह सेना में रहने के दौरान, एक दशक से अधिक समय तक कई विशेषज्ञ समूहों, संयुक्त कार्य समूहों, वार्षिक संवादों और चीन अध्ययन समूह की बैठकों का हिस्सा रहे.

लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने महत्वपूर्ण सैन्य कूटनीतिक और सीमा या वास्तविक नियंत्रण रेखा की बैठकों के लिए सात बार चीन का दौरा किया. इस नयी नियुक्ति के अलावा, राष्ट्रपति ने कुछ राज्यों के राज्यपालों के फेरबदल का भी आदेश दिया, जिसमें बनवारीलाल पुरोहित को तमिलनाडु से पंजाब ट्रांसफर किया जाना शामिल है. वह पहले पंजाब का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे थे.

माना जा रहा है कि सेना के पूर्व वरिष्ठ अधिकारी को उत्तराखंड का राज्यपाल बनाकर सैन्य महकमे में एक संदेश देने की कोशिश की गई है. 2022 में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, ऐसे में सैन्य बाहुल्य प्रदेश उत्तराखंड में लेफ्टिनेंट जनरल सिंह को राज्यपाल नियुक्त कर केंद्र सरकार ने एक तीर से दो निशाने साधे हैं. उत्तराखंड के बिपिन रावत पहले ही सीडीएस के तौर पर काम कर रहे हैं.

बता दें कि कई पदकों से सम्मानिक अधिकारी, लेफ्टिनेंट जनरल सिंह लगभग चार दशकों की सेवा के बाद फरवरी 2016 में सेना से सेवानिवृत्त हुए थे. लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने सेना में अपनी सेवा के दौरान सेना के उप प्रमुख, सहायक जनरल और कश्मीर में नियंत्रण रेखा की निगरानी करने वाली 15वीं कोर के कोर कमांडर के पद पर काम किया.

2022 में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. उसके पहले केंद्र सरकार ने एक तीर से दो निशाना साधा है. उत्तराखंड सैनिक बाहुल्य प्रदेश है. ऐसे में सेना के पूर्व वरिष्ठ अधिकारी को उत्तराखंड का राज्यपाल बना कर एक संदेश देने की कोशिश की गई है. उत्तराखंड के बिपिन रावत सीडीएस के तौर पर काम कर रहे हैं. इस तरह से उत्तराखंड को एक नए राज्यपाल को राजनीतिक तौर पर काफी महत्वपूर्ण नजरिए से देखा जा रहा है.

Last Updated :Sep 14, 2021, 9:26 PM IST

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