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मिशन 2024: चुनावी रणनीति बनाने में जुटी पार्टियां, बूथ स्तर पर बीजेपी-कांग्रेस का फोकस

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Published : May 7, 2023, 4:45 PM IST

Updated : May 7, 2023, 5:46 PM IST

आगामी दिनों में उत्तराखंड में निकाय चुनाव और लोकसभा चुनाव होने हैं. जिसको लेकर अभी से बीजेपी और कांग्रेस ने तैयारियां शुरू कर दी है. दोनों ही पार्टियां बूथ स्तर पर संगठन को मजबूत करने को लेकर फोकस कर रही है.

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चुनावी रणनीति बनाने में जुटी पार्टियां

चुनावी रणनीति बनाने में जुटी पार्टियां

देहरादून:अगले साल 2024 में लोकसभा चुनाव होने हैं. जिसको लेकर अभी से राजनीतिक दलों ने तैयारियां शुरू कर दी है. लोकसभा चुनाव को लेकर उत्तराखंड में भी बीजेपी और कांग्रेस अभी से सक्रिय नजर आ रही है. दोनों ही दल ने चुनावी रणनीति पर काम करना भी शुरू कर दिया है.

लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा का सबसे पहले फोकस उन क्षेत्रों पर हैं, जहां 2022 विधानसभा चुनाव में बीजेपी को करारी हार मिली थी. भाजपा इन हारी हुई सीटों पर बूथ स्तर तक पार्टी को मजबूत करने के साथ ही केंद्र और राज्य सरकार की जनकल्याण की योजनाओं को घर-घर पहुंचाने का फैसला लिया है. वहीं, कांग्रेस पार्टी भी बूथ कमेटियों के गठन पर फोकस कर रही है.

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने बताया पार्टी चुनाव के लिए संगठन की मजबूती के साथ ही जनहित से जुड़े मुद्दों को प्रमुखता के साथ उठा रही है. कांग्रेस ने सभी जगहों के प्रभारी बना दिए हैं. कांग्रेस का सामाजिक कार्यों में भी ध्यान केंद्रित रहता है, इसके लिए अभी हाल ही में पीसीसी की ओर से एक ब्लड डोनेशन कैंप लगाया गया था. इसके अलावा कांग्रेस कार्यकर्ता अंकिता को न्याय दिलाने के लिए लगातार आंदोलनरत हैं.

इसके साथ ही कांग्रेस प्रदेश में हुए भर्ती घोटालों में न्याय के लिए कोर्ट का भी रुख किया है, लेकिन भाजपा का एकमात्र लक्ष्य चुनाव को जीतना और चुनावी रणनीति बनाना है. भाजपा को सामाजिक सरोकारों, राष्ट्र की गिरती अर्थव्यवस्था, बेटियों के हो रहे अपमान से कोई लेना देना नहीं है.
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करन माहरा ने भाजपा को अंग्रेजों की दूसरी पंक्ति के लोग बताते हुए जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा जो अंग्रेज किया करते थे, वहीं बीजेपी करती है. भाजपा को एक ही काम आता है कि चुनाव कैसे जीता जाए, उनको सामाजिक सरोकार, गिरती अर्थव्यवस्था और बेटियों के अपमान से कोई लेना देना नहीं है और उनसे कोई उम्मीद की भी नहीं जा सकती है.

वहीं, नगर निकाय चुनाव समय पर कराए जाने को लेकर कांग्रेस चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाने जा रही है. इसके लिए पार्टी के भीतर अध्ययन चल रहा है. कांग्रेस पार्टी के प्रदेश महामंत्री नवीन जोशी ने निकाय चुनाव में हो रही देरी को लेकर प्रदेश सरकार पर आरोप लगाए. उन्होंने कहा सरकार नगर निकाय चुनाव को टालना चाहती है. सरकार ओबीसी आरक्षण का सर्वे न होने का बहाना बना रही है. जबकि हकीकत ठीक इसके उलट है.

उन्होंने कहा राज्य सरकार निकाय चुनाव में हार के डर से चुनाव की तिथियों को आगे बढ़ाना चाहती है. क्योंकि भाजपा को आभास हो गया है कि इस नगर निकाय चुनाव में उनका बुरा हश्र होने जा रहा है. वहीं उन्होंने देहरादून मेयर सुनील उनियाल गामा की संपत्ति पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा मेयर रहते हुए उनकी संपत्ति 5 से 10 गुना बढ़ी है. एक तरफ प्रदेश की जनता महंगाई और बेरोजगारी से त्रस्त है. दूसरी तरफ भाजपा नेताओं की संपत्ति में इजाफा होता जा रहा है.

एक मंच एक संवाद से एकजुट होगी कांग्रेस: हल्द्वानी में भी आगामी नगर निगम चुनाव और लोकसभा चुनाव को देखते हुए कांग्रेस तैयारियों में जुटती नजर आ रही है. हल्द्वानी में आज महानगर अध्यक्ष कांग्रेस की अध्यक्षता में एक मंच एक संवाद कांग्रेस कार्यक्रम आयोजित किया गया. जिसमें विधायक सुमित हृदयेश समेत कांग्रेस कार्यकर्ता और पदाधिकारी शामिल हुए. इस मौके पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने एकजुट होकर पार्टी को मजबूत करने का आह्वान किया. कांग्रेस महानगर अध्यक्ष गोविंद सिंह बिष्ट ने कहा निकाय चुनाव और लोकसभा चुनाव को देखते हुए पार्टी की एकजुटता के लिए काम किया जाएगा. जीत का संकल्प लिया जाएगा.

कांग्रेस विधायक सुमित हृदयेश ने भी कांग्रेसी कार्यकर्ताओं से पार्टी को मजबूत करने के लिए एकजुट होने का आह्वान किया. उन्होंने कहा निकाय चुनाव को देखते हुए, जो भी कांग्रेस कार्यकर्ता तैयारी कर रहे हैं. वह बेहद मजबूती और सभी कार्यकर्ताओं को एक साथ लेकर चलें. एक मंच एक संवाद मे कांग्रेस नेताओं ने कहा कार्यकर्ताओं से संवाद किए बिना संगठन को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता. महानगर अध्यक्ष गोविंद सिंह बिष्ट के मुताबिक कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जिस तरीके से काम करने की ऊर्जा है, उसको लेकर के आज एक मंच पर सबको एकत्रित कर संगठन को मजबूत करने का कार्य किया गया है.

वहीं, भाजपा के प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी ने बताया 2022 विधानसभा चुनाव में कुल 23 सीटों पर हमारी हार हुई थी. जिसको देखते हुए पार्टी ने यह निर्णय लिया है कि 2024 लोकसभा चुनावों से पहले इन हारी हुई विधानसभा सीटों पर कार्यक्रम आयोजित करेगी. साथ ही लोकसभा और राज्यसभा सांसद इन सभी विधानसभाओं का भ्रमण करेंगे. बूथ स्तर तक पार्टी को मजबूत किया जाएगा. इसके साथ ही केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं की जानकारी जन-जन तक पहुंचाई जाएगी.

गौरतलब है कि एक तरफ भाजपा ने 2022 विधानसभा चुनाव में हारी हुई सीटों पर बूथ स्तर तक पार्टी को मजबूत करने का काम शुरू कर दिया है. वहीं, कांग्रेस पार्टी ने भी आगामी चुनाव की तैयारियां तेज कर दी है.

Last Updated :May 7, 2023, 5:46 PM IST

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