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राज्य आंदोलनकारियों ने गांधी पार्क के बाहर दिया धरना, अंकिता हत्याकांड और भू कानून को लेकर आवाज की बुलंद

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Published : Nov 6, 2022, 7:59 PM IST

राज्य आंदोलनकारियों ने आज गांधी पार्क के बाहर धरना (Protest outside Gandhi Park) दिया. इस दौरान राज्य आंदोलनकारियों ने अंकिता हत्याकांड (ankita murder case) की सीबीआई जांच और आरोपियों के खिलाफ जल्द से जल्द चार्जशीट दाखिल करने की मांग (Demand to file charge sheet in Ankita murder case) की है. साथ ही आंदोलनकारियों ने प्रदेश में सशक्त भू कानून की मांग भी की है.

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राज्य आंदोलनकारियों ने गांधी पार्क के बाहर दिया धरना

देहरादून:अंकिता हत्याकांड में एसआईटी को FSL रिपोर्ट (SIT awaits FSL report) का इंतजार है. FSL रिपोर्ट के आने के बाद ही कोर्ट में चार्जशीट दाखिल (charge sheet filed in court) की जाएगी. एसआईटी डिजिटल और साइंटिफिक रिपोर्टों से मजबूत चार्जशीट तैयार करना चाहती है, जिसके लिए देहरादून और FSL सेंटर चंडीगढ़ से आने वाली रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है. वहीं, राज्य आंदोलनकारियों ने अंकिता हत्याकांड की सीबीआई जांच और आरोपियों के खिलाफ जल्द से जल्द चार्जशीट दाखिल करने की मांग की है. जिसे लेकर आज गांधी पार्क के बाहर धरना दिया गया.

इस दौरान आंदोलनकारियों ने प्रदेश में सशक्त भू कानून लागू किए जाने की मांग उठाई. इस संबंध में राज्य आंदोलनकारी मंच ने एक ज्ञापन तहसीलदार एसएस रांगड़ के माध्यम से मुख्यमंत्री को प्रेषित किया. पूरन सिंह लिंगवाल और मंच के अध्यक्ष जगमोहन नेगी ने कहा कि अंकिता हत्याकांड में परिजनों को न्याय दिलाने के लिए तमाम सामाजिक, और जन संगठन लगातार सरकार पर दबाव बना रहे हैं. ऐसे में सरकार को शीघ्र ही अंकिता हत्याकांड की जांच सीबीआई को सौंपनी चाहिए. इसके अलावा राज्य आंदोलनकारियों ने 10% क्षैतिज आरक्षण के लिए अध्यादेश एक्ट लागू करने की मांग उठाई.

पढे़ं-अंकिता हत्याकांड में एसआईटी को अभी भी FSL रिपोर्ट का इंतजार, कोर्ट में दाखिल की जाएगी मजबूत चार्टशीट

जिलाध्यक्ष प्रदीप कुकरेती के अनुसार मुख्यमंत्री की घोषणा व शासनादेश के बावजूद चिन्हिकरण की प्रक्रिया खोखली साबित हुई है. राज्य के आंदोलनकारियों का कहना है कि आज हमारे प्रदेश के लोग हमारे मूल निवास और भू कानून से महरूम हैं. यहां अंधाधुन भू माफिया की की बाढ़ आ गई है. ऐसे में सरकार राज्य स्थापना पर इन सभी बिंदुओं पर विचार करते हुए राज्य आंदोलनकारियों की मांगों को पूरा करना चाहिए.

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