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REALITY CHECK: ये पब्लिक है भई, सारे RULES जानती है, लेकिन मानती नहीं

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Published : May 31, 2019, 11:23 PM IST

Updated : Jun 1, 2019, 12:30 PM IST

ईटीवी भारत की टीम ने देहरादून के मुख्य चौराहों में किया ट्रैफिक नियमों को लेकर रियलिटी चेक.

ट्रैफिक नियमों को लेकर REALITY CHECK.

देहरादून: स्मार्ट सिटी बन रही राजधानी दून की जनता ट्रैफिक नियमों का पालन करने के मामले में कितनी स्मार्ट हैं, ईटीवी भारत की टीम ने इसकी पड़ताल करने के लिए दून की सड़कों पर एक REALITY CHECK किया. रियलिटी चेक के दौरान ट्रैफिक नियमों के पालन में अहम भूमिका निभाने वाले जेब्रा क्रॉसिंग का लोग कितना ख्याल रखते हैं और इसके प्रति कितने जागरुक हैं, ये भी देखा गया.

ट्रैफिक नियमों को लेकर REALITY CHECK.

रियलिटी चेक के लिए सबसे पहले ईटीवी भारत की टीम देहरादून के राजपुर रोड स्थित बहल चौक पहुंची. यहां मुख्य चौराहे पर रेड सिग्नल होने पर सभी वाहन तो रुक गए, लेकिन अधिकतर लोगों ने जेब्रा क्रॉसिंग के आगे या इसपर ही अपने वाहन खड़े कर दिए. ऐसे में जब इन वाहन मालिकों से हमारी टीम ने जेब्रा क्रॉसिंग का मतलब और इसपर वाहन खड़े करने का कारण पूछा तो हर किसी ने इसका मतलब तो बता दिया, लेकिन इसे रोजमर्रा में न उतार पाने के कई बहाने बनाने लगे.

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बहल चौक के बाद जब हमारी टीम रियलिटी चेक के लिए दिलाराम चौक पहुंची तो वहां भी लोग रेड सिग्नल होने पर अपने वाहन को जेब्रा क्रॉसिंग पर खड़े करते दिखे. राजधानी के सभी मुख्य चौराहों पर जब ये रियलिटी चेक किया गया तो यही सामने आया कि लोगों को ट्रैफिक नियमों के बारे में पता होने के बावजूद भी ट्रैफिक सिग्नल से जल्दी अपनी गाड़ी निकालने के चक्कर में इन नियमों को ताक पर रखते हैं.

क्या हैजेब्रा क्रॉसिंग?
मुख्य चौराहे पर सड़क पर बनी काली और सफेद धारियां को जेब्रा क्रॉसिंग कहा जाता है. इसे पैदल चलने वालों लोगों की सहूलियत के लिए बनाया जाता है. पैदल चलने वाले लोग भारी ट्रैफिक के बीच भी आसानी से सड़क पार कर सकें इसी मकसद से इसे बनाया गया है. बात अगर देहरादून की जनता करें तो रियलिटी चेक में हमने पाया कि दूनवासी जेब्रा क्रॉसिंग की जानकारी तो रखते हैं, लेकिन नियमों का पालन करना नहीं चाहते.

Intro:Special Story .

File send from FTP

FTP Folder- Traffic Reality Check


देहरादून- स्मार्ट सिटी के तौर पर विकसित हो रहे देहरादून शहर के लोग आखिर ट्रैफिक नियुमों का पालन करने के मामले में कितने स्मार्ट हैं इसका जायज़ा ईटीवी भारत की टीम ने एक REALITY CHECK के माध्यम से लिया । लेकिन अफसोस कि हमारे इस रियलिटी चेक में कई दून वासी फिस्सडी साबित हुए ।

दसअसल इस रियलिटी चेक में हमने राजधानी की जनता से ये जानने का प्रयास किया कि आखिर शहर के लगभग हर मुख्य चौराहों पर बने ज़ेबरा क्रासिंग स वो क्या समझते हैं ?

सबसे पहले रियलिटी चैक के लिए हमारी टीम देहरादून के राजपुर रोड स्थित बहल चौक पहुंची जहां मुख्य चौराहे पर रेड सिगनल होने पर सभी वाहन रुक तो जरूर गए । लेकिन यहां हमने पाया कि कई लोगों ने ज़ेबरा क्रॉसिंग के आगे या जेबरा क्रॉसिंग पर ही अपने वाहन खड़े कर दिए हैं । ऐसे में जब इन वाहन स्वामियों से हमारी टीम ने जेब्रा क्रासिंग पर वाहन खड़े करने के सम्बंध में बात की तो सभी लोग तरह तरह के बनाते नज़र आए । लेकिन हां इतना जरूर है कि इन सभी लोगों को ये पता था कि आखिर ज़ेबरा क्रॉसिंग किस लिए होती है।






ईटीवी भारत की टीम ने राजधानी के विभिन्न मुख्य चौराहों पर जब एक रियलिटी चेक किया तो लोग ट्रैफिक नियमों का ज्ञान रखने के बावजूद सभी ट्रैफिक नियमों को ताक पर रखते नज़र आए ।


Body:वही बहल चौक के बाद जब हमारी टीम रियलिटी चेक के लिए राजधानी के दिलाराम चौक पहुची तो यहां भी हमें स्थिति जस की तस ही नजर आई । रेड सिग्नल होंने पर अपने वाहन को ज़ेबरा क्रासिंग पर खड़े करने वाले वाहन स्वामी यहां भी ज़ेबरा क्रासिंग को लेकर जानकारी पूरी रखने का हवाला देते हुए चलते बने । लेकिन सभी जानकार यहां भी हमें ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करते ही नज़र आए ।







Conclusion:बहरहाल आपकी जानकारी के लिए यहां हम बता दे कि किसी भी मुख्य चौराहे पर जो काली और सफेद धारियां बनी आप देखते हैं वह ज़ेबरा क्रॉसिंग होती है । इसे पैदल चलने वालों लोगों की सहूलियत के लिए बनाया जाता है । जिससे कि भारी ट्रैफिक के बीच भी पैदल यात्री आसानी से सड़क पार कर सकें । लेकिन बात राजधानी देहरादून की जनता की करें तो हमारे रियलिटी चेक में यहां की जनता ट्रैफिक नियमों का उल्लंखन करने में काफी फिस्सडी साबित हुई । अपने रियलिटी चेक से हम यही कह सकते हैं कि दून की जनता सही गलत की जानकारी तो पूरी रखती है लेकिन नियमों का पालन नहीं करना चाहती।
Last Updated :Jun 1, 2019, 12:30 PM IST

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