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उत्तराखंड में बीज बम अभियान का आगाज, 15 जुलाई तक चलेगा कार्यक्रम

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Published : Jul 9, 2020, 10:16 PM IST

Updated : Jul 9, 2020, 10:22 PM IST

हिमालय पर्यावरण जड़ी-बूटी ऐग्रो संस्थान जाड़ी की ओर से पर्यावरण संरक्षण के अलावा मानव और वन्यजीवों के बीच बढे़ संघर्ष को कम करने के लिए बीज बम अभियान चलाया जा रहा है. यह अभियान 9 जुलाई से 15 जुलाई तक चलेगा.

seed bomb
बीज बम

देहरादूनः सूबे में बीज बम अभियान की शुरुआत हो गई है. अभियान का शुभारंभ विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने बीज बम बनाकर किया. यह अभियान 9 जुलाई से 15 जुलाई तक चलेगा. इस दौरान प्रदेश के कई हिस्सों में बड़े स्तर पर बीज बम फेंका जाएगा.

जानकारी देते विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल.

दरअसल, हिमालय पर्यावरण जड़ी-बूटी ऐग्रो संस्थान जाड़ी की ओर से पर्यावरण संरक्षण के अलावा मानव और वन्यजीवों के बीच बढे़ संघर्ष को कम करने के लिए बीज बम अभियान चलाया जा रहा है. विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि आए दिन मानव और वन्यजीवों के बीच खूनी संघर्ष की खबरें आती है. इस संघर्ष में कभी-कभी तो दोनों की ही जान चली जाती है. जो एक गंभीर विषय है. ऐसे में बीज बम अभियान से पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ जंगली जानवरों की समस्या का समाधान हो सकता है. वहीं, उन्होंने सभी प्रदेशवासियों को अभियान से जुड़ने की अपील की.

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वहीं, बीज बम अभियान के प्रणेता द्वारिका प्रसाद सेमवाल ने बताया कि साल 2017 से इस अभियान पर काम किया जा रहा है. इस बार भी जन भागीदारी बढ़ाने के लिए बीज बम अभियान सप्ताह मनाया जा रहा है. 9 जुलाई से 15 जुलाई तक चलने वाले इस कार्यक्रम में उत्तराखंड के साथ देश के अन्य हिस्सों में सामाजिक संगठन, सरकारी विभाग, पुलिस महकमा, ग्राम पंचायत, शिक्षक और एनएसएस के छात्र भाग ले रहे हैं.

बीज बम बनाने की विधि
बीज बम बनना बहुत ही आसान है. मिट्टी, कंपोस्ट, कागज की लुगदी और पानी मिला कर गोला बनाया जाता है. जिसके अंदर सब्जियों और फलों के कुछ बीज रख देते हैं. चार दिन छांव में सूखाने के बाद बीज बम को खाली जगहों पर फेंक दिया जाता है. अनुकूल वातावरण मिलने पर बीज अंकुरित होता है. मॉनसून सीजन में पर्याप्त मात्रा में बारिश होती है. लिहाजा, जंगल में कहीं भी बीज आसानी से उग जाते हैं. जिसमें लगे फल-फूल आदि को वन्यजीव खाते हैं.

Last Updated :Jul 9, 2020, 10:22 PM IST

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