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उत्तराखंड में मोहर्रम पर निकाले गए जुलूस, सुपुर्द-ए-खाक हुए ताजिये, याद किये गये 'इमाम'

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Published : Jul 29, 2023, 9:37 PM IST

Updated : Jul 29, 2023, 10:26 PM IST

देशभर में मोहर्रम के मौके पर ताजियों का जुलूस निकाला गया. शिया और सुन्नी समुदाय के लोगों ने अलग-अलग तरह से मोहर्रम मनाया. उत्तराखंड में भी मोहर्रम का मातम और जुलूस देखने को मिले.

Muharram across the country
उत्तराखंड में मोहर्रम पर निकाले गए जुलूस

उत्तराखंड में मोहर्रम पर निकाले गए जुलूस

विकासनगर/लक्सर/नैनीताल: उत्तराखंड के अलग-अलग मुस्लिम बहुल इलाकों में मोहर्रम का जुलूस निकाला गया. विकासनगर, लक्सर, नैनीताल में शिया और सुन्नी समुदाय ने कर्बला में शहीद हुए शहीदों की याद में ताजिया के साथ जुलूस निकाला. इस मौके पर कई जगहों पर रक्तदान शिविर की भी आयोजन किया गया.

विकासनगर में अंबाडी और कालसी में ताजियों के साथ जुलूस निकाला गया. जिसके चलते इमाम हुसैन को मानने वालों ने कुरान ए पाक की तिलावत करके कर्बला के शहीदों की रूह को सबाब पंहुचाया. इस दौरान एक और ताजियादारों ने मातम मनाया. मोर्हरम के दिन मातम में खून व्यर्थ ना बहाकर युवाओं ने रक्त दान शिविर लगाया शिविर मे युवाओं ने बढ़ चढकर हिस्सा लिया. अंजुमन तंजीम समिति के सदस्य अब्दुल वहीद मिर्जा ने कहा हजरत इमाम हुसैन का पैगाम जुल्म के खिलाफ आवाज उठाना और इंसानियत के लिए जरूरी है. यह पैगाम बुराई पर अच्छाई पर जीत का पैगाम है.

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लक्सर के सुल्तानपुर में भी मोहर्रम के अवसर पर हुसैन की याद में ताजिये जुलुस निकाले गये. इस मौके नगर में 11 अखाड़ों ने अलग अलग कर्तब दिखाये. जिसे देखने के लिए लोगों की भीड़ जुटी. भीड़ को देखते हुए पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजामात किये थे. बता दें जुलूस सुल्तानपुर की बड़ी मस्जिद से अली चौक तक निकाले गए. अली चौक से वापस इमामबाड़े में समापन हुआ. इस दौरान पुलिस प्रशासन ने एहतियातन सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए.

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नैनीताल में मोहर्रम कमेटी के तत्वाधान में मल्लीताल क्षेत्र के रॉयल होटल से जलूस शुरू हुआ. ये जुलूस मल्लीताल बाजारों का भ्रमण करते रजा क्लब मल्लीताल में संपन्न हुआ. जिसमें कमेटी का ताजिया व फतेह निशान आलम ,ढोल ताशा के साथ सहादत की रात को जुलूस निकाला गया. मोहर्रम जुलूस में महिलाओं,बच्चों समेत समुदाय के लोगों ने बढ़-चढ़कर प्रतिभाग किया. मोहर्रम कमेटी के अध्यक्ष नाजिम बख्श ने बतायाजुलूस दोपहर बाद प्रारंभ हुआ, जो शहर के विभिन्न स्थानों में घूमकर देर रात सूखाताल में संपन्न हुआ. जिसके बाद सभी लोगों ने अपने-अपने ताजियों को मुस्लिम रीति-रिवाज के अनुसार दफनाया. इस दौरान जुलूस में आए विभिन्न अखाड़ों के लोगों ने अपने-अपने हथियारों और विभिन्न मुद्राओं में प्रदर्शन किए. मुहर्रम के मौके पर शिया समुदाय के लोगों ने हजरत हुसैन को याद किया..

Last Updated :Jul 29, 2023, 10:26 PM IST

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