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विधानसभा भर्ती प्रकरण: पूर्व विस अध्यक्ष कुंजवाल बोले- 'सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के आदेशों की हुई अवहेलना'

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Published : Sep 23, 2022, 2:46 PM IST

Updated : Sep 23, 2022, 4:58 PM IST

Opposition reaction
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य

नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने विधानसभा में 228 हुई भर्तियां को रद्द किए जाने के फैसला का स्वागत किया है. यशपाल आर्य ने कहा है कि विधानसभा अध्यक्ष संवैधानिक पद है. तो वहीं, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने कहा है कि सरकार ने इन भर्तियों को रद्द करके सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के आदेशों को भी मानने से इनकार किया है, जो उत्तराखंड के हित में नहीं है.

हल्द्वानी:उत्तराखंड विधानसभा में 228 हुई भर्तियां को रद्द किए जाने के फैसला का विपक्ष ने भी स्वागत किया है. नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा है कि विधानसभा अध्यक्ष संवैधानिक पद है. माननीय विधानसभा अध्यक्ष ने संवैधानिक राय लेकर इस फैसले को देखा होगा, जिसके बाद उन्होंने भर्तियों को रद्द करने की सिफारिश की है. ऐसे में विधानसभा अध्यक्ष की यह करवाई सराहनीय है. साथ ही कहा है कि जिन भी भर्तियों में घोटाले हुए हैं, उनमें भी कार्रवाई होनी चाहिए. वहीं, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कुंजवाल ने इसे कोर्ट के आदेशों की अवहेलना बताया है.

सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के आदेशों की अवहेलना:पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने विधानसभा में हुई भर्तियों को रद्द के मामले में बड़ा बयान दिया है. गोविंद सिंह कुंजवाल ने कहा है राजनीतिक से प्रेरित होकर इन भर्तियों को रद्द किया गया है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने इन भर्तियों को वैध ठहराया था, लेकिन अब सरकार ने इसको रद्द कर सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के आदेशों को भी मानने से इनकार किया है, जो उत्तराखंड के हित में नहीं है.

विधानसभा अध्यक्ष ऋति खंडूड़ी के फैसले पर विपक्ष की प्रतिक्रिया.

बेरोजगारों के साथ खिलवाड़:कुंजवाल ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने जो भी भर्तियां की हैं, वो संविधान के तहत की हैं. उन्होंने कहा कि जिस समय ये भर्तियों, उस समय गैरसैंण में राजधानी बनाई जा रही थी. उसके परिपेक्ष्य में उन्होंने भर्तियां की थीं, जिससे कि वहां पर विधानसभा में लोगों की आवश्यकता थी. जिसको देखते हुए उन्होंने भर्तियां की थीं. सरकार ने इन भर्तियों को रद्द कर बेरोजगारों के साथ खिलवाड़ करने का काम किया है.

सरकार का न्याय अधूरा:कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने कहा है कि इसमें सरकार का न्याय अधूरा है, क्योंकि कांग्रेस ने यह मांग उठाई थी कि 2001 से विधानसभा में हुई नियुक्तियों की जांच होनी चाहिए, जबकि 2011 के बाद की नियुक्तियों पर फैसला लिया गया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की मंशा किसी को नौकरी से हटाने की नहीं थी बल्कि यह नैतिकता की लड़ाई थी. उन्होंने कहा कि जिन नेताओं पर जनता ने विश्वास जताया था, उन्होंने जनता के साथ छल किया है. जनता ने जिन नेताओं को ताकत दी, उन्होंने विशेषाधिकार का दुरुपयोग करते हुए अपने परिवार के लिए ताकत के बल पर नौकरी हासिल की.

करण माहरा ने सवाल उठाए हैं कि ऐसे लोग (जिम्मेदार नेता) क्या जनता से माफी मांगेंगे? क्या उनके खिलाफ भी कोई कार्रवाई की जाएगी या फिर अपने जीवन से राजनीतिक सन्यास लेंगे. कांग्रेस का कहना है कि केवल लोगों को नौकरी से हटाना पूरा न्याय नहीं है.

विधानसभा से छुट्टी के बाद भावुक: विधानसभा भर्ती घोटाले को लेकर विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने साल 2016 से लेकर 2022 तक हुई 228 तदर्थ नियुक्तियों को निरस्त कर दिया है. जिसके बाद विधानसभा में कर्मचारियों में आंसुओं का सैलाब है. इनमें से ज्यादातर महिला कर्मचारी हैं, जो विधानसभा से नौकरी जाने के बाद फूट-फूट कर रो रही हैं. कई महिलाएं सत्ता के नजदीकियों की पत्नी या फिर परिवार से हैं.

विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी के ऐलान करते ही विधानसभा के हर एक गलियारे में कोई ना कोई आंसू छलकता नजर आया. इन पदों के निरस्तीकरण के ऐलान के बाद इन कर्मचारियों में गुस्सा भी देखने को मिला, जहां पर यह विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी को घेरते हुए नजर आए लेकिन विधानसभा में कानून व्यवस्था बिगड़ते देख सुरक्षा बढ़ाई गई और विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी को सुरक्षित विधानसभा से रवाना किया गया.
पढ़ें- विधानसभा भर्ती घोटाला: 228 नियुक्तियां रद्द करने का प्रस्ताव शासन को भेजा, विधानसभा सचिव तत्काल प्रभाव से निलंबित

सीएम धामी ने फैसले की तारीफ:सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने भाजपा सरकार की पारदर्शिता नीति पर काम करते हुए नियुक्तियां रद्द करने का जो निर्णय लिया है, वह काबिले तारीफ है. उन्होंने कहा कि आगे होने वाली भर्तियां पारदर्शी और व्यवस्थित तरीके से हों, इसके लिए पूरा खाका तैयार किया जाएगा. आगे सभी भर्तियां नियम और नियमावली के तहत होंगी.

Last Updated :Sep 23, 2022, 4:58 PM IST

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