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यशपाल आर्य के खिलाफ मामला दर्ज होने पर भड़के हरीश रावत, बोले- "जबरा मारे रोने न दे"

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Published : Dec 7, 2021, 1:48 PM IST

यशपाल आर्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने पर हरीश रावत का गुस्सा फूटा है. हरीश रावत ने मौन व्रत रखा और अपना विरोध जताया. साथ ही हरीश रावत ने कहा कि यशपाल आर्य को गिरफ्तार करने की साजिश हो रही है.

Harish Rawat
हरीश रावत का गुस्सा फुटा

देहरादून: उधमसिंह नगर जिले की बाजपुर कोतवाली में कांग्रेस नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य के खिलाफ जो मुकदमा दर्ज हुआ है, उस पर हरीश रावत ने आपत्ति जताई है. हरीश रावत ने इस मामले को लेकर एक ट्वीट किया है. उन्होंने लिखा है कि "जबरा मारे रोने न दे" उत्तराखंड में यही कहावत बाजपुर में चरितार्थ हो रही है. सत्तारूढ़ दल का खनन माफिया के साथ गठबंधन है. यशपाल आर्य पर ही जानलेवा हमला हुआ और उन्हीं के खिलाफ मामला दर्ज किया गया.

हरीश रावत ने लिखा कि यशपाल आर्य पर जानलेवा हमला करने वाले अपराधी अभीतक पकड़े नहीं गए हैं. वहीं दूसरी पर यशपाल आर्या को गिरफ्तार करने की साजिश हो रही है. मन बहुत व्यथित है, छोटा राज्य है यदि इसी तरीके से चलेगा तो यह राज्य, माफिया राज्य में परिवर्तित हो जाएगा. राज तो बदला जा सकता है, राज्य भी वर्णित हो गया तो हमारे राज्य बनाने की कल्पना छितरा जायेगी. मैं अत्यधिक आहत महसूस कर रहा हूं पूरे घटनाक्रम से. इसीलिए हरीश रावत ने अपने आवास पर सुबह 10 से 11 बजे तक मौन व्रत रखा.

पढ़ें-बाजपुर मारपीट मामला: यशपाल आर्य समेत 12 लोगों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज

बता दें कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य समेत 12 लोगों के खिलाफ उधमसिंह नगर जिले के बाजपुर थाने में मुकदमा दर्ज हुआ है. मामला पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य और उनके बेटे संजीव आर्य के काफिले पर जानलेवा हमले से जुड़ा है. इस मामले में यशपाल आर्य और उनके बेटे संजीव आर्य की तरफ से पहले ही बाजपुर थाने में दूसरे पक्ष पर मुकदमा दर्ज कराया गया है.

क्या है मामलाः बीती 4 दिसंबर को कांग्रेस नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य (Former cabinet minister Yashpal Arya) एक कार्यक्रम में शिरकत करने बाजपुर जा रहे थे. दोपहर में जैसे ही यशपाल आर्य का काफिला बाजपुर पहुंचा तो एक गुट ने उनका काफिला रोक दिया. इस दौरान दोनों पक्षों के बीच कहासुनी शुरू हो गई. देखते ही देखते कहासुनी धक्का-मुक्की और मारपीट में बदल गई. बाद में बीच-बचाव करने के बाद दोनों पक्षों को अलग किया गया.

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