गैरसैंण:उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदा जमकर अपना कहर बरपा रही है. जिससे जन -जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. इसी क्रम में खंसर क्षेत्र में गुरूवार रात हुई भारी बारिश के चलते टेंटुडा गांव में एक गौशाला और बाग मलबे की चपेट में आ गए हैं. वहीं बागेश्वर में भी बारिश ने जमकर तांडव किया है. जिससे जिले में अभी भी 4 सड़कें पूरी तरह से बंद हैं. ऐसे में 10000 से अधिक की आबादी प्रभावित हो रही है.
गौशाला समेत फसल बर्बाद:टेटुडा गांव में काश्तकार दिलीप सिंह की गौशाला में सड़क निर्माण का मलबा घुस गया है, जिससे गौशाला पूरी तरह से मलबे में दब गई है. सुबह ग्रामीणों को जानकारी मिलने पर गौशाला का एक हिस्सा तोड़कर बैल को सुरक्षित बाहर निकाला गया. इसके अलावा मलबे से काश्तकार दिलीप सिंह के दो मच्छी तालाब, 80 हजार लीटर का संग्रहण टैंक और 2 एकड़ में लगाए गए केला,आम,अमरूद,नींबू, मिर्च और हल्दी की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है.
काश्तकार को आपदा से 15 लाख का नुकसान:काश्तकार दिलीप सिंह नेगी ने बताया कि कई बार सड़क के मलबे को लेकर पीएमजीएसवाई के अधिकारियों को इस संबंध में बताया गया, लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं हुआ. जिसका खामियाजा आज उन्हें भुगतना पड़ रहा है. दिसंबर 2022 में खंड विकास अधिकारी के माध्यम से सीडीओ चमोली से भी गुहार लगाकर नाले में चेकडैम निर्माण की मांग की गई थी. जिसका निरीक्षण करने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई. उन्होंने बताया कि इसके बाद बीते माह 3 अगस्त को भी नाले में भारी मलबा आया था. जिसकी चपेट में आने से उनका एक बैल मर गया. इस आपदा में उन्हें 10 से 15 लाख तक का नुकसान हुआ है.
पूर्व राज्य मंत्री ने सड़क की जांच कराने की रखी मांग:पूर्व राज्य मंत्री सुरेश कुमार बिष्ट ने कहा कि टेंटुडा-नैणी मोटर मार्ग निर्माण के मलबे को डंपिंग ज़ोन के स्थान पर स्थानीय नालों में डाले जाने से यह आफत आई है. ऐसे में इस सड़क समेत अन्य मोटर सड़क की भी उच्च स्तरीय जांच की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर जांच नहीं हुई, तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा. वहीं, जिला पंचायत सदस्य अवतार सिंह पुंडीर व प्रधान संघ अध्यक्ष पान सिंह नेगी ने कहा कि सड़क निर्माण का मलबा डंपिंग जोन में डालने की बजाय जंगल में फैला दिया गया है. जिससे बार-बार काश्तकारों का नुकसान होने के साथ ही पैदल रास्ते,पेयजल लाइन और सड़क मार्ग क्षतिग्रस्त हो रहे हैं.