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बाहुबली मुख्तार अंसारी के गैंगस्टर एक्ट में सजा को चुनौती देने वाली याचिका पर नहीं हो सकी सुनवाई

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 29, 2023, 10:27 PM IST

इलाहाबाद हाईकोर्ट में बाहुबली मुख्तार अंसारी के सजा के समय को लेकर सुनवाई हुई. कोर्ट में मुख्तार के अधिवक्ता की दलील पर हाईकोर्ट ने सरकारी वकील से बांदा जेल अधीक्षक से रिपोर्ट प्राप्त करने का निर्देश दिया है.

High court news
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प्रयागराज:बांदा जिला जेल में बंदबाहुबली मुख्तार अंसारी के सजा के समय को लेकर मंगलवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. हाईकोर्ट ने मामले में सरकारी वकील से बांदा जेल अधीक्षक से रिपोर्ट प्राप्त करने को कहा है. इस मामले की अगली सुनवाई 13 सितंबर को होगी. यह आदेश न्यायमूर्ति राजबीर सिंह ने मुख्तार अंसारी की अर्जी पर उसके अधिवक्ता उपेंद्र उपाध्याय को सुनकर दिया है.

मुख्तार अंसारी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपने अधिवक्ता के माध्यम से अर्जी दाखिल कर गैंगस्टर एक्ट मामले में मिली 10 साल कारावास की सजा को चुनौती दी थी. मुख्तार अंसारी के अधिवक्ता उपेंद्र उपाध्याय ने इस संबंध में सर्टिफिकेट प्रस्तुत करते हुए कोर्ट को बताया मुख्तार अंसारी के इस केस के बाद से 12 साल 4 महीने से जेल में बंद हैं. वह सजा से काफी ज्यादा समय जेल में समय ट्रायल के दौरान गुजार चुके हैं. कोर्ट ने अर्जी पर अगली सुनवाई के लिए 13 सितंबर की तारीख लगाई है.

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मुख्तार का मुकदमा वाराणसी स्थानांतरित करने पर नहीं हुई सुनवाई
वहीं, इलाहाबाद हाईकोर्ट में मुख्तार अंसारी के मुकदमे को स्थानांतरित करने की मांग में राज्य सरकार की ओर से दाखिल ट्रांसफर पिटीशन पर मंगलवार को सुनवाई नहीं हो सकी. कोर्ट ने अपर महाधिवक्ता पीसी श्रीवास्तव ने सुनवाई टालने के अनुरोध पर अगली सुनवाई के लिए पांच सितंबर की तारीख लगाई है. यह आदेश न्यायमूर्ति राजबीर सिंह ने दिया है. मुख्तार अंसारी के खिलाफ शस्त्र लाइसेंस को लेकर गाजीपुर के मोहम्मदाबाद थाने में वर्ष 1990 में मुकदमा दर्ज किया गया था. अर्जी में मुख्तार अंसारी के इसी मुकदमे को वाराणसी ट्रांसफर करने मांग की गई है। इस मामले में मुख्तार अंसारी पर फर्जी कागजात पर शस्त्र लाइसेंस हासिल करने का आरोप है. मुक़दमा स्थानांतरित करने के लिए राज्य सरकार की दलील है कि इसी तरह के मुकदमे का ट्रायल वाराणसी की स्पेशल कोर्ट एमपी/एमएलए में भी चल रहा है. इसलिए दोनों मुकदमों की सुनवाई एकसाथ करने की मांग की गई है. शस्त्र लाइसेंस को लेकर वाराणसी के चेतगंज थाने में भी मुख्तार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई थी. राज्य सरकार आर्म्स एक्ट से जुड़े दोनों मुकदमों की सुनवाई एकसाथ चाहती है.

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