राजस्थान

rajasthan

राजसमंद: तीन दिवसीय कुंभलगढ़ महोत्सव का हुआ रंगारंग समापन

By

Published : Dec 4, 2019, 10:52 AM IST

Kumbhalgarh Festival closing Rajsamand, कुंभलगढ़ महोत्सव समापन राजसमंद
तीन दिवसीय कुंभलगढ़ महोत्सव का हुआ रंगारंग समापन

ऐतिहासिक कुंभलगढ़ दुर्ग परिसर में तीन दिवसीय कुंभलगढ़ महोत्सव का समापन मंगलवार को हुआ. कार्यक्रम के अंतिम दिन राजस्थानी संस्कृति पर आधारित कार्यक्रम ने खूब पर्यटकों को मंत्रमुक्त किया.

राजसमंद. पर्यटन विभाग और जिला प्रशासन राजसमंद के संयुक्त तत्वाधान में ऐतिहासिक कुंभलगढ़ दुर्ग परिसर में तीन दिवसीय कुंभलगढ़ महोत्सव का समापन मंगलवार को हुआ. कार्यक्रम के अंतिम दिन राजस्थानी संस्कृति पर आधारित कार्यक्रम ने खूब पर्यटकों को मंद मुक्त किया. कुंभलगढ़ महोत्सव में राजस्थान के विभिन्न अंचलों से आए लोक कलाकारों ने प्रस्तुतियां देकर पर्यटकों को खूब मनोरंजन किया.

तीन दिवसीय कुंभलगढ़ महोत्सव का हुआ रंगारंग समापन

आखिरी दिन स्कूली बच्चों सहित पर्यटकों की खासी तादाद रही. कार्यक्रम में मुख्य रूप से कालबेलिया नृत्य,लाल गैर, सहरिया नृत्य, चकरी नृत्य, घूमर चरी, तेरा ताल एवं लंगा पार्टी ने एक से बढ़कर एक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी.

पढ़ें- जयपुरः नाहरगढ़ की खाई में गिरी कार, कार सवारों की बची जान

इस दौरान देसी तथा विदेशी पर्यटक इन कार्यक्रमों को देख अपने आप को रोक नहीं पाए और लोक कलाकारों के साथ जमकर ठुमके लगाए. इसके बाद साफा बांधो प्रतियोगिता रंगोली मेहंदी मांडना प्रतियोगिता का भी आयोजन हुआ. वहीं देर शाम बाद गाजी खा ने समा बांधा केसरिया बालम आवोनी पधारो म्हारे देश गाकर शुरुआत की. इसके बाद गोरबंद एवं ढोला थारे देश में देखो दो रतन सहित एक के साथ एक एकन प्रिय प्रस्तुतियां पर लोगों ने खूब तालियां बजाई और जमकर आनंद लिया.

Intro:राजसमंद- पर्यटन विभाग तथा जिला प्रशासन राजसमंद के संयुक्त तत्वाधान में ऐतिहासिक कुंभलगढ़ दुर्ग परिसर मे तीन दिवसीय कुंभलगढ़ महोत्सव का समापन मंगलवार को हुआ. कार्यक्रम के अंतिम दिन राजस्थानी संस्कृति पर आधारित कार्यक्रम ने खूब पर्यटकों को मंद मुक्त किया. कुंभलगढ़ महोत्सव में राजस्थान के विभिन्न अंचलों से आए लोक कलाकारों ने प्रस्तुतियां देकर पर्यटकों को खूब मनोरंजन किया.


Body:आखिरी दिन स्कूली बच्चों सहित पर्यटकों की खासी तादाद रही. कार्यक्रम में मुख्य रूप से कालबेलिया नृत्य,लाल गैर, सहरिया नृत्य, चकरी नृत्य, घूमर चरी, तेरा ताल एवं लंगा पार्टी ने एक से बढ़कर एक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी. इस दौरान देसी तथा विदेशी पर्यटक इन कार्यक्रमों को देख अपने आप को रोक नहीं पाए और लोक कलाकारों के साथ जमकर ठुमके लगाए. इसके बाद साफा बांधो प्रतियोगिता रंगोली मेहंदी मांडना प्रतियोगिता का भी आयोजन हुआ. वहीं देर शाम बाद गाजी खा ने समा बांधा केसरिया बालम आवोनी पधारो म्हारे देश गाकर शुरुआत की


Conclusion:इसके बाद गोरबंद एवं ढोला थारे देश में देखो दो रतन सहित एक के साथ एक एकन प्रिय प्रस्तुतियां पर लोगों ने खूब तालियां बजाई और जमकर आनंद लिया.

ABOUT THE AUTHOR

...view details