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गौशालाओं, नंदी शालाओं और आवारा पशुओं की समस्याओं का निराकरण के लिए मंत्रिमंडलीय समिति गठित, आमजन से लेगी सुझाव

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Published : May 19, 2022, 11:35 PM IST

Ministers committee constituted for cows and animals
गौशालाओं, नंदी शालाओं और आवारा पशुओं की समस्याओं का निराकरण के लिए मंत्रिमंडलीय समिति गठित, आमजन से लेगी सुझाव

गौशालाओं और आवारा पशुओं को लेकर लगातार मिल रही शिकायतों के समाधान के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश के बाद 7 सदस्य मंत्रिमंडल समिति का गठन कर दिया गया (Ministers committee constituted for cows and animals) है. यह समिति आमजन से सुझाव लेकर व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करेगी. अब मंत्रिमंडलीय समिति के गठन से गौशाला संचालकों, नंदी शालाओं और आवारा पशुओं की समस्या का भी हल निकल सकेगा.

जयपुर.गौशालाओं, नंदी शालाओं और आवारा पशुओं की समस्याओं को लेकर प्रदेश की गहलोत सरकार गंभीर हो गई है. लगातार मिल रही शिकायतों के समाधान के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश के बाद 7 सदस्य मंत्रिमंडल समिति का गठन कर दिया गया (Ministers committee constituted for cows and animals) है. यह समिति आमजन से सुझाव लेकर व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करेगी.

7 मंत्रियों की समिति: मुख्यमंत्री निवास पर 18 मई को आयोजित राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में हुई चर्चा के बाद राज्य में गौशालाओं, नंदी शालाओं एवं आवारा पशुओं की समस्याओं का निराकरण के लिए 7 मंत्रियों की एक मंत्रिमण्डलीय समिति गठित की गई है. स्वायत्त शासन और नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल इस समिति के संयोजक और गौपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया समन्वयक होंगे. कृषि एवं पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया, जल संसाधन मंत्री महेश जोशी, राजस्व मंत्री रामलाल जाट, उद्योग मंत्री शकुंतला रावत, उच्च शिक्षा एवं गृह राज्यमंत्री राजेन्द्र यादव इस समिति के सदस्य होंगे. इस समिति का प्रशासनिक विभाग गोपालन विभाग होगा. साथ ही शासन सचिव, गोपालन विभाग इस समिति के सदस्य सचिव होंगे.

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सुझाव से समाधान: यह समिति गौशालाओं को चारागाह भूमि के आवंटन, नंदी शालाओं के कार्यान्वयन में आ रही व्यावहारिक समस्याओं के निराकरण, शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में आवारा पशुओं की समस्याओं के समाधान और इन विषयों से संबंधित अन्य समस्याओं के निराकरण पर चर्चा कर निर्णय लेगी. यह समिति वरिष्ठ अधिकारीगणों और विशेषज्ञों के साथ बैठक करेगी. साथ ही आमजन से भी इन समस्याओं के निराकरण के लिए सुझाव आमंत्रित करेगी. यह समिति इन सभी विषयों पर चर्चा कर निर्णय कर सकेगी. बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गर्मी, सीमित संसाधनों और पेयजल की समस्या को देखते हुए प्रदेश में गौशालाओं को दी जा रही अनुदान की अवधि को 6 माह से बढ़ाकर 9 माह करने के आदेश भी दिए हैं. इससे गौशाला संचालकों को बड़ी राहत मिलेगी. अब मंत्रिमण्डलीय समिति के गठन से गौशाला संचालकों, नंदी शालाओं और आवारा पशुओं की समस्या का भी हल निकल सकेगा.

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