अलवर. जिले के मालाखेड़ा कस्बे के गांव अलापुर में आरव के पिता की कोरोना से मौत हो गई थी. कुछ दिन बाद मां भी छोड़ कर चली गई. पांचवी कक्षा में पढ़ने वाला आरव अब दादा दादी के पास रहता है. पिता की मौत के बाद मंत्री व प्रशासन ने मृतक के घर पहुंच कर सभी तरह की मदद का आश्वासन दिया था. लेकिन अभी तक किसी भी तरह की कोई सहायता राशि नहीं मिली है.
अलवर के मालाखेड़ा विधानसभा के अलापुर गांव में आरव अपने माता-पिता के साथ रहता था. एक जून 2021 को आरव के पिता आकाश की कोरोना से मौत हो गई. आकाश की मौत के बाद 14 जून को प्रदेश के कैबिनेट मंत्री टीकाराम जूली, जिला कलेक्टर नन्नू मल पहाड़िया सहित प्रशासन के सभी आला अधिकारी मृतक के घर पहुंचे व मृतक के परिजनों को तुरंत एक लाख रुपए, बच्चे के 18 साल के होने पर पांच लाख रुपए व आरव के लालन पालन के लिए ढाई हजार रुपए हर माह देने की बात कही.
कोरोना से मौत पर मुआवजा बना मजाक सरकार व प्रशासन सभी लोगों को समय पर सरकारी सहायता देने का दावा कर रहे हैं. लेकिन अलवर में आरव व उसके परिवार को अभी तक सरकार व प्रशासन की कोई मदद नहीं मिली है. पिता की मौत के बाद आरव की मां भी उसे छोड़कर चली गई. अब आरव अपने दादा दादी के पास रहता है.
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आरव ने बताया कि वह हरि सिंह यादव स्कूल की कक्षा 5 में पढ़ाई कर रहा है. उसके दादा-दादी खेती करते हैं और उसी से उसका भरण पोषण कर रहे हैं. दादा दादी ने कहा कि जीवन यापन में खासी दिक्कत हो रही है. मंत्री, जिला कलेक्टर व प्रशासन के अन्य अधिकारियों ने बड़े-बड़े दावे किए थे. लेकिन अभी तक उनको कोई मदद नहीं मिली है.
आरव के दादा ने कहा कि कई बार वे ब्लॉक स्तर पर लगने वाले शिविरों में भी प्रशासनिक अधिकारियों को अपनी शिकायत दे चुके हैं. लेकिन हर बार उनको मदद का आश्वासन मिलता है. आरव अपनी बीते दिनों की बातें सुनाता हुआ रोने लगता है. उसने कहा कि पिता की मौत के बाद मां भी उसे अकेला छोड़ कर चली गई. ऐसे में बच्चे व उसके दादा दादी को सरकार ने प्रशासन की मदद का इंतजार है.