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कलेक्ट्रेट में कांग्रेस विधायक का शीर्षासन, अर्धनग्न हो किसानों ने किया प्रदर्शन

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Published : Sep 8, 2020, 6:51 AM IST

मुझरी बांध का काम शुरू कराने और समर्थन मूल्य पर बेचे गए गेहूं का बोनस और चंबल प्रोग्रेस वे के लिए भूमि अधिग्रहण का चार गुना मुआवजा दिलाने की मांग को लेकर किसानों के साथ कांग्रेस विधायक कलेक्ट्रेट पहुंचे, जहां उन्होंने शीर्षासन कर विरोध जताया.

shirshasana of MLA Jandel
शीर्षासन कर विधायक ने जताया विरोध

श्योपुर। किसानों की समस्या को लेकर सोमवार को उनके साथ कलेक्ट्रेट पहुंचे कांग्रेस विधायक बाबूलाल जंडेल उस वक्त भड़क गए, जब कलेक्टर राकेश कुमार श्रीवास्तव ने ज्ञापन लेने के लिए किसानों के बीच आने से इनकार कर दिया. जिसके बाद उन्होंने कलेक्टर के खिलाफ नारेबाजी करते हुए अर्धनग्न हालत में सिर के बल उल्टे होकर उनका विरोध करने लगे. विधायक और किसानों ने करीब 2 घंटे से ढाई घंटे तक कलेक्ट्रेट के बाहर जमकर हंगामा किया. बावाजूद इसके कलेक्टर भी जिद पर अड़े रहे, जिसके बाद किसान भी ज्ञापन कलेक्ट्रेट के गेट पर चिपका कर विधायक के साथ वापस लौट आए.

सोमवार को मुझरी बांध का काम शुरू कराने और समर्थन मूल्य पर बेचे गए गेहूं का बोनस और चंबल प्रोग्रेस वे की जद में आने वाली किसानों की निजी भूमि का 4 गुना मुआवजा दिए जाने की मांग को लेकर किसान कांग्रेस विधायक बाबूलाल जंडेल को साथ लेकर सोमवार को कलेक्ट्रेट पहुंचे थे. जहां ज्ञापन लेने एसडीएम रूपेश उपाध्याय किसानों के बीच आ गए, जिस पर विधायक ने कलेक्टर श्रीवास्तव को ज्ञापन लेने के लिए कहा.

कलेक्टर किसानों का ज्ञापन लेने के लिए पहुंचे, लेकिन नारेबाजी देख वापस लौट गए. जिसके बाद विधायक जंडेल ने एसडीएम को कहा कि कलेक्टर को ज्ञापन लेने के लिए भेजिए, उन्हीं को ज्ञापन सौंपेंगे. बावाजूद इसके कलेक्टर ज्ञापन लेने नहीं आए और नाराज किसान हंगामा करने लगे, वहीं विधायक और कुछ किसान अर्धनग्न होकर धरने पर बैठ गए. तभी विधायक सिर के बल खड़े हो गए, विधायक काफी देर तक सिर के बल खड़े रहे, लेकिन कलेक्टर ने उनकी एक न सुनी. जिसके बाद नाराज विधायक किसानों के साथ कलेक्ट्रेट की दीवार के बाहर किसानों के ज्ञापन को चस्पा करवा कर वापस लौट आए.

किसान संगठन के अध्यक्ष रामजी लाल मीणा का कहना है कि उन्हें जमीन के बदले जमीन नहीं बल्कि चार गुना मुआवजा चाहिए और मुझरी बांध का निर्माण किया जाना चाहिए. कांग्रेस विधायक बाबू लाल जंडेल का कहना है कि वह 2 घंटे तक किसानों की समस्या को लेकर कलेक्ट्रेट के बाहर बैठे रहे, लेकिन कलेक्टर अपनी मनमानी के चलते किसानों के बीच नहीं आए और उन्होंने इसका विरोध किया.

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