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नीमचः सरकारी राशन की कालाबाजारी का मामला, कांग्रेस नेताओं ने की कार्रवाई की मांग

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Published : Jun 27, 2020, 3:26 PM IST

नीमच में कांग्रेस के एक प्रतिनिधि मंडल ने कलेक्टर जितेंद्र सिंह राजे को राशन की कालाबाजारी रोकने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा, साथ ही इस मामले में जल्द कार्रवाई की मांग की है.

Neemuch
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नीमच। कांग्रेस के एक प्रतिनिधि मंडल ने कलेक्टर जितेन्द्र सिंह राजे से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपा. प्रतिनिधि मंडल ने ज्ञापन के माध्यम सरकारी राशन की कालाबाजारी रोकने का मांग की है. कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि, 'भाजपा के राज में राशन की कालाबाजारी शुरू हो गई है, हाल ही में गरीबों को वितरित किए जाने वाले राशन की जमकर कालाबाजारी की गई, जिसे प्रशासन ने रंगे हाथों पकड़ा'.

प्रतिनिधि मंडल में ब्लाक कांग्रेस के अध्यक्ष मुकेश कालरा और मनासा के विधायक प्रतिनिधि उमरावसिंह गुर्जर शामिल थे. ज्ञापन में यह भी बताया कि, वर्तमान समय में देश में कोरोना महामारी चल रही है, जिससे हर वर्ग पीड़ित है. गरीब तबका जहां एक तरफ बेरोजगारी की मार झेल रहा है, वहीं अपना व परिवार का पालन पोषण करने के लिये सरकारी मदद की गुहार लगा रहा है.

इस भयंकर आपदा के समय में गरीबों को वितरित किया जाने वाला सरकारी गेहूं, चावल, दाल और खाद्यान्न कालाबाजारियों के गोदामों में मिल रहा है. जिसको लेकर कांग्रेस प्रतिनिधि मंडल ने कलेक्टर को ज्ञापन देकर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है.

इस संबंध में जानकारी देते हुए नीमच शहर कांग्रेस के कार्यवाहक ब्लाक अध्यक्ष मुकेश कालरा ने बताया कि, पीडीएस के राशन की कालाबाजारी का जो जखीरा पकड़ा गया है, उसको लेकर आज दोपहर प्रदेश कांग्रेस सचिव उमरावसिंह गुर्जर एवं जिला कांग्रेस महामंत्री ओम शर्मा के साथ जिला कलेक्टर से चर्चा कर ज्ञापन सौंपा दिया गया है. इस ज्ञापन में अवगत करवाया गया है कि, नीमच जिले में पीडीएस का राशन उपभोक्ताओं को नहीं बांटते हुए बाजार में विक्रय कर दिया गया है. जिसे प्रशासन ने जब्त भी किया है.

ज्ञापन में मांग की गई है कि, आम गरीब जो कि कोरोना महामारी से भूखा मर रहा है, उसके हक का राशन जिन लोगों ने बाजार में बेचा है, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर दुकाने निलंबित करें और बचा खाद्यान भी जब्त किया जाए. जिले के उपभोक्ताओं से जानकारी एकत्रित की जाए कि, किसे सामग्री मिली है किसे नहीं मिली है. इसकी जांच किसी स्वतंत्र एजेन्सी से करवाई जाए तथा सभी रिकार्ड जब्त किए जाएं. साथ ही क्रय-विक्रय करने वालों के विरुद्ध जिले में सख़्त कार्रवाई की जाए.

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