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Jabalpur High Court: अवैध रूप से प्रवेश देने के मामले में हाई कोर्ट सख्त, कहा-मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी छात्रों को प्रदान करे 25-25 हजार का हर्जाना

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Published : Oct 29, 2022, 8:04 AM IST

Jabalpur High Court
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जबलपुर हाई कोर्ट ने एमपी मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी द्वारा छात्रों को अवैध रूप से प्रवेश देने के मामले में कड़ा एक्शन लिया है. युगलपीठ ने कॉलेज पर पचास हजार रूपये की कॉस्ट लगाते हुए प्रत्येक छात्र को 25-25 हजार रूपये हर्जाना के तौर पर देने के निर्देश जारी किये हैं. दरअसल यूनिवर्सिटी ने शैक्षणिक सत्र 2018-19 में लैब टैक्निशियन के कोर्स में 50 विर्द्यार्थियों को दाखिला दिया गया था, अब यूनिवर्सिटी विर्द्याथियों को परीक्षा में शामिल नहीं कर रही है. इसको लेकर डिण्डौरी स्थित नर्मदा पैरामेडिकल साइंस कॉलेज ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.(Jabalpur High Court) (High Court fine on MP Medical Science University) (Jabalpur High Court News) (Pay 25 thousand damages to students)

जबलपुर।एमपी मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी द्वारा छात्रों को परीक्षा में शामिल नहीं किये जाने को चुनौती देते हुए डिण्डौरी स्थित नर्मदा पैरामेडिकल साइंस कॉलेज ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. हाईकोर्ट जस्टिस शील नागू तथा जस्टिस वीरेन्द्र सिंह ने पाया कि कॉलेज ने यूनिर्विर्सटी से बिना आवेदन लिये छात्रों को दाखिला दिया था. युगलपीठ ने कॉलेज पर पचास हजार रूपये की कॉस्ट लगाते हुए प्रत्येक छात्र को 25-25 हजार रूपये हर्जाना के तौर पर देने के निर्देश जारी किये हैं.

50 विर्द्यार्थियों को दिया गया था दाखिला: डिण्डौरी स्थित नर्मदा पैरामेडिकल कॉलेज की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि मध्य प्रदेश पैरामैडिकल काउसिंल से मान्यता के आधार पर शैक्षणिक सत्र 2018-19 में दो साल के लैब टैक्निशियन के कोर्स में 50 विर्द्यार्थियों को दाखिला दिया गया था. अब यूनिवर्सिटी विर्द्याथियों को परीक्षा में शामिल नहीं कर रही है, दो साल तक पढ़ाई करने के बावजूद भी मुख्य परीक्षा में शामिल नहीं किये जाने के कारण विद्यार्थियों का अमूल्य समय बर्बाद होगा.

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प्रत्येक छात्र को 25-25 हजार का हर्जाना देने के आदेश: याचिका की सुनवाई के बाद युगलपीठ ने पाया कि कॉलेज ने यूनिवर्सिटी से आवेदन प्राप्त नहीं किया है. इतना ही नही मध्य प्रदेश पैरामैडिकल काउसिंल ने बिना निरिक्षण किये ही कॉलेज को मान्यता दी थी. काउसिंस ने यूनिवर्सिटी से आवेदन नहीं लेने के बावजूद भी साल 2019-20 के लिए कॉलेज को मान्यता प्रदान की थी. युगलपीठ ने याचिका को खारिज करते हुए याचिकाकर्ता कॉलेज पर 50 हजार रूपये की कॉस्ट लगाई है. इसके अलावा प्रत्येक छात्र को हर्जाने के तौर पर 25-25 हजार रूपये देने के आदेश भी जारी किये हैं. मेडिकल यूनिवर्सिटी की तरफ से अधिवक्ता सतीश वर्मा ने पैरवी की.

(Jabalpur High Court) (High Court fine on MP Medical Science University) (Jabalpur High Court News) (Pay 25 thousand damages to students)

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