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जबलपुर के सरकारी स्कूलों में हुए सांस्कृतिक कार्यक्रम, एनुअल फंक्शन में स्पेनिश डांस की प्रस्तुति ने बांधा समां

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Dec 20, 2023, 10:24 PM IST

Spanish Dance In Jabalpur: जबलपुर के सरकारी स्कूल के सांस्कृतिक कार्यक्रम में शिक्षकों ने कई नए प्रयोग किए. इसमें सबसे अनोखा स्पेनिश डांस था.

Spanish Dance In Jabalpur
स्पेनिश डांस की प्रस्तुति ने बांधा समां

स्पेनिश डांस की प्रस्तुति ने बांधा समां

जबलपुर।सरकारी स्कूलों में सामान्य तौर पर आपने सांस्कृतिक कार्यक्रमों के दौरान लोकगीत और लोक दोनों पर ही नृत्य होते हुए देखे होंगे. ज्यादा से ज्यादा देशभक्ति के गीतों का कार्यक्रम पेश करके सरकारी स्कूल अपने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की इति श्री कर लेते थे, लेकिन जबलपुर में इस बार सरकारी स्कूल के सांस्कृतिक कार्यक्रम में शिक्षकों ने कई नए प्रयोग किए. इसमें सबसे अनोखा स्पेनिश डांस था.

सरकारी स्कूल हमेशा अपने लापरवाही और बद इंतजामी के लिए चर्चा में रहते हैं. सामान्य तौर पर यह भी माना जाता है कि सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर बहुत अच्छा नहीं होता और सांस्कृतिक गतिविधियां तो होती ही नहीं है. आर्ट और क्राफ्ट के मामले में भी सरकारी स्कूलों की गतिविधियां निजी स्कूलों की अपेक्षा कमतर मानी जाती है, लेकिन अब यह दृश्य बदलता हुआ नजर आ रहा है. जबलपुर में सरकारी स्कूलों के बच्चों का एक सम्मिलित कार्यक्रम हुआ. जिसे अनुगंज नाम दिया गया. इस कार्यक्रम में सरकारी स्कूल के बच्चों ने कला और नृत्य का जो प्रदर्शन किया. वह किसी भी निजी स्कूल के खर्चीले कार्यक्रम से बेहतर नजर आया.

स्पेनिश फोक पर नृत्य: सामान्य तौर पर सरकारी स्कूलों में लोकगीतों और लोक नृत्य पर डांस होते हुए आपने देखे होंगे, लेकिन जबलपुर के मानस भवन के अनुगंज कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं ने एक फ्यूजन डांस पेश किया. इसमें भारतीय संगीत अंग्रेजी संगीत के साथ ही स्पेनिश लोग नृत्य भी पेश किया गया. जिसमें बच्चों ने इस तरह के वेशभूषा के साथ लगभग वैसी ही स्टेप्स की.

सरकारी स्कूल में सांस्कृतिक कार्यक्रम

यूज्ड पेपर का इस्तेमाल: इस कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं ने मिट्टी के कई अद्भुत मूर्तियां बनाई. मिट्टी की मूर्तियों के अलावा बच्चों ने इस्तेमाल किए गए पुराने पेपर के मुखौटे बनाए. वॉल हैंगिंग्स बनाएं, इनको बनाने वाले कलाकारों का कहना है कि इसे न केवल घर को सजाया जा सकता है, बल्कि इन शिल्प कलाओं को बहुत रखरखाव की भी जरूरत नहीं है.

मंडला आर्ट:इन छात्रों का कला कौशल केवल नृत्य और मूर्ति कला तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इनमें से कई छात्र-छात्राओं ने बड़े अच्छे तरीके से मंडला आर्ट की भी कई पेंटिंग्स बनाई है. सरकारी स्कूल में इस तरह के प्रयास इसके पहले नहीं देखे गए हैं.

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केंद्र सरकार द्वारा संचालित सरकारी स्कूलों की समाज में अच्छी इज्जत है. सेंट्रल स्कूल नवोदय स्कूल सैनिक स्कूल में आज भी बच्चों के एडमिशन को लेकर लोग कतार में रहते हैं, लेकिन राज्य सरकार की सरकारी स्कूलों का अभी भी स्तर बहुत अच्छा नहीं है. हालांकि सीएम राइस स्कूलों में जो कोशिश की जा रही हैं. यदि वह पूरे मन से एक मिशन मानकर शिक्षकों द्वारा पूरी की जाती है, तो राज्य सरकार की सरकारी स्कूलों की छवि सुधारी जा सकती है.

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