इंदौर। शहर का ह्रदय स्थल राजवाड़ा पिछले कई सालों से कायाकल्प की राह देख रहा है. नगर निगम में कई परिषद बनने के बावजूद राजवाड़ा का स्थाई काम नहीं किया जा सका था, लेकिन अब स्मार्ट सिटी के तहत हेरिटेज को संवारने के काम किए जा रहे हैं, जिसमें राजवाड़ा भी शामिल है.
इंदौर के हृदय स्थल राजवाड़ा को संवारने की तैयारी, निगम अधिकारी लेंगे सुझाव
इंदौर के हृदय स्थल माने जाने वाले राजवाड़ा को संवारने का काम नगर निगम कर रहा हैं. स्मार्ट सिटी के तहत किए जा रहे इस काम में निगम के सामने कई चुनौतियां आ रही हैं.निगम अधिकारी राजवाड़ा के काम को अंतिम रूप देने से पहले शहर के सभी जनप्रतिनिधियों से इसके लिए सुझाव मांग रहे हैं.
राजवाड़ा का काम अब अंतिम चरणों में है लेकिन काम पूरा होने से पहले निगम अधिकारी शहर के सभी पार्टी के जनप्रतिनिधियों से चर्चा कर इसके लिए सुझाव मांग रहे हैं. अधिकारियों का मानना है कि राजवाड़ा शहर का ह्रदय स्थल है, जहां हर त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है. साथ ही ये हर गतिविधि का केंद्र रहता है, जिसके चलते अब जनप्रतिनिधियों से सुझाव मांग कर राजवाड़ा के काम को अंतिम रूप दिया जाएगा.
जनप्रतिनिधियों में सभी पार्टियों के नेता शामिल हैं, इससे पहले भी कई बार राजवाड़ा का काम किया गया लेकिन लगातार आपत्तियों के चलते वो स्थाई नहीं रह सका. बता दें कि शहर का ह्रदय स्थल राजवाड़ा मां अहिल्या का निवास स्थान भी है, यहां पर अहिल्यादेवी रहकर अपने राज्य का संचालन करती थी. यही कारण है कि राजवाड़ा का महत्व जनप्रतिनिधियों के साथ आम लोगों से भी जुड़ा हुआ है.
Body:इंदौर का ह्रदय स्थल राजवाड़ा पिछले कई सालों से कायाकल्प की राह देख रहा है नगर निगम में कई परिषद बनने के बावजूद इस राजवाड़ा का स्थाई काम नहीं किया जा सका था लेकिन अब स्मार्ट सिटी के तहत हेरिटेज को संवारने के काम किए जा रहे हैं और इसमें राजवाड़ा भी शामिल है राजवाड़ा का काम अब अंतिम चरणों में है लेकिन काम पूरा होने से पहले निगम अधिकारी शहर के सभी पार्टी के जनप्रतिनिधियों से चर्चा कर इसके लिए सुझाव मांग रहे हैं अधिकारियों का मानना है कि राजवाड़ा शहर का ह्रदय स्थल है जहां पर हर त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है ओर यह हर गतिविधि का केंद्र रहता है जिसके चलते अब जनप्रतिनिधियों से सुझाव मांग कर राजवाड़ा के काम को अंतिम रूप दिया जाएगा इन जनप्रतिनिधियों में सभी पार्टियों के नेता शामिल हैं इससे पहले भी कई बार राजवाड़ा का काम किया गया लेकिन लगातार आपत्तियों के चलते वह स्थाई नहीं रह सका
बाईट - आशीष सिंह, निगमायुक्त
Conclusion:शहर का ह्रदय स्थल राजवाड़ा मां अहिल्या का निवास स्थान भी है यहां पर अहिल्यादेवी रहकर अपने राज्य का संचालन करती थी यही कारण है कि राजवाड़ा का महत्व जनप्रतिनिधियों के साथ आम लोगों से भी जुड़ा हुआ है