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Petroleum Product: बेतहाशा बढ़ते पेट्रोलियम पदार्थों के दामों को लेकर CPM ने मोदी की आलोचना

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Published : Jul 5, 2021, 1:58 PM IST

Updated : Jul 5, 2021, 2:12 PM IST

ग्वालियर(Gwalior) मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPM) सहित किसान संगठनों (kisan) बढ़ते पेट्रोलियम पदार्थों(petroleum products) के दामों को लेकर सोमवार को पदयात्रा निकाली. पदयात्रा में शामिल लोगों ने केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और चेतावनी दी 15 दिन के अंदर अगर दाम कम नहीं किए जाते तो जेल भरो आंदोलन किया जाएगा.

protest against petroleum product
petroleum के दामों को लेकर विरोध

ग्वालियर(Gwalior)। पेट्रोलियम पदार्थों के दामों में बेतहाशा बढ़ोत्तरी और बिजली के बढ़ते रेट के खिलाफ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी सहित किसान संगठनों ने शहर में सोमवार को चार स्थानों से पदयात्रा निकाली. यह पदयात्राएं फूल बाग पहुंचकर समाप्त हुई. इस दौरान पदयात्रा में शामिल लोगों ने केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और उसे पूंजीपतियों का पिछलग्गू बताया.

petroleum के दामों को लेकर विरोध

पेट्रोलियम पदार्थों के बढ़ते दामों का मार्क्सवादी पार्टी और किसान संगठन ने किया विरोध

पेट्रोलियम पदार्थों के दामों में बेतहाशा और रिकॉर्ड तोड़ वृद्धि हो चुकी है. अब तक के सर्वोच्च स्तर पर पेट्रोलियम पदार्थों के दाम पहुंच गए हैं. रसोई गैस सिलेंडर पर भी लगातार वृद्धि हो रही है और यह 900 रुपये के पार पहुंच गया है. सरकार गरीबों , मजदूरों और निम्न मध्यमवर्गीय लोगों को राहत देने की कतई कोशिश नहीं कर रही है. यही कारण है कि लोग घरों से निकलकर सरकार का विरोध करने में जुट गए हैं. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और कुछ स्थानीय संगठनों ने सोमवार को हजीरा मुरार के नदी पार टाल गुड़ा गुड़ी का नाका और बहोड़ापुर से शुरू होकर फूल बाग चौराहे पर पहुंची. जहां पदयात्रा में शामिल लोगों ने केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और उसे चेताया है कि 15 दिन के अंदर आम जनता को राहत देने का काम किया जाए नहीं तो जेल भरो आंदोलन शुरू किया जाएगा.

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15 दिन में कम करे दाम नहीं तो होगा जेल भरो आंदोलन

प्रदेश में पेट्रोल और डीजल 110 और सौ रुपए पर पहुंच चुका है. अनुपपुर में भी डीजल के दाम 100 रुपए की ऊपर पहुंच चुके है. लोग बिजली दरों में की जा रही बढ़ोतरी को लेकर परेशान हैं. कोविड-19 के दौर में लोग बेकारी, बेरोजगारी और महंगाई से परेशान है. ऐसे में उन्हें राहत देने के बजाय खाद्य तेलों और पेट्रोलियम पदार्थों और बिजली की दरों में वृद्धि करना अमानवीय है. सरकार को चेताते हुए विभिन्न संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही सरकार ने लोगों को राहत नहीं दी तो जेलें भर दी जाएंगी.

Last Updated :Jul 5, 2021, 2:12 PM IST

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