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MP Politics : गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के लिए मुश्किल घड़ी, पेड न्यूज केस में SC में सुनवाई 2 मार्च को

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Published : Feb 28, 2023, 8:16 PM IST

मध्यप्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के लिए परीक्षा की घड़ी सामने है. उनके खिलाफ पेड न्यूड केस मामले में सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार 2 मार्च को होना है. इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट भारत निर्वाचन आयोग के फैसले को सही साबित कर चुका है. अगर सुप्रीम कोर्ट में नरोत्तम मिश्रा के खिलाफ फैसला आया तो उनकी विधायकी व मंत्री पद खतरे में पड़ जाएगा. हालांकि इसमें एक पेंच ये भी है कि ये मामला 2008 में हुए विधानसभा चुनाव का है. इसके बाद दो चुनाव हो चुके हैं.

SC hearing paid news case on March 2
पेड न्यूज केस में SC में सुनवाई 2 मार्च को

दतिया/ भोपाल।मध्यप्रदेश की राजनीतिक को गर्माने वाले पेड न्यूज केस की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में 2 मार्च को होगी. ये केस गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा से जुड़ा है. इस मामले में भारत निर्वाचन आयोग ने 27 जून 2017 को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा के तहत 3 वर्ष के लिए नरोत्तम मिश्रा को अयोग्य घोषित किया था. इस मामले के विरुद्ध डॉ. नरोत्तम मिश्रा द्वारा मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में अपील की गई थी. इसके बाद राजनैतिक दबाब को आधार बनाकर शिकायतकर्ता राजेन्द्र भारती ने इस मामले को उठाया. जिस पर सर्वोच्च न्यायालय ने इस मामले को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट से दिल्ली हाईकोर्ट में स्थानांतरित करा दिया था.

दिल्ली हाईकोर्ट से भी लगा था झटका :इसके बाद हाईकोर्ट दिल्ली की सिंगल बेंच द्वारा 14 जुलाई 2017 को डॉ. नरोत्तम मिश्रा की अपील को खारिज करते हुये निर्वाचन आयोग के आदेश को यथावत रखा था. बाद में नरोत्तम मिश्रा द्वारा दिल्ली हाईकोर्ट की डबल बेंच में अपील की गई. इसमें 18 मई 2018 को सिंगल बेंच एवं निर्वाचन आयोग के विरुद्ध आदेश पारित किया गया. डबल बेंच हाईकोर्ट के उक्त आदेश के विरुद्ध शिकायतकर्ता राजेन्द्र भारती व भारत निर्वाचन आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में अलग-अलग अपील दायर की थी. शिकायतकर्ता राजेन्द्र भारती द्वारा अर्जेन्ट हियरिंग की अपील दायर की गई. जिसमें सुप्रीम कोर्ट द्वारा 16फरवरी 2023 को सभी पक्षों की सहमति से दिनांक 2 मार्च को पेड न्यूज़ केस में सुनवाई निश्चित की गई है.

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फैसला खिलाफ आया तो सियासी तूफान :उल्लेखनीय है कि उक्त प्रकरण में राजेन्द्र भारती की ओर से कांग्रेस पार्टी द्वारा पैरवी करने हेतु कांग्रेस के तत्कालीन वरिष्ठ नेता एवं देश के प्रसिद्ध एडवोकेट कपिल सिब्बल, पूर्व मंत्री पी.चिदम्बरम, विवेक तन्खा कोर्ट में पेश हुये थे. अब देखना है कि कपिल सिब्बल द्वारा कांग्रेस छोड़ने के बाद उनके स्थान पर कांग्रेस पार्टी अपने किस वरिष्ठ एवं विशेषज्ञ वकील को पैरवी के लिए सुप्रीम कोर्ट में उतारेगी. कांग्रेस की सरकार गिराने में सहयोगी एवं राजनैतिक क्षेत्रों में जिस प्रकार नरोत्तम मिश्रा द्वारा प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं को मीडिया में घेरा जाता है. क्या अब प्रदेश कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट में नरोत्तम मिश्रा को घेरेगी. अगर उच्चतम न्यायालय ने निर्वाचन आयोग के आदेश को यथावत रखा तो नरोत्तम मिश्रा की विधायकी एवं मंत्री पद दोनों ही खतरे में पड़ जाएंगे.

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