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MLA Rambai Singh: रामबाई ने पहना शेर का मुखौटा, जानें फिर क्या हुआ

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Published : Jan 21, 2023, 8:31 PM IST

अपने तीखे तेवर को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहने वाली पथरिया विधायक रामबाई सिंह शेर का मुखौटा लगाए हुए नजर आईं. रामबाई दमोह के चकेरी मेले में पहुंची थीं.

mla rambai singh wearing lion mask
विधायक रामबाई ने पहना शेर का मुखौटा

दमोह।शनिवार को चकेरी मेले विधायक रामबाई शेर का मुखौटा लगाए नजर आईं. अपने अंदाज को लेकर सुर्खियों में रहने वालीपथरिया से बसपा की विधायक रामबाई सिंह परिहार एक बार चर्चाओं में हैं. विधायक रामबाई अपने स्टॉफ के साथ चकेरी मेला में पहुंची और उन्होंने ग्रामीणों और दुकानदारों से चर्चा की. इस दौरान विधायक ने एक दुकान पर जाकर शेर का मुखौटा भी मुंह पर लगा लिया. मुखौटे का भाव पूछा तो दुकानदार ने 50 रुपए बताया, इस पर उन्होंने कहा यह लगाने के बाद उन्हें कोई नहीं पहचान पाएगा और मुखौटा भी महंगा है.

बच्चों के बांटे खिलौने: विधायक रामबाई ने मेले में घूम रहे बच्चों को उनके मनपसंद खिलौने दिलवाए और एक दुकान से घर को सजाने वाले फूल गुलदस्ते भी खरीदे. विधायक ने कई दुकानदारों से भी चर्चा की. इसके बाद वह मेला परिसर में लगे एक बड़े झूले की पालकी पर बैठी और झूले का आनंद भी उठाया. रामबाई ने ग्रामीणों से कहा कि वह यहां पर व्यवस्था बनाए रखें और उचित चीज का उचित दाम दें, किसी तरह का कोई विवाद न हो इसका भी ख्याल रखा जाए.

दमोद का प्रसिद्ध मेला: चकेरी मेला दमोह जिले का माना हुआ मेला है जो पिछले कई दशकों से लगता आ रहा है. यह 10 दिवसीय मेला सुनार एवं बेबस नदी के संगम तट पर बसे चकेरी गांव में संक्रांति के मौके पर लगता है. यहां पर सुई से लेकर बड़े से बड़े बर्तन, घर के सामान को सजाने के लिए कई तरह के सामान तथा अन्य बहुत सारी चीजों की दुकानें लगाई हैं. यहां पर कई दिनों से दुकानदार अपना माल बेचने के लिए आते हैं और 10 दिन तक मेले में बने रहते हैं. इतना ही नहीं मेले में सोने चांदी के सामान भी खूब बिकते हैं.

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मेले में लौटी रौनक: विधायक रामबाई ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि वह बचपन से इस मेला के बारे में सुनती आ रही हैं. यह बुंदेलखंड का प्रसिद्ध मेला है, लेकिन पिछले कुछ समय से इसकी रौनक खत्म हो रही थी जिसे उन्होंने पुनः संवारने का प्रयास किया है. मेले में महिलाएं आती हैं और मनपसंद खरीदारी करती हैं. मेले में बड़ी बड़ी दुकाने लगती हैं. एक तरफ चकेरी घाट तो दूसरी तरफ हिंगवानी गांव है. यहां पर पहले कम व्यवस्था थी अब मुरम मिट्टी डलवा के और अधिक जगह को मेला के लिए व्यवस्थित किया है.

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