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सरकारी अस्पताल में प्रसव करवाने के बदले ली रिश्वत, फिर भी नहीं बचा पाए बच्चे की जान

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Published : Sep 27, 2019, 6:14 PM IST

प्रसव करवाने के एवज में रिश्वत लेते हैं डॉक्टर

बुरहानपुर जिले के सरकारी अस्पताल में महिला डॉक्टर ने प्रसव करवाने के एवज में 25 हजार रुपए रिश्वत ली, फिर भी बच्चे की जान नहीं बचा सकी. परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर की लापरवाही के चलते मां के पेट मे ही बच्चे की मौत हो गई. प्रसूता के परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया.

बुरहानपुर। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट के प्रभार वाले बुरहानपुर जिले में प्रसव के लिए सरकारी अस्पताल में लोगों को 25 हजार रुपए तक देने पड़ रहे हैं. जिसके बाद भी डॉक्टर की लापरवाही के चलते जच्च और बच्चा दोनों कि ही जान खतरे में आ जाती है.

प्रसव करवाने के एवज में रिश्वत लेते हैं डॉक्टर

जिले के सरकारी अस्पताल में शुक्रवार को एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जहां मां के पेट में ही नवजात बच्चे की मौत हो गई. प्रसूता के परिजनों का आरोप है कि अस्पताल में पदस्थ महिला डॉक्टर ने प्रसव करवाने के एवज में उनसे 25 हजार रुपए रिश्वत ली, बावजूद इसके वो बच्चे की जान नहीं बचा सकीं, परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर की लापरवाही की वजह से प्रसूता के पेट में ही बच्चे की मौत हो गई, जिसके बाद परिजनों ने जमकर अस्पताल में हंगामा मचाया.

अस्पताल में पदस्थ एकमात्र महिला डॉक्टर उमा वर्मा प्रसव के लिए आने वाली महिलाओं से 10 से 20 हजार वसूल करती हैं, बावजूद इसके इलाज में लापरवाही के कारण मां- बच्चे दोनों की जान से खिलवाड़ा किया जा रहा है. बता दें कि पीड़ित परिजनों ने पुलिस से डॉक्टर उमा वर्मा की शिकायत की है, साथ ही मामला संज्ञान में आने के बाद प्रभारी सिविल सर्जन डॉ प्रतीक नवलखे ने भी जांच कर कार्रवाई की बात कही है.

Intro:बुरहानपुर। गरीब परिवारों के लिए सरकारी अस्पताल और उनमें मुफ्त में मिलने वाली स्वास्थ्य सेवाएं किसी संजीवनी से कम नहीं होती, लेकिन प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट के प्रभार वाले बुरहानपुर जिले में प्रसव के लिए भी लोगों को 25 हजार रुपए तक देने पड़ रहे हैं, जिसके चलते यहां का जिला अस्पताल गरीबों के लिए यातना केंद्र जैसा बन कर रह गया है, अस्पताल में पदस्थ एकमात्र महिला चिकित्सक डॉ उमा वर्मा प्रसव के लिए आने वाली महिलाओं से 10 हजार से लेकर 25 हजार रुपए तक वसूल कर रही है, बावजूद इसके इलाज में लापरवाही के चलते जच्चा-बच्चा की जान तक चली जाती है।


Body:ऐसा ही एक मामला शुक्रवार को सामने आया जहां एक नवजात की मां के पेट में ही मौत हो जाने के बाद परिजनों ने न सिर्फ जिला अस्पताल में जमकर हंगामा मचाया बल्कि डॉक्टर उमा वर्मा की करतूत मीडिया के सामने खुल कर बताई, प्रसूता के परिजन हफीज मंसूरी ने आरोप लगाते हुए कहा कि डॉ उमा वर्मा ने जांच से पहले उनसे 2 हजार रुपए लिए बाद में खून पेशाब की जांच के नाम पर 3 हजार रुपए लिए और शुक्रवार सीजर से पहले 20 रुपए की मांग की गई, बाद में बच्चे को पहले ही मृत बता दिया और मां की जान को खतरा होने का भय भी दिखाया था।


Conclusion:प्रसूता के परिजनों ने लिखित में पुलिस से डॉक्टर उमा वर्मा की शिकायत की है, मामला संज्ञान में आने के बाद प्रभारी सिविल सर्जन डॉ प्रतीक नवलखे ने मामलें की जांच कर कार्यवाही की बात कही है।

बाईट 01:- हफीज मंसूरी, परिजन।
बाईट 02:- डॉ प्रतीक नवलखे, प्रभारी सीएस।
बाईट 03:- डीएस गोलकर, पुलिस चौकी जिला अस्पताल।

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