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खुशखबरी! इस महीने शिवराज सरकार देगी बड़ा तोहफा, मध्यप्रदेश के पेंशनर्स का महंगाई भत्ता बढ़ेगा, जानें अब कितना होगा

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Published : Jul 24, 2023, 1:26 PM IST

MP Pensioners DR Hike: मध्यप्रदेश के पेंशनर्स के लिए एक खुशखबरी है. दरअसल शिवराज सरकार इसी महीने महंगाई भत्ता बढ़ाने वाली है. आइए जानते हैं अब एमपी के पेंशनर्स को सरकार कितना डीए देगी-

mp government can give 9 percent dearness relief
शिवराज सरकार देगी बड़ा तोहफा

भोपाल। कर्मचारियों के बाद अब प्रदेश के पेंशनर्स को जल्द ही महंगाई भत्ते की सौगात मिल सकती है, प्रदेश के पेंशनर्स को 9 फीसदी महंगाई भत्ता देने के लिए वित्त विभाग ने छत्तीसगढ़ सरकार को पत्र भेज दिया है. हाल ही में कर्मचारी कल्याण समिति ने पेंशनर्स का महंगाई भत्ता बढ़ाने के लिए सीएम शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा था, प्रदेश में पेशनर्स की संख्या करीबन साढ़े 4 लाख रुपए है. दरअसल हाल में में राज्य सरकार ने प्रदेश के कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में 4 फीसदी की बढोत्तरी का लाभ दिया है.

केंद्र के समान महंगाई भत्ता देने की मांग:केंद्र के पेंशनर्स को जनवरी 2023 से 42 फीसदी महंगाई भत्ता मिल रहा है, लेकिन मध्यप्रदेश के कर्मचारियों को अभी 33 फीसदी महंगाई भत्ते का ही लाभ मिल रहा है. हालांकि राज्य सरकार ने जनवरी माह में पेंशनर्स को महंगाई भत्ते को 33 फीसदी से बढ़ाकर 38 फीसदी कर दिया है, लेकिन छतीसगढ़ सरकार की सहमति न मिलने की वजह से अब तक कर्मचारियों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. छत्तीसगढ़ सरकार की सहमति न मिलने से अब राज्य सरकार को पेंशनर्स को 6 माह का एरियर भी देना होगा.

उधर अब कर्मचारी कल्याण समिति के अध्यक्ष रमेश शर्मा ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर पेंशनर्स को 9 फीसदी महंगाई भत्ते दिए जाने की मांग की है, उन्होंने सीएम से अनुरोध किया है कि प्रदेश के पेंशनर्स को 42 फीसदी महंगाई राहत देने के लिए छत्तीसगढ़ से सहमति ली जाए. माना जा रहा है कि सीएम जल्द ही इस संबंध में ऐलान कर सकते हैं, साथ ही इस संबंध में वित्त विभाग ने छत्तीसगढ़ सरकार को पत्र लिखकर पेंशनर्स को महंगाई भत्ते का लाभ देने अनुमति देने के लिए कहा है.

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एमपी को छत्तीसगढ़ सरकार से लेनी होती है सहमति:दरअसल राज्य पुनर्गठन अधिनियम 2000 की धारा 49 (6) के अनुसार राज्य को महंगाई राहत में वृद्धि करने से पहले सहमति लेनी होती है, क्योंकि इससे जो आर्थिक भार आता है, उसका 74 फीसदी हिस्सा मध्यप्रदेश और 26 फीसदी हिस्सा छत्तीसगढ़ को उठाना पड़ता है. यह प्रावधान अविभाजित मध्यप्रदेश के पेंशनर्स पर लागू होता है.

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