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हार के बाद एमपी कांग्रेस का गियर चेंज, प्रभारी जीतेन्द्र सिंह लगाएंगे पार्टी की 26 तारीख को क्लास

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Dec 25, 2023, 8:21 PM IST

Jitendra Singh to hold meeting on 26 December 2023: चुनावी हार के बाद कांग्रेस में बड़ी सर्जरी की गई है. इसी के तहत मध्य प्रदेश में भंवर जीतेंद्र सिंह को कांग्रेस का प्रभारी बनाया गया है. मंगलवार 26 दिसंबर को कांग्रेस की बड़ी बैठक होने जा रही है जिसमें एमपी कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी सहित जिला प्रभारी, सह प्रभारी और जिला संगठन मंत्री भाग लेंगे.

MP Congress New Incharge bhanwar Jitendra Singh
एमपी के नये प्रभारी भंवर जीतेन्द्र सिंह

भोपाल। बीजेपी की कैबिनेट के गठन के साथ अब कांग्रेस भी विपक्षी दल के रूप में अपनी धार तेज करने काम में जुट गई है. खोई जमीन पाने की जद्दोजहद में जुटी कांग्रेस के नए तारणहार बनें भंवर जितेन्द्र सिंह मंगलवार को कांग्रेस की बड़ी बैठक लेने जा रहे हैं. इस बैठक में प्रदेश भर के जिला और शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष, जिला प्रभारी, सह प्रभारी और जिला संगठन मंत्रियों को बुलाया गया है. भंवर जितेन्द्र सिंह के अलावा बैठक में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी भी मौजूद रहेंगे. चुनाव में मिली करारी हार के बाद प्रभारी महासचिव की मौजूदगी में ये पार्टी की पहली बड़ी बैठक है.

बीती को बिसार कर आम चुनाव की तैयारी में कांग्रेस :विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली हार का सार समझने तक ठीक है. लेकिन पार्टी के पास उस हार के मातम का वक्त नहीं है. वजह ये कि तीन महीने बाद पार्टी को फिर आम चुनाव से गुजरना है. पार्टी इसके लिए गिअर अप होने लगी है. विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद हार के मंथन को लेकर बैठक हुई हो, लेकिन बीती को बिसार कर आगे बढ़ने के मद्देनजर भोपाल में कांग्रेस की ये बड़ी बैठक रखी गई है. प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष राजीव सिंह ने बताया कि "बैठक में कांग्रेस के जिला शहर कमेटी के अध्यक्षों के साथ जिला प्रभारी, सह प्रभारी और जिला संगठन मंत्रियों को भी बुलाया गया है. बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी भी मौजूद रहेंगे."

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पांच साल में बदले पांच प्रभारी...बदला कुछ नहीं... :पांच साल में कांग्रेस पांच प्रभारी बदलकर प्रयोग कर चुकी है. लेकिन बदलाव कहीं दर्ज नहीं आया. 2018 के विधानसभा चुनाव में "वक्त है बदलाव का" इस नारे के साथ आई कांग्रेस ने सारे बदलाव पार्टी संगठन में ही किया, लेकिन कोई भी प्रयोग असरदार नहीं रहा. चुनाव के दौरान सुरजेवाला के साथ राष्ट्रीय प्रवक्ताओं की फौज ने मोर्चा संभाला, लेकिन सरकार के खिलाफ माहौल बनाने में पार्टी नाकाम रही.

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