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Mp Government took Loan सरकार ने फिर लिया 2 हजार करोड़ का कर्ज, प्रदेश का हर नागरिक होगा 47 हजार रुपए का कर्जदार

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Published : Sep 13, 2022, 4:05 PM IST

Updated : Sep 13, 2022, 4:45 PM IST

मध्य प्रदेश सरकार एक बार फिर खुले बाजार से 2 हजार करोड़ का कर्जा लेने जा रही है. 10 साल की अवधि के लिए जा रहे इस कर्ज की ब्याज दर करीब 7 फीसदी होगी. इस कर्ज के बाद प्रदेश पर वित्तीय वर्ष 2022 -23 में अनुमानित कर्जा 3 लाख 83 हजार करोड़ हो सकता है. जिससे प्रदेश का प्रत्येक नागरिक 47 हजार रूपये का कर्जदार होगा. Mp Government took Lone, 2 thousand crores lone, every citizen debt 47 thousand, mp shivraj Government

Mp Government took Lone
एमपी का हर नागरिक कर्जदार

भोपाल। आर्थिक तंगी से जूझ रही मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार एक बार फिर से खुले बाजार से कर्ज लेने जा रही है. इस बार सूबे की हुक्मरान बाजार से 2 हजार करोड़ का कर्जा लेने का फैसला लिया है. कर्ज की अवधि 10 साल की रहेगी. सूत्रों के मुताबिक शिवराज सरकार बाजार से करीब 7 फीसदी की ब्याज दर से यह लोन उठाने की तैयारी में है.

विपक्ष को मिला हथियार: विधानसभा सत्र की शुरुआत में ही सामने आए सरकार के इस फैसले पर सदन में हंगामा मचने के पूरे आसार हैं. प्रदेश पर अभी 2 लाख 95 हजार करोड़ का कर्जा है. इसके बावजूद सरकार फिर से 2 हजार करोड़ का लोन लेने जा रही है. मध्यप्रदेश पर बढता आर्थिक कर्जा विपक्ष के लिए हमेशा से एक सियासी हथियार रहा है. सत्ताधारी दल इसे विकास योजनाओ के क्रियान्वयन का हवाला दे जरूरी ठहरा रहा है वहीं विपक्ष कर्ज के नाम पर बाकी देनदारी को लेकर सरकार को घेरने को कोई मौका चूकना नहीं चाहेगा.

प्रति व्यक्ति पर होगा 47 हजार का कर्ज : मध्य प्रदेश सरकार पर वित्तवर्ष 2017-18 में मध्यप्रदेश पर 1 लाख 54 हजार करोड़ का था कर्जा था. जो प्रदेश में प्रतिव्यक्ति 21 हजार रूपये था, लेकिन यह कर्जा कम होने के बजाए और बढ़ता गया.
-वित्त वर्ष 2018-19 में मध्यप्रदेश पर कर्जा बढकर 1 लाख 94 हजार करोड़ हो गया. प्रदेश में प्रति व्यक्ति 25 हजार के कर्जे में था.
-2019-20 में प्रदेश पर कर्जा 2 लाख 31 हजार करोड़ और प्रतिव्यक्ति कर्ज की दर 29 हजार रूपये हो गई.
-2020-21 में मध्यप्रदेश सरकार पर कर्जा 2 लाख 89 करोड़ का कर्जा था जो 2021-22 में बढकर 3 लाख 32 हजार करोड़ हो गया. इसी साल मध्यप्रदेश के प्रत्येक नागरिक 41 रूपये का कर्जदार रहा.
- वित्त बर्ष 2022 -23 में अनुमानित कर्जा 3 लाख 83 हजार करोड़ हो सकता है. जिसमें प्रदेश का प्रत्येक नागरिक 47 हजार रूपये का कर्जदार होगा.

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ब्याज भरने में चला जाता है जनता से वसूला गया टैक्स:जो कर्जा मध्यप्रदेश सरकार ने लिया है उसका ब्याज जनता के वसूले गए टैक्स की राशि से भरा जाता है. आइए जानते हैं कि सरकार कर्ज पर अबतक कितना ब्याज दे चुकी है.
- वित्तीय वर्ष 2019-20 में एमपी सरकार ने 14 हजार करोड़ की राशि सिर्फ ब्याज भरने में चुकाई है.
- वित्तीय वर्ष 2020-21 में 16 हजार करोड़ रूपये की राशि केवल ब्याज में दी गई.
- साल 2021-22 में ब्याज की यह राशि बढकर 20 हजार करोड़ हो गई. माना जा रहा है कि साल 2022-23 में अनुमनित ब्याज की राशि 22 हजार करोड़ रूपये की हो सकती है.

अब लोन लिया तो कितना ब्याज चुकाना होगा :प्रदेश सरकार एक बार फिर खुले बाजार 7 फीसदी की ब्याज दर से 2 हजार करोड़ रुपए का कर्ज लेने जा रही है. विकास योजनाओं के क्रियान्वयन के नाम पर यह कर्ज लिया जा रहा है, लेकिन सरकार इससे पहले भी कई बार कर्ज ले चुकी है. जिसके एवज में एक बड़ी राशि ब्याज चुकाने में ही खर्च हो रही है. प्रदेश सरकार अबतक जो कर्ज ले चुकी है उसका ब्याज जनता से वसूले गए टैक्स के पैसों से चुकाया गया है.
- 2019-20 वित्तीय वर्ष में एमपी सरकार ने ब्याज में सिर्फ 14 हजार करोड़ की राशि चुकाई है.
- वित्तीय वर्ष 2020-21 में 16 हजार करोड़ रूपये की राशि केवल ब्याज में दी गई.
- साल 2021-22 में ब्याज चुकाने की राशि बढाकर 20 हजार करोड़ दी गई.
- 2022-23 में अनुमानित ब्याज की राशि 22 हजार करोड़ रूपये की हो सकती है.

Last Updated : Sep 13, 2022, 4:45 PM IST

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