गुरुग्राम: जेल से 14 दिन के पैरोल पर बाहर आए इनेलो सुप्रीमो ओपी चौटाला ने गुरुग्राम में कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की. इस बैठक में चौटाला ने पीएम मोदी पर जमकर निशाना साधा. चौटाला ने पीएम मोदी की तुलना हिटलर से करते हुए कहा कि हमारे देश का पीएम तानाशाह है. पीएम के गलत निर्णयों से सारे देश के लोग परेशान हैं.
साथ ही ओपी चौटाला ने कहा हिटलर चाहे कितना भी क्रूर था लेकिन उसने अपने देश का चौमुखी विकास किया. जर्मनी देश विकास के मामलों में बहुत आगे है. उसे आगे करने में हिटलर की अहम भूमिका थी, लेकिन हमारे पीएम से पूरा देश परेशान है. मोदी की पांच साल की नीतियों ने देश को नुकसान पहुंचाया है.
Body:वही चौटाला ने किसानों की हितैसी बनकर कहा कि केंद्र की सरकार हमारे उत्पादों का बहाव तय करती है लेकिन फिर भी किसानों की फसल को नहीं खरीदती है... किसानों को बिजली पानी बीच समय पर खाद मिले लेकिन इसके सब उल्टा होता है हमारी राज्य की सरकार ने उत्पाद के मूल्यों को प्रदेशिक स्तर पर खरीदा था जबकि केंद्र की सरकार ने नहीं खरीदा हमारी सरकार मैं तो दूसरे राज्यों की फसल को भी खरीदा था लेकिन सरकार की गलत निर्णय से हर वर्ग बर्बाद हुआ... सत्ता पक्ष के लोग भी सरकार से आज परेशान है मैं जहां भी दौरे करने जाता हूं वहां के नवनिर्वाचित सांसदों को गांव के लोग काले झंडे दिखाकर उन्हें वापस लुटा रहे हैं....
बाइट=ओपी चौटाला,पूर्व मुख्यमंत्री व इनलो सुप्रीमो
आने वाले विधानसभा चुनाव में इनेलो अपना परचम लहराए इसको लेकर ओम प्रकाश चौटाला कड़ी मेहनत कर रहे हैं.... चौटाला ने इस बार उम्मीदवारों का चयन कार्यकर्ताओं के हाथ में दिया है कार्यकर्ताओं को कहा है कि वह अपने इलाको के अच्छे ईमानदार व्यक्ति का चयन करें और उसके लिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के पास भेजें क्योंकि इस बार उम्मीदवार कार्यकर्ताओं की मर्जी से उतारा जाएगा...अगर कोई उम्मीदवार आर्थिक रूप से कमजोर होगा तो ओमप्रकाश चौटाला खुद झोली फैलाकर लोगों से उस उम्मीदवार के लिए पैसे मांगेंगे और उस उम्मीदवार का सारा खर्च पार्टी की तरफ से दिया जाएगा
बाइट=ओपी चौटाला,पूर्व मुख्यमंत्री व इनलो सुप्रीमो
Conclusion:10 साल की सजा काट रहे ओम प्रकाश चौटाला ने कहा कि इस बार तो युवाओं को दिए गए नौकरी में 10 साल की सजा दी गई है लेकिन सरकार आने के बाद 100% बेरोजगारों को नौकरी दी जाएगी चाहे इसके बदले कोई फांसी क्यों न चढ़ा दे वही इनेलो परिवार के मुखिया कार्यकर्ताओं में जोश डालने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं लेकिन मेहनत कितनी रंग ला पाती है यह तो आने वाले विधानसभा चुनावों में ही पता लग पाएगा