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बेदाग खिलाड़ी के दामन पर कैसे लगा दाग, जानिए छेड़छाड़ के आरोपी मंत्री संदीप सिंह के बारे में

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Published : Jan 5, 2023, 9:23 PM IST

हरियाणा के खेल मंत्री संदीप सिंह इन दिनों सुर्खियों में बने हुए हैं. लेकिन इस बार हॉकी की जादूगरी के कारण नहीं, बल्कि जूनियर कोच से छेड़छाड़ का आरोप अभी तक की उनकी उपलब्धियों पर भारी पड़तानजर आ रहा है. दिन प्रतिदिन संदीप सिंह की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं. आइए जानते हैं 'फ्लिकर सिंह' की उपलब्धि से लेकर उनका अब तक का सफर कैसर रहा है... (woman coach molested in haryana)

molestation case against Sandeep Singh
हरियाणा के खेल मंत्री संदीप सिंह

चंडीगढ़:हॉकी टीम इंडिया के पूर्व कप्तान और हरियाणा के खेल मंत्री संदीप सिंह लंबे समय के बाद इन दिनों एक बार फिर से सुर्खियों में हैं. लेकिन इस बार वजह कुछ अलग है. वैसे तो 36 साल के संदीप सिंह किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं, लेकिन इन दिनों जूनियर कोच के द्वारा छेड़छाड़ के आरोप लगने के बाद कैबिनेट मंत्री की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है. (molestation case against Sandeep Singh) (haryana sports minister Sandeep Singh case)

एक समय था, जब संदीप सिंह के सितारे बुलंदियों पर थे. उनकी लोकप्रिता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि, उनके ऊपर 'सूरमा' नाम से बायोपिक भी बन चुकी है, जिसे लोगों ने खासा पसंद भी किया. संदीप सिंह के नाम कई रिकॉर्ड रहे हैं. संदीप सिंह हॉकी के इतने मशहूर खिलाड़ी रहे हैं कि, उन्हें 'फ्लिकर सिंह' भी कहा जाता था. (haryana sports minister biography) (Sandeep Singh biopic Soorma.)

संदीप सिंह.

संदीप सिंह के नाम कई रिकॉर्ड: 1987 में गुरुचरण सिंह सैनी और दलजीत कौर सैनी के घर जन्मे संदीप सिंह ने महज 36 साल की ऊम्र में ही हॉकी और राजनीति में कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं. संदीप सिंह को हॉकी खेलने की प्रेरणा अपने बड़े भाई बिक्रमजीत सिंह से मिली थी. दोनों भाई कुरुक्षेत्र के शाहाबाद हॉकी एकेडमी में हॉकी सीखने जाते थे. साल 2004 में संदीप सिंह ने एथेंस ओलंपिक में भाग लिया था. इसके साथ ही संदीप सिंह ओलंपिक खेलने वाले सबसे कम उम्र के भारतीय हॉकी खिलाड़ी बन गए थे. इसके अलावा सुल्तान अजलन शाह कप में भाग लेने वाले सबसे कम उम्र के भारतीय खिलाड़ी बन गए. साल 2004 में संदीप सिंह ने एथेंस ओलंपिक में भाग लिया. (former captain of hockey team india sandeep singh) (Sandeep singh in athens olympics 2004)

एथेंस ओलंपिक में संदीप सिंह. (फाइल फोटो)

संदीप सिंह का सफर: संदीप सिंह साल 2003 में इंडियन हॉकी टीम में चयनित हुए. साल 2004 में एथेंस ओलंपिक में भी संदिप सिंह ने भारतीय टीम में शिरकत किया. इस खेल में संदीप दुनिया के सबसे कम उम्र के हॉकी खिलाड़ी थे. 2005 में जूनियर वर्ल्ड कप में संदीन ने सबसे ज्यादा 10 गोल किए. वहीं, साल 2006 में जर्मनी में आयोजित सीनियर विश्व कप में संदीप सिंह का चयन हुआ. लेकिन टूर्नामेंट से पहले 22 अगस्त, 2006 को टूर्नामेंट से कुछ दिन पहले संदीप सिंह के साथ एक भयावह हादसा हुआ. दरअसल वर्ल्ड कप की तैयारियों के बीच एक हफ्ते का ब्रेक था. ऐसे में संदीप सिंह अपने दोस्त के साथ शताब्दी ट्रेन में यात्रा कर रहे थे. सफर के दौरान उनकी सीट के पीछे बैठे रेलवे सुरक्षा बल का एक जवान बैठा था, जो अपनी बंदूक साफ कर रहा था, इसी दौरान गलती से गोली चल गई और संदीप सिंह के पीठ में गोली लग गई. इसके बाद संदीप सिंह काफी दिनों तक चंडीगढ़ के पीजीआईएमईआर में भर्ती थे. संदीप सिंह इस घटना को जीवन का महत्वपूर्ण मोड़ मानते हैं.

खेल मैदान में संदीप सिंह. (फाइल फोटो)

जब उनकी तबीयत में कुछ सुधार हुआ तो भारतीय हॉकी फेडरेशन की ओर से रिहैबिटेशन के लिए उन्हें विदेश भेजा गया. वहां, जाने के बाद काफी सुधार हुआ. इस घटना के 2 साल बाद संदीप सिंह एक बार फिर से हॉकी स्टिक के साथ खेल मैदान में उतरे.

साल बाद 2008 में सुल्तान अजलन शाह कप के जरिए भारत के लिए फिर से हॉकी खेलने के लिए मैदान पर लौटे. उस मैच में संदीप सिंह ने 9 गोल दागे. उसी साल संदीप सिंह को भारतीय हॉकी टीम का कप्तान नियुक्त किया गया. संदीप की कप्तानी में भारत ने साल 2009 में सुल्तान अजलान शाह कप अपने नाम किया. इस दौरान संदीप सिंह ने कुल 6 गोल किए और उन्हें टूर्नामेंट के बेस्ट खिलाड़ी का खिताब नवाजा गया. इतना ही नहीं, संदीप सिंह की अगुवाई में साल 2012 में भारत ने लंदन ओलंपिक में जगह बनाई. क्वालिफाइंग इवेंट में संदीप ने कुल 16 गोल किए थे. (Who is sandeep Singh)

जब संदीप सिंह को मिली 'फ्लिकर सिंह' नाम की उपाधि: हॉकी में संदीप सिंह के ड्रैग फ्लिक की काफी डिमांड थी. दरअसल ड्रैग फ्लिक हॉकी में पेनाल्टी कॉर्नर से स्कोर करने का एक तरीका है, जिसमें संदीप सिंह को महारत हासिल थी. पूर्व भारतीय हॉकी कप्तान संदीप सिंह की ड्रैग-फ्लिक स्पीड 145 किमी प्रति घंटे से ज्यादा की रफ्तार से होती थी. उन्हें भारतीय हॉकी इतिहास के सर्वश्रेष्ठ ड्रैग फ्लिकरों में से एक माना जाता है. अपने करियर में उन्होंने 150 से अधिक गोल दागे. यही वजह है कि लोग उन्हें 'फ्लिकर सिंह' के नाम से लोग पुकारने लगे.

संदीप सिंह पर बनी फिल्म सूरमा.

राजनीति में संदीप सिंह की एंट्री: साल 2019 संदीप सिंह की राजनीति में एंट्री हुई. बीजेपी ने सिंदीप सिंह हरियाणा विधानसभा चुनाव में पिहोवा विधानसभा सीट से टिकट दिया. संदीप सिंह की लोकप्रियता से इस दौरान पार्टी को काफी लाभ हुआ. इसके साथ ही साल 2019 में उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी मनदीप सिंह को 5,000 से अधिक वोटों से हरा कर जीत हासिल की थी. खेल में उपलब्धियां और सिख चेहरा को देखते हुए उन्हें खेल मंत्री बनाया गया. लेकिन प्रदेश के खेल मंत्री की मुसीबतें इन दिनों कम होने का नाम नहीं ले रही हैं.

खेल मंत्री पर जूनियर कोच का आरोप:दरसअल 29 दिसंबर, 2022 को जूनियर महिला कोच ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर हरियाणा के खेल मंत्री संदीप सिंह पर कई सनसनीखेज आरोप लगाए. जूनियर कोच ने कहा कि, खेल मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि मेरी बात मानने पर सभी सुविधाएं और मनचाही जगह पोस्टिंग मिलेगी. जब बात नहीं मानी तो उसके बाद तबादला कर दिया गया और ट्रेनिंग तक रोक दी गई. पीड़िता के अनुसार प्रेस कॉन्फ्रेंस करने से पहले घटना की शिकायत के लिए डीजीपी कार्यालय, सीएम हाउस और गृह मंत्री अनिल विज हर स्तर पर प्रयास किया, लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हुई. जिसके बाद मजबूरी में उन्हें थाने में शिकायत करनी पड़ी. (woman coach molested in haryana) (Haryana junior coach molestation case )

वहीं, 29 दिसंबर को ही कैबिनेट मंत्री संदीप सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपे ऊपर लाए गए सभी आरोपों को निराधार बताया. इसके बाद 1 जनवरी, 2023 को कैबिनेट मंत्री संदीप सिंह ने जांच रिपोर्ट आने तक अपना विभाग सीएम को सौंप दिया. वहीं, 4 जनवरी को एसआईटी की टीम संदीप सिंह के घर पर करीब साढ़े चार घंटे रही. (Journey of sandeep Singh )

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