चंडीगढ़: चंडीगढ़ में जी-20 कृषि समूह की बैठक आज संपन्न हो गई. यह कृषि समूह की दूसरी बैठक थी, इससे पहले इंदौर में समूह की बैठक हुई थी. अंतिम दिन बैठक में निकले नतीजों को लेकर चर्चा हुई. जिसको सबसे पहले शुभा ठाकुर, संयुक्त सचिव (फसल) ने संबोधित किया. इसके बाद डॉ. अभिलक्ष लिखी, अतिरिक्त सचिव, डीए एंड एफडब्ल्यू द्वारा इस आगे बढ़ाया गया.
बैठक के अंतिम दिन लगातार दो सत्रों में जी-20 के सदस्य देशों द्वारा मसौदा तैयार करने पर ध्यान केंद्रित किया गया और विस्तृत चर्चा कर मुद्दों को चिह्नित किया गया. अन्य आमंत्रित देशों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी सत्र के दौरान अपने विचार रखे और कम्युनिकेशन ड्राफ्टिंग अभ्यास पर एक समावेशी चर्चा में योगदान दिया. सत्र के बाद मनोज आहूजा, सचिव, डीए एंड एफडब्ल्यू ने प्रेसवार्ता को संबोधित किया और कहा, 'पोषण को लेकर हम सुधार चाहते थे वे पिछले 5 सालों में नही हो पाए हैं.
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इस पर हमने अपने विचार जी-20 देशों के समक्ष रखे और उसके लिए आगे क्या किया जा सकता है. उस पर सदस्य देशों से बात की गई.' उन्हें उम्मीद है कि बैठक में तैयार हुए मसौदे पर चर्चा के बाद जिन क्षेत्रों पर फोकस किया जाना है, उसका ड्राफ्ट समझौते का मार्ग प्रशस्त होगा. जिसमें खाद्य सुरक्षा और पोषण प्रमुख बिंदु हैं. इसके साथ ही बैठक में जलवायु स्मार्ट कृषि पर भी बल दिया गया.
उन्होंने कहा कि आजकल मौसम में अचानक परिवर्तन आने से खाद्यान्नों को भारी नुकसान हो रहा है. इसका हर क्षेत्र पर प्रभाव पड़ेगा और खासतौर पर कृषि पर होने वाले इसके असर से कैसे निपटा जाए और उसके लिए क्या क्या कदम उठाए जाएं. इस को लेकर बैठक में चर्चा हुई. समावेशी कृषि मूल्य श्रृंखला बनाने को लेकर भी बैठक में जोर दिया गया. उन्होंने कहा, 'हम कृषि को सिर्फ उत्पाद की नजर से ना देखें बल्कि कोई भी कृषि उत्पाद शुरू से लेकर बिक्री तक एक वैल्यू चेन के तहत चलता है.