दिल्ली

delhi

Dussehra 2023: रावण के संग दहन होगा सनातन विरोधियों का पुतला, मार्केट में पुतलों की डिमांड बढ़ी

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Oct 5, 2023, 6:13 AM IST

हर साल दिल्ली में धूमधाम के साथ भव्य रामलीला का मंचन किया जाता है. वहीं, इस बार दशहरा के दिन राजधानी में सनातन धर्म विरोधियों के पुतले जलाए जाएंगे. मार्केट में सनातन विरोधियों के पुतलों की डिमांड बढ़ गई है.

रावण के संग दहन होगा सनातन विरोधियों का पुतला
रावण के संग दहन होगा सनातन विरोधियों का पुतला

रावण के संग दहन होगा सनातन विरोधियों का पुतला

नई दिल्ली:15 अक्टूबर से रामलीला मंचन की शुरुआत होने जा रही है, जो 24 अक्टूबर तक चलेगा. दशहरा पर्व देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन अहंकार के प्रतीक रावण का पुतला दहन किया जाता है. वहीं, इस साल रावण के संग सनातन धर्म विरोधियों का पुतला भी फूंका जाएगा. टैगोर गार्डन के नजदीक कई वर्षों से रावण का पुतला बनाने वाले मुन्ना ने 'ETV भारत' को बताया कि इस बार पुतलों की मांग बढ़ी है. रावण, कुंभकरण और मेघनाद के साथ सनातन धर्म विरोधियों के पुतले की डिमांड भी आई है.

दरअसल, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदय स्टालिन ने पिछले दिनों सनातन धर्म पर विवादित बयान दिया था. इसका अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं ने समर्थन भी किया. स्टालिन की टिप्पणी पर सनातन धर्मियों, उनके समर्थकों और बीजेपी के नेताओं ने आपत्ति जताई थी. वहीं, श्री रामलीला महासंघ ने दशहरा पर चौथे पुतले के रूप में सनातन विरोधियों का पुतला जालाने का ऐलान किया था.

कैसा होगा सनातन विरोधी पुतलों का रूप?: मुन्ना ने बताया कि कथित तौर पर सनातन विरोधियों के पुतलों को रावण के रूप में ही तैयार किया जाएगा. बस इनके आकार को रावण के पुतलों से छोटा रखा जाएगा. डिमांड के हिसाब से पुतले के सिर बनाए जाएंगे. हालांकि, दिल्ली- NCR के कुछ जगहों पर पुतलों की डिलिवरी की गई है. टेगौर गार्डन के आसपास 70 वर्षों से पुतलों को बनाने का काम हो रहा है. हर साल यहां विशेष कारीगर पुतले बनाते हैं.

60 फुट का रावण सबसे बड़ा:कुछ बड़ी रामलीला कमिटियां अपने ग्राउंड में ही रावण के पुतले तैयार करवाती है. वहीं छोटी रामलीलाओं और मोहल्लों में जलाए जाने वाले रावण के पुतलों की सप्लाई टैगोर गार्डन से की जाती है. यहां दशहरे से पहले सड़क किनारे और मेट्रो पिलर्स के आसपास लगभग 2 किलोमीटर तक रावण के पुतलों के विभिन्न आकार और रूप देखने को मिलता है. सबसे ज्यादा 40 से 50 फुट के पुतलों की डिमांड होती है. वहीं कुछ लोगों के डिमांड पर 60 फुट के पुतले भी बनाए जाते हैं.

पुतला बनाना सिर्फ 2 महीने का रोजगार:रावण के पुतलों की डिमांड केवल दशहरे के समय आती है. कारीगर दो महीने ही इससे अपना लालन पालन कर पाते हैं. वहीं, साल के बाकी बचे 10 महीने यही कारीगर अलग-अलग तरह के रोज़गार का सहारा लेते हैं. मुन्ना ने बताया कि अन्य दिनों में कोई ई-रिक्शा, कोई रिक्शा चलाकर और तो कई मजदूरी करके परिवार पालता है.

25 पुतलों की लागत 1,50,000 रुपए:मुन्ना ने बताया कि दिल्ली में लेबर महंगी है. रावण के छोटे-बड़े सभी मिलाकर करीब 25 पुतले बनने में 1,50,000 रुपयों का खर्चा आता है. इसे बनाने में बांस, लोहे के पतले तार, भूरा कागज या अख़बार, चिपकने के अरारोट और रंगों का इस्तेमाल किया जाता है. पुतला बनाने में सबसे पहले ढांचा तैयार किया जाता है. इसके बाद उस पर कागज लगाकर फिर फाइनल रंग किया जाता है.

क्या है कीमत:रावण के पुतलों की कीमत उनके साइज के आधार पर निर्धारित की जाती है. सबसे छोटा रावण 5 फुट का होता है, जिसकी कीमत 3000 रुपए तक है. वहीं 20 से 45 फुट के पुतलों की कीमत 15,000 से 45,000 रुपए तक है. इसके अलावा जिन पुतलों को विशेष ऑर्डर पर तैयार किया जाता है, उनकी कीमत 60,000 से 80,000 हज़ार तक होती है.

ये भी पढ़ें:

  1. लोकसभा चुनाव 2024 सनातन समर्थकों और सनातन विरोधियों में लड़ा जाएगा: श्रीमहंत नारायण गिरी
  2. Dussehra 2023: दशहरा के दिन सनातन विरोधियों का पुतला दहन, भाजपा को मिला रामलीला समितियों का समर्थन

ABOUT THE AUTHOR

...view details