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वर्ल्ड अल्जाइमर डे पर दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित, विशेषज्ञों ने लिया हिस्सा

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Published : Sep 22, 2022, 11:47 AM IST

दिल्ली में वर्ल्ड अल्जाइमर डे के मौके पर इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित किया गया. इस कॉन्फ्रेंस में कई जाने माने डाक्टरों ने हिस्सा लिया.

वर्ल्ड अल्जाइमर डे पर दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित
वर्ल्ड अल्जाइमर डे पर दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित

नई दिल्ली: वर्ल्ड अल्जाइमर दिवस के मौके पर लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से इस दिन को मनाया जाता है. अल्जाइमर एक प्रकार की बीमारी है, जो याद्दाश्त से जुड़ी है. यह एक तरह का मानसिक रोग है, जो अधिकत्तर 60 से ज्यादा की उम्र के लोगों में देखा जाता है. यह दिमाग की नसों से जुड़ा हुआ रोग है. मनोचिकित्सकों की मानें तो मस्तिष्क की कोशिकाएं कमजोर होकर सिकुड़ने से यह रोग होता है.

बुधवार को पूरे विश्व भर में वर्ल्ड अल्जाइमर डे मनाया जा गया और इसकी थीम डिमेंशिया दी गई. इस मौके पर दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई, जिसमें बड़े-बड़े डॉक्टरों ने हिस्सा लिया. इस मौके पर मीडिया से बात करते हुए एम्स न्यूरोलॉजी विभाग के प्रोफेसर डॉ मंजरी त्रिपाठी का कहना है कि अल्जाइमर मस्तिष्क में होने वाले विषैले परिवर्तनों की वजह से उत्पन्न होता है, जिसमें मति का भ्रम हो जाना, तर्कपूर्ण निर्णय लेने में असमर्थ हो जाना या याद्दाश्त का चले जाना इस रोग का प्रमुख लक्षण है. अल्जाइमर रोग इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार विश्व में इस बीमारी से प्रभावित लोगों में से 50 प्रतिशत को भी औपचारिक निदान नहीं मिलता है.

दुनियाभर में हर साल विश्व अल्जाइमर दिवस 21 सितंबर को मनाया जाता है. इसे न्यूरोलॉजिकल विकारों (डिसऑर्डर) के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है. इस साल की थीम है 'डिमेंशिया को जानें, अल्जाइमर को जानें'. भारत में 40 लाख से ज्यादा लोगों को किसी न किसी रूप में डिमेंशिया है. दुनिया भर में कम से कम 4.4 करोड़ लोग डिमेंशिया के साथ जी रहे हैं. अल्जाइमर डिजीज (AD) का डायग्नोज मरीज के जीवन में बहुत बड़ा बदलाव लाता है.

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