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फ्लैग स्टाफ टावर : 1857 की क्रांति का गवाह बना यह स्थान, दिल्ली की 10 बड़ी खबरें @ 5 PM

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Published : Aug 15, 2021, 5:12 PM IST

देश और दिल्ली की बड़ी खबरें, देश आज आज़ादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है. राकेश टिकैत की मासूम पोती बोली- दादा ! कृषि कानूनों को वापस कराकर ही घर आना और किन मुद्दों पर जारी है राजनीति. देखें बस क्लिक में

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दिल्ली की 10 बड़ी खबरें @ 5 PM

  • फ्लैग स्टाफ टावर : 1857 की क्रांति का गवाह बना दिल्ली का यह स्थान

1828 में बना फ्लैग स्टाफ टावर दिल्ली विश्वविद्यालय के नॉर्थ कैम्पस के पास रिज क्षेत्र में है. 11 मई 1857 में जब विद्रोही सैनिकों ने दिल्ली पर धावा बोल दिया, तब अंग्रेज अधिकारी उनसे डर कर यहां छिपे थे. कुछ समय बाद अंग्रेजों ने यहां फिर से कब्जा कर लिया और यहां दोबारा अंग्रेजी हुकूमत का झंडा फहराया.

  • आजादी के लिए खूब लड़ी थी ये क्रांतिकारी भाभी, अंग्रेज गवर्नर पर चला दी थी गोली

भारत के स्वतंत्रता संग्राम में क्रांतिकारियों की प्रमुख सहयोगी रहीं दुर्गा भाभी का नाता गाजियाबाद से रहा है. उन्होंने जीवन के अंतिम पल गाजियाबाद में बिताए थे. यहां के कन्या वेदिक स्कूल में लड़कियों को शिक्षा देने का भी काम किया था. गाजियाबाद के नवयुग मार्केट में दुर्गा भाभी चौक की स्थापना कर, उनकी प्रतिमा लगवाई गई है.

  • लोगों की राय 'गुरुद्वारा चुनाव में धार्मिक आस्थाएं पीछे छूट रही हैं'

कोरोना महामारी के चलते टाले गए गुरुद्वारा कमेटी के चुनाव 22 अगस्त को होने जा रहे हैं. चुनाव को लेकर प्रचार तेज हो गया है. प्रत्याशी लोगों के घर-घर जाकर प्रचार कर रहे हैं. ऐसे में इन चुनावों को करीब से देखने वालों का मानना है कि इन चुनावों में पैसों और शराब का चलन इतना अधिक हो गया है कि धार्मिक आस्था और भावनाएं काफी पीछे छूट गई हैं.

  • स्वर्ग से सुंदर जग से न्यारा प्यारा भारत देश बा'...जैसे गीतों से आजादी के दीवनों को किया नमन

इस बार देश 75वां स्वतंत्रता दिवस (75th Independence Day Celebrations) मना रहा है. सरकार की ओर से अमृत महोत्सव (amrit utsav) की शुरुआत की गई है. पूरा देश जश्न में डूबा हुआ है. आजादी का ये अृमत उत्सव (amrit utsav) देशभर में अलग-अलग अंदाज़ में मनाया जा रहा है.

  • स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ: महिलाओं को कितनी आज़ादी मिली, उन्हीं से सुनिए

देश आज़ादी की 75वीं वर्षगांठ बहुत ही धूमधाम से मना रहा है, लेकिन इन सबके बीच देश की करीब आधी आबादी यानी महिलाओं की आवाज़ दबी रह जाती है. ईटीवी भारत ने इसको लेकर कुछ महिलाओं से पूछा कि उन्हें आज़ादी को लेकर क्या लगता है. क्या वो खुद को आज़ाद समझती हैं या फिर बस आज़ादी केवल नाम की है. इन महिलाओं में से अधिकतर महिलाओं ने रात में घूमने और कपड़े पहनने को लेकर रिस्ट्रिक्शन लगाए जाने की बात कही.

  • संसद में गुणवत्तापूर्ण बहस का अभाव है : CJI रमना

प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना ने कानून बनाते समय संसद में गुणवत्तापूर्ण बहस की कमी पर अफसोस जताया. CJI ने कहा, इससे बहुत सारे मुकदमे होते हैं और अदालतें, गुणवत्तापूर्ण बहस के अभाव में, नए कानून के पीछे की मंशा और उद्देश्य को समझने में असमर्थ हैं.

  • JNU की NCC कैडेट में लड़कियों की संख्या दोगुनी, सेना में भर्ती होकर करना चाहती हैं देशसेवा

15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में जेएनयू में बॉयज और गर्ल्स एनसीसी के कैडेट पहली बार जेएनयू के कुलपति प्रो. एम. जगदीश कुमार को गार्ड ऑफ ऑनर देंगे.

  • राकेश टिकैत की मासूम पोती बोली- दादा ! कृषि कानूनों को वापस कराकर ही घर आना

स्वतंत्रता दिवस पर राकेश टिकैत ने अपनी नन्हीं सी पोती को वीडियो कॉल किया. इस बातचीत में राकेश टिकैत ने कहा कि मैं वापस घर आ रहा हूं. इसपर बच्ची ने अपने दादा को जवाब दिया. जिसे सुनकर राकेश टिकैत हैरान रह गए.

  • कन्या कुमारी से कश्मीर तक एक भारत, समरसता का साम्राज्य बने

ईटीवी भारत पर स्वाधीनता दिवस के मौक़े पर कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया. इस राष्ट्र वंदन कार्यक्रम में कवियों ने अपनी रचनाएं सुनाईं और भारत के एक समरसता का साम्राज्य बनने की कामना की. देश 75वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है. इस मौके पर कवियों ने कहा कि यह जरूरी हो जाता है कि हम अपने अतीत को देखते हुए सुनहरे भविष्य की ओर आगे समरसता के साथ आगे बढ़ें.

  • अगर एक दिन के नायक बने तो क्या करेंगे ? सुनिए इन बच्चों के मन की बात

देश आज आज़ादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है. बच्चे, युवा, बुजुर्ग और महिलाएं सभी इस जश्न में शामिल हैं. आज हम आपको कुछ बच्चों के मन की बात सुना रहे हैं. इन बच्चों की बातों को सुनकर लग रहा है कि देश और दुनिया का भविष्य सुनहरा है. इनसे हमने पूछा कि अगर आपको एक दिन की कमान सौंप दी जाए तो ये अपने लिए क्या करेंगे. अपने देश के लिए क्या करेंगे. पर्यावरण को कैसे मैनेज करेंगे. इन नन्हें-मुन्ने बच्चों के मन की बात को आप भी सुनिए.

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