नई दिल्ली : कोरोना महामारी के चलते टाले गए गुरुद्वारा कमेटी के चुनाव 22 अगस्त को होने जा रहे हैं. गुरुद्वारा चुनाव में बस गिनती के दिन रह गए हैं. ऐसे में प्रत्याशी घर-घर जाकर चुनाव प्रचार कर रहे हैं. चुनाव के माहौल के बीच वोटर्स की राय जानने के लिए ईटीवी भारत ने राजधानी दिल्ली के अलग-अलग इलाकों के सिख समुदाय के लोगों से गुरुद्वारा चुनाव के संबंध में उनकी राय जानने की कोशिश की.
गुरुद्वारा चुनाव को लेकर भले ही प्रत्याशी जोश में हों, लेकिन सिख समुदाय से जुड़े कुछ ऐसे लोग भी हैं, जिन्होंने एक नहीं बल्कि कई गुरुद्वारा चुनाव को बहुत ही करीब से देखा है. उनका मानना है कि धर्म से जुड़ा यह चुनाव तो होना ही नहीं चाहिए. यह चुनाव अब धार्मिक रह ही नहीं गया है. इसमें पैसे के साथ-साथ शराब का चलन इतना अधिक हो गया है कि धार्मिक आस्था और भावना तो काफी पीछे छूट जाती हैं. एक ही धर्म और समुदाय के लोगों के बीच इस तरह के चुनाव की कोई जरूरत ही नहीं है. अगर किसी को किसी गुरुद्वारे की देखभाल उसके विकास और सिख समुदाय से जुड़े लोगों के विकास की बात करनी हो तो एक साथ बैठकर यह तय करना चाहिए. लोगों ने कहा कि चुनाव में लाखों करोड़ों रुपये खर्च होते हैं, इन्हें हम किसी अच्छे काम में खर्च कर सकते हैं.
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